इन लोगों को भूलकर भी फॉलो नहीं करनी चाहिए कीटो डाइट, एक्सपर्ट की राय
कीटो डाइटImage Credit source: Getty Images
आजकल का बिगड़ता हुआ लाइफस्टाइल सेहत से जुड़ी बहुत सी समस्याओं का कारण बन सकता है. जिसमें मोटापा भी शामिल है. आजकल बहुत लोगों को लाइफस्टाइल ऐसा है जिसमें वह एक जगह पर घंटों बैठे काम करते हैं. पहली और दूसरी मंजिल पर जाने के लिए भी लिफ्ट का उपयोग करते हैं. फिजिकल एक्टिविटी कम करना और अनहेल्दी, तला और मसालेदार खाना ज्यादा खाने के कारण कई लोग मोटापे की समस्या हो सकती है. जिसमें शरीर में पेट और की जगहों पर फैट जमा हो जाता है.
मोटापा बहुत सी परेशानियों का कारण बन सकता है. इसलिए लोग इसे कम करने के लिए कई प्रयास करते हैं. कई तरह की एक्सरसाइज, वर्कआउट या योग और डाइट अपनाते हैं. अगर नियमित रूप से सही रूटीन और डाइट फॉलो किया जाए तो थोड़े समय में अंतर दिखाई देने लगता है. जिसमें कीटो डाइट वेट लॉस के लिए की जाने वाली प्रसिद्ध डाइट में से एक है.
कीटो डाइट
कीटो डाइट को कीटोजेनिक डाइट के नाम से भी जाना जाता है. वेट लॉस के लिए ये डाइट कॉफी कारगर मानी जाती है. इस डाइट में कार्बोहाइड्रेट का कम और फैट का सेवन ज्यादा किया जाता है. साथ ही इस डाइट में प्रोटीन का सेवन भी सामान्य भाषा में किया जाता है. कीटो डाइट में ऐसे फूड्स का सेवन किया जाता है जिन्हें खाने के बाद शरीर को एनर्जी मिले. लेकिन हर व्यक्ति का शरीर एक दूसरे से अलग होता है. ऐसे में हर किसी को एक डाइट सूट करे ये जरूरी नही होता है. ऐसे ही कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें कीटो डाइट फॉलो नहीं करनी चाहिए.
डायबिटीज के मरीज
डायटिशियन मेधावी गौतम ने बताया कि डायबिटीज के मरीज को कीटो डाइट फॉलो नहीं करनी चाहिए क्योंकि इसकी कारण उन लोगों को मेजर हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है. ऐसी स्थिति जिसमें शुगर की मात्रा बहुत कम हो जाती है. क्योकि कीटो डाइट में कार्बोहाइड्रेट बिल्कुल बंद कर दिए जाते हैं.
किडनी की समस्या
किडनी के मरीज को भी कीटो डाइट नहीं फॉलो करनी चाहिए क्योंकि इस डाइट में सिर्फ प्रोटीन और फैट ज्यादा मात्रा में दिया जाता है, जो किडनी के मरीज के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है.
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम
डॉक्टर का कहना है कि (आईबीएस) के मरीज को भी कीटो डाइट फॉलो नहीं करनी चाहिए. क्योंकि इस डाइट में फाइबर बहुत कम मात्रा में दिया जाता है, जिसके कारण दस्त की समस्या हो सकती है. आईबीएस पाचन तंत्र से जुड़ी एक समस्या है, जिसके कारण पेट में दर्द, गैस, सूजन, ऐंठन दस्त या कब्ज जैसी परेशानी होती है.
प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीडिंग दौरान
प्रेग्नेंट और बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाओं को भी कीटो डाइट नहीं फॉलो करनी चाहिए. क्योंकि इन दोनों स्थिति में महिला के लिए सभी तरह के पोषण जरूरी होते हैं, जो कीटो डाइट से बिल्कुल नहीं मिल पाते हैं. इसलिए उन्हें इस दौरान बैलेंस डाइट ही लेनी चाहिए, जिससे उन्हें और उनके बच्चे को सभी तरह के पोषक तत्व प्राप्त हो. छोटे बच्चों से भी वजन कम करने के लिए कीटो डाइट नहीं फॉलो करवानी चाहिए.
ऑस्टियोपोरोसिस और हार्ट के मरीज
डॉक्टर का कहना है कि जिन लोगों की हड्डियों कमजोर हैं या जिन्हें ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्या है उन्हें भी कीटो डाइट फॉलो नहीं करनी चाहिए. क्योंकि इस डाइट में कीटो एसिडोट्स होता है, इसके कारण बोन्स के मिनरल इफेक्ट हो सकते हैं. जिससे ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या ज्यादा खराब हो सकती है. इसके अलावा हार्ट के मरीज को भी कीटो डाइट नहीं फॉलो करनी चाहिए.