इस भारतीय ने दूर कर दीं दुबई से जुड़ी ये 6 गलतफहमियां, जिनपर लोग आंख मूंदकर करते हैं…

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इस भारतीय ने दूर कर दीं दुबई से जुड़ी ये 6 गलतफहमियां, जिनपर लोग आंख मूंदकर करते हैं…
इस भारतीय ने दूर कर दीं दुबई से जुड़ी ये 6 गलतफहमियां, जिनपर लोग आंख मूंदकर करते हैं भरोसा

दुबई से जुड़े मिथकों की सच्चाई (फोटो: Twitter/@rohit_thinks)

दुबई की गिनती दुनिया की सबसे महंगी जगहों में होती है, जहां अक्सर लोग घूमने-फिरने के लिए जाते रहते हैं. यहां की बड़ी-बड़ी इमारतें, खूबसूरत गाड़ियां, कसीनो, रेस्टोरेंट और चमकते बीच लोगों का मन मोह लेते हैं. वैसे दुबई से जुड़ी कुछ गलतफहमियां भी हैं, जिन्हें लोग सच मानते हैं. इन्हीं गलतफहमियों को दूर करने का काम एक भारतीय शख्स ने किया है. उसने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है और इसके माध्यम से उसने दुबई से जुड़े कुछ आम मिथकों को दूर करने की कोशिश की है.

इस शख्स का नाम रोहित मनचंदा है, जो दुबई में ही रहते हैं. उन्होंने जो पोस्ट शेयर किया है, उसमें लिखा है, ‘मैं दुबई में रहता हूं. यहां से जुड़े कई सारे मिथक हैं. आइए उनका सच जानें’. रोहित ने जिस पहले मिथक से पर्दा हटाया है, वो ये है कि कई लोग मानते हैं कि दुबई एक रेगिस्तानी इलाका है तो यहां गर्मी भी बहुत पड़ती होगी, जबकि इस बारे में रोहित का कहना है कि ‘यहां हमेशा चिलचिलाती गर्मी नहीं पड़ती है. जून से सितंबर एकमात्र ‘गर्म महीने’ हैं, जिनमें तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक होता है. अन्य महीनों में मौसम काफी अनुकूल रहता है’.

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शराब पर नहीं है प्रतिबंध

इसके अलावा उन्होंने शराब से जुड़े मिथक को लेकर भी स्पष्ट किया कि ‘यहां शराब पर प्रतिबंध नहीं है. गैर-मुसलमानों को लाइसेंस प्राप्त बार और रेस्टोरेंट में शराब पीने की अनुमति है. घर पर व्यक्तिगत उपभोग के लिए आपको सिर्फ अल्कोहल लाइसेंस के लिए आवेदन करना होगा’. रोहित ने इस बात पर भी जोर दिया कि दुबई वास्तव में महिलाओं के लिए अनुकूल है. उनका कहना है कि यूएई लैंगिक समानता को बढ़ावा देने पर जोर देता रहा है. यहां की महिलाएं अब काम भी कर रही हैं और उन्हें पुरुषों के समान ही कानूनी अधिकार भी प्राप्त हैं.

अंग्रेजी बोलते हैं ज्यादातर लोग

कई लोग मानते हैं कि दुबई में अरबी ही प्रमुख भाषा है, लेकिन ऐसा नहीं है. रोहित ने अपने पोस्ट में स्पष्ट किया है कि ‘अरबी एकमात्र बोली जाने वाली भाषा नहीं है. अंग्रेजी एक व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है, क्योंकि दुबई में कई प्रवासी रहते हैं’. उन्होंने इस मिथक को भी खारिज कर दिया कि हर प्रवासी शानदार जिंदगी जी रहा है. उन्होंने कहा, ‘हर प्रवासी आलीशान लाइफस्टाइल में नहीं जा रहा है, बल्कि शिक्षा, खुदरा और स्वास्थ्य सेवा में सामान्य नौकरियां करने वाले भी कई प्रवासी हैं. यहां अपनी आय के अनुसार संयमित जीवनशैली जीना संभव है’.

दुबई शहर है देश नहीं

उन्होंने अपनी पोस्ट में ये भी बताया है कि कई लोग मानते हैं कि दुबई एक देश है. उन्होंने लोगों के इस भ्रम को तोड़ने की कोशिश की है और लिखा है, ‘दुबई एक शहर है, देश नहीं. यह संयुक्त अरब अमीरात में स्थित एक शहर है’.

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