आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से ऐसे बदल रहा हेल्थकेयर सेक्टर,…- भारत संपर्क
AI से ऐसे बदल रहा हेल्थकेयर सेक्टर, जेनरेट हो सकती है 27 लाख नौकरियां
आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस यानी एआई का दायरा अब देश के हर सेक्टर में बढ़ता जा रहा है. अब इसकी डिमांड हर सेक्टर में बढ़ने लगी है. सरकार कई इंडस्ट्रीज में एआई का तेजी से चलन बढ़ा है. सरकार फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री से लेकर ऑटो तक में इसको बढ़ावा दे रही है. इसी कड़ी में हेल्थ सेक्टर से जुड़े लोग भी इस सेक्टर में इसे और बूस्ट करने की मांग कर रहे हैं.
इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक हेल्थकेयर इंडस्ट्री जितनी तेजी से बढ़ रही है. उसमे अगर एआई को बढ़ावा मिले तो यह और ग्रोथ कर सकता है. इस रिपोर्ट के मुताबिक इस सेक्टर में एआई और तकनीक से जुड़े लोगों की मांग काफी बढ़ने वाली है. आने वाले समय में इसमें करीब 27 लाख रोजगार पैदा होने की संभावना जताई जा रही है.
एआई कैसे करेगा मदद
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हेल्थकेयर सेक्टर में कई बदलाव लेकर आया है, जो रोगी की देखभाल और क्वालिटी जीवन जीने में मदद कर सकता है. एआई टेक्नॉलिजी में तेजी से विकास, हेल्थ की देखभाल के लिए ड्रिस्ट्रीब्यूशन हो या क्लिनिकल प्रोसेस में सहजता से शामिल करके बदलाव का एक अवसर पेश करता है.क्लिनिकल सेटिंग्स में एआई कार्यप्रणाली की विस्तृत समझ इसे सफलतापूर्वक अपनाने और जरूरी संसाधनों के साथ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण है.
जांच करने में आसानी
हेल्थकेयर में एआई को शामिल करने से रोग का पता करने, उपचार का निर्णय लेने और क्लिनिकल जांच में आसानी हो सकती है. बड़े डाटासेट के साथ एआई मुश्किल स्थितियों को भी समझ सकते हैं, जिन्हें आमतौर पर विभिन्न हेल्थकेयर क्षेत्रों में मानवीय स्तर पर समझना मुश्किल होता है.
मानवीय गलती होने के खतरे को कम करने के साथ एआई, बेहद स्पष्ट रूप से प्रभावी लागत और समय की बचत करता है. इसका एप्लिकेशन रोगी के उपचार में क्रांति लाने, दवा की खुराक को अनुकूलित करने, जनसंख्या स्वास्थ्य प्रबंधन को मजबूत करने, क्लिनिकल दिशानिर्देश निर्धारित करने, वर्चुअल हेल्थकेयर सहायता प्रदान करने, मानसिक स्वास्थ्य सहायता को मजबूती देने, रोगी को जागरूक करने और रोगियों और चिकित्सकों के बीच भरोसे को बढ़ावा देने के लिए है.
प्रोवाइडर्स को कैसे मिलेगा फायदा
हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स को रोगी के देखभाल में एआई को प्रभावी रूप से शामिल करने की आवश्यक समझ और उपकरणों से लैस होने पर क्लिनिकल प्रैक्टिस में एआई की भूमिका से संबंधित दस्तावेज़ीकरण और ज्ञान के प्रसार में अनिवार्यता होना जरूरी है.
ग्लोबल लेबल पर हेल्थकेयर सेक्टर में विकास के बावजूद, जटिल तंत्र और लक्षणों के कारण रोग का निदान चुनौतीपूर्ण बना हुआ है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), विशेष रूप से मशीन लर्निंग (एमएल), निदान सहित हेल्थकेयर में क्रांति लाने का वादा करती है. वहीं डेटा गुणवत्ता और मात्रा पर एमएल की निर्भरता क्लिनिकल मुश्किलों को कम करने में मदद करती है. गहन समझ, कन्वेन्शनल न्यूरल नेटवर्क्स (सीएनएन) और डेटा माइनिंग का प्रयोग करके यह डेटासेट के भीतर पैटर्न पहचान में खासियत रखता है.
AI सही समय ओर सही निर्णय लेने में सक्षम
एआई तकनीक, चिकित्सकों को सही समय पर सहायता और अन्तर्दृष्टि प्रदान करके चिकित्सा निर्णय लेने में वृद्धि करने की क्षमता रखती है. जैसे एक्स-रे, सीटी स्कैन और एमआरआई में एआई को शामिल करने के लिए चल रहे अनुसंधान प्रयास, विविध रास्ते तलाशते हैं. एआई, एमएल तकनीकों का फायदा उठाते हुए, असंगतियों की पहचान करने, फ्रैक्चर, ट्यूमर और अन्य रोग संबंधी स्थितियों का पता लगाने में सहायता करता है, जबकि चिकित्सा निदान में तेजी लाने और सुधार करने के लिए परिणाम संबंधी माप पेश करता है.
बीमारी का पता लगाने में मदद
एआई-संचालित सिस्टम किसी व्यक्ति के उपचार के लिए योजनाओं को तैयार करने और सही परिणाम प्राप्त करने के लिए जेनेटिक, बायोमार्कर, अन्य बीमारी और उपचार प्रतिक्रियाओं सहित रोगी के विशेष डेटा का पता करते हैं. बीमारी का सटीक पता करके अनुकूल उपचार के साथ एआई-संचालित वैयक्तिकृत दवा अधिक असरदार है और प्रतिकूल प्रभावों को कम करती है.
इसके अलावा, एआई-संचालित डायग्नोस्टिक उपकरण मेडिकल इमेज और पैथोलॉजी स्लाइडों का तेजी से और सटीक विश्लेषण करने के लिए मशीन लर्निंग एल्गोरिदम का उपयोग करते हैं, जिससे समय पर उपचार और पूर्वानुमान में सहायता मिलती है.
डेटा का संचालन
एआई उपकरण, प्रवृत्तियों की पहचान करने, रोगी के भविष्य के परिणामों की जानकारी देने और रणनीतिक निर्णय लेने का मार्गदर्शन करके हेल्थकेयर मार्केटिंग एजेंसियों को मूल्यवर्धित सहायता प्रदान करते हैं. एल्गोरिदम के माध्यम से, एआई विभिन्न डेटा स्रोतों के जरिये पैटर्न और पारस्परिक संबंधों को उजागर कर सकता है, जिससे रोगी के व्यवहार और प्राथमिकताओं के बारे में मार्केटर की समझ बढ़ सकती है. यह वैयक्तिकृत रोगी यात्राओं, लक्षित विज्ञापन अभियानों और उन्नत संचार और व्यवसायिक रणनीतियों को सक्षम बनाता है.
स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एआई के अनेक लाभों के बारे में बात करते हुए पब्लिक मीडिया सॉल्यूशन, के संस्थापक और सीईओ रविंदर भारती का कहना है कि एआई की पूर्वानुमानित विश्लेषण क्षमता, हेल्थकेयर मार्केटर को रोगी की जरूरतों का अनुमान लगाने, अधिक जोखिम वाले रोगी की पहचान करने में सक्षम बनाती हैं और वह पूर्व निवारण के लिए देखभाल सुनिश्चित करते हैं. हेल्थकेयर मुहैया करने वाले, एआई प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाकर रोगी को बेहतर परिणाम दे सकते हैं, उनकी लागत कम कर सकते हैं और स्वास्थ्य सेवा को अधिक सक्रिय बना सकते है.
चौबीसों घंटे बेहतर अनुभव
हेल्थकेयर में 24 घंटे, सातों दिन एआई-संचालित चैटबॉट की उपलब्धता, त्वरित प्रतिक्रिया और सटीक जानकारी के माध्यम से ग्राहकों की संतुष्टि को बढ़ाते हैं. वे अप्वांटमेंट शेड्यूल को सुव्यवस्थित करते हैं, लक्षण आंकलन करते हैं , मेडिकेशन रिमाइंडर देते हैं, भावनात्मक समर्थन प्रदान करते हैं, और भाषा/सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील होते हैं. इसके अलावा, वे प्रशासनिक प्रबंधन के बोझ को कम करते हैं और डेटा संग्रह/विश्लेषण की सुविधा प्रदान करते हैं.
ये चैटबॉट हेल्थकेयर की पहुंच बढ़ाते हैं, इसकी लागत कम करते हैं, मापनीयता प्रदान करते हैं और रोगी की सहभागिता बढ़ाते हैं, जिससे आखिर में सम्पूर्ण स्वास्थ्य देखभाल परिणामों में सुधार होता है. आश्चर्यजनक रूप से 78% चिकित्सक अप्वाइंटमेंट बुकिंग को सुव्यवस्थित करने में मेडिकल वर्चुअल सहायकों की विशाल क्षमता को मानते हैं. उत्पाद संबंधी पूछताछ का जवाब देने से लेकर अपॉइंटमेंट देने और बुनियादी समस्या निवारण मार्गदर्शन प्रदान करने तक, ये चैटबॉट एक समृद्ध व्यक्तिगत ग्राहक अनुभव प्रदान करते हैं.