मध्य प्रदेश: भोजशाला में ASI सर्वे का 91वां दिन, जमीन से निकले ये सबूत! | M… – भारत संपर्क

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मध्य प्रदेश: भोजशाला में ASI सर्वे का 91वां दिन, जमीन से निकले ये सबूत! | M… – भारत संपर्क

भोजशाला में एएसआई की टीम ने 91वें दिन का सर्वे पूरा किया
मध्य प्रदेश के इंदौर संभाग में स्थित धार भोजशाला का सर्वे चल रहा है. पिछले 91 दिनों से आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया यानी ASI यह सर्वे कर रही है. सर्वे ये पता लगाने के लिए है कि धार की भोजशाला मां सरस्वती का मंदिर है या कमाल मौलाना मस्जिद है. अब इस भोजशाला से कुछ ऐसे सबूत सामने आए हैं, जिसे लेकर हिंदू पक्ष ये दावा कर रहा है कि भोजशाला के मंदिर होने में किसी तरह का संदेह नहीं है.
भोजशाला में आज ASI के सर्वे का 91वां दिन था. इस दौरान उसे खुदाई में कुछ ऐसी चीजें मिली हैं जो हिंदू धर्म से जुड़े हैं. खुदाई के दौरान डेढ़ फीट की काले पत्थर से बनी भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा मिली है. श्रीकृष्ण की ये प्रतिमा उसे उत्तर पूर्वी हिस्से में प्राप्त हुई है. इसके अलावा हिंदू धर्म से जुड़े 2 पत्थर भी मिले हैं. जिन पर सनातन धर्म के प्राचीन प्रतीक चिह्नित है. इन सभी सभी अवशेषों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी ASI की टीम ने की है.
कुछ दिन पहले भी सामने आए थे कई राज
खास बात ये है कि कुछ दिन पहले ही भोजशाला के एक बंद कमरे से कुछ ऐसे राज सामने आए थे, जिन्हें हिंदू पक्ष अपनी जीत बता रहा है. भोजशाला में लंबे वक्त से एक बंद कमरे को ASI ने खोला तो इसमें हिंदू धर्म से जुड़े 79 ऐसे सबूत मिले जिसके आधार पर हिंदू पक्ष इस भोजशाला को मंदिर बता रहा है. सबसे पहले हम आपको ये बताते है कि भोजशाला के इस कमरे से क्या क्या मिला है.

कमरे की जांच की तो उसे मां वाग्देवी की खंडित प्रतिमा मिली.
जमीन के नीचे भगवान श्री गणेश की मूर्ति मिली.
इसके अलावा भगवान हनुमान की मूर्ति भी इस कमरे में पाई गई है.
मां महिषासुर मर्दिनी, मां पार्वती और भैरव नाथ जी का स्वरूप भी इस कमरे में पाया गया है.
अन्य देवी देवताओं की प्रतिमाएं मिलने के बाद हिंदू पक्ष अपना दावा मजबूत बता रहा है.
बंद कमरे के प्रवेश द्वार पर शंख, चक्र और गदा के चिन्ह बने हुए हैं
इस तरह के हिंदू धर्म से जुड़े 79 अवशेष इस कमरे से ASI की टीम को हासिल हुए हैं.

अब हिंदू और मुस्लिम पक्ष क्या कह रहे?
– हिंदू पक्ष का दावा है कि प्रतिमाएं भोजशाला के कमरे से मिली हैं. उससे ये साबित होता है कि धार भोजशाला मंदिर था. जबकि मुस्लिम पक्ष का तर्क है कि कमरा 1997 में सील किया गया था. तब कमरा खाली था और ये प्रतिमाएं बाद में रखी गई हैं.
– हिंद पक्ष का कहना है कि भोजशाला का जो कमरा खुला है और जो हिंदू देवी देवताओं की जो मूर्तियां मिली हैं उससे ये भी पुष्टि होती है कि ये कोई परिसर नहीं बल्कि देव स्थान है. वहीं, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मूर्तियां कमरे में कैसे आईं. ये जांच का विषय है.

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