आपको फिल्में दिखाकर OTT कंपनियां ऐसे करती हैं कमाई, ऐसे बढ़…- भारत संपर्क

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आपको फिल्में दिखाकर OTT कंपनियां ऐसे करती हैं कमाई, ऐसे बढ़…- भारत संपर्क
आपको फिल्में दिखाकर OTT कंपनियां ऐसे करती हैं कमाई, ऐसे बढ़ रही पहुंच

आपको फिल्में दिखाकर OTT कंपनियां ऐसे करती है कमाई, ऐसे बढ़ रही पहुंच

कोरोना महामारी के दौर में डिजिटल वर्ल्ड में एक गजब की क्रांति हुई. शहर से लेकर गांव तक में ओटीटी प्लेटफॉर्म का चलन बढ़ गया. मोबाइल पर ही लोगों को मनपसंद वेब सीरीज, फिल्में और शो मिलने लगे. जिसके चलते अब उन्हें कहीं जानें की जरुरत नहीं थी. कोरोना महामारी के बाद से बहुत ही कम वक्त में हर किसी के जीवन का ‘ओटीटी’ .’ अभिन्न अंग बन गया और एंटरटेनमेंट तक लोगों की पहुंच भी आसान बना दी है. इससे न सिर्फ उनकी कमाई होती है बल्कि फिल्मों और वेब सीरीज की भी जबरदस्त कमाई होती है.

क्या होता है OTT?

ओटीटी का फुल फॉर्म ‘ओवर द टॉप’ होता है. यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहां इंटरनेट के जरिए आप ऐप पर ही वेब सीरीज, फिल्में, और सीरियल देख सकते है. हर तरह का कंटेंट आपको ओटीटी प्लेटफॉर्म पर मिल जाता है. कुछ ओटीटी ऐसे भी हैं, जहां कंटेंट देखने को लिए आपसे चार्ज भी किया जाता है, वहीं कुछ बिल्कुल फ्री होते हैं. ओटीटी प्लेटफॉर्म इंटरनेट की मदद से चलते है.

अरबों में होती है कमाई

दुनियाभर में OTT प्लेटफार्म और कंपनियां अपने रेवेन्यू मॉडल्स से लगभग लाखों करोड़ों रुपए से ज्यादा की कमाई करते हैं. सिर्फ भारत की बात करें तो यहां 45 करोड़ OTT सब्सक्राइबर्स हैं जिनसे OTT कंपनियों को 22.62 अरब का रेवेन्यू जेनेरेट होता है. स्टॉक ग्रो की रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 तक ये रेवेन्यू बढ़ते OTT क्रेज के साथ 93.67 अरब का होने की उम्मीद है. लेकिन सवाल उठता है कि वो कमाई कैसे करते हैं? ऐसे में आइए जानते हैं ओटीटी की कमाई की पूरी एबीसीडी.

OTT का ये है बिजनेस मॉडल

  • TVOD (Transactional Video On Demand)- इसमें यूजर प्लेटफॉर्म से कुछ डाउनलोड करने का पैसा देता है. मान लीजिए अगर आपको कोई वेब सीरीज या फिल्म देखनी है, लेकिन OTT प्लेटफार्म पर वो रेंट पर अवेलेबल है तो ऐसे में आपको उस कंटेंट को डाउनलोड करने के लिए OTT प्लेटफार्म को पैसा देना होता है.
  • SVOD (Subscription Video On Demand)- इसमें यूजर महीनेभर या कुछ दिन का पैसे देकर सबस्क्रिप्शन लेता है और अपना फेवरेट कंटेंट देखता है. इसको आप ऐसे समझ सकते हैं कि आपने उस OTT प्लेटफॉर्म पर फिल्म देखने के लिए एक महीने का सब्सक्रिप्शन लेकर देख सकते हैं. ये पैसा डायरेक्ट OTT कंपनी को जाता है.
  • AVOD (Advertising Video On Demand)- यह बिल्कुल फ्री होता है. इसमे कोई पैसे नहीं देने होते. हालांकि कंटेंट के बीच-बीच में कई बार प्रचार यानी एड आते हैं. इन्हें स्किप नहीं किया जा सकता. इन एड्स के लिए भी ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को पैसे मिलते हैं. इससे अच्छी-खासी क माई होती है.
  • मल्टी स्क्रीन मॉडल- OTT की कमाई का ये बिजनेस मॉडल काफी सिंपल है. इसमें अगर किसी शख्स के पास है तो वो स्मार्टफोन के अलावा, लैपटॉप, TV, iPad, टेबलेट पर अपनी सुविधा के अनुसार कंटेंट देख सकता है. हालांकि, मल्टी स्क्रीन का खर्च आमतौर पर सिंगल सिंगल स्क्रीन सब्सक्रिप्शन से ज्यादा होता है.

ऐसे भी होती है कमाई

OTT प्लेटफार्म इन तरीकों के अलावा डायरेक्ट एड या विज्ञापन से भी कमाई करते हैं. OTT ये तय करता है कि वो कब और कितना कौन सा एड आपको दिखाकर कमाई कर सकता है. यह विज्ञापनदाताओं के साथ साझेदारी बनाने और आपकी पहुंच का विस्तार करने के अवसर बनाने में मदद करता है और दूसरी तरफ दर्शकों के लिए समग्र उपयोगकर्ता अनुभव को भी बेहतर बना सकता है.

मूल रूप से, डायरेक्ट विज्ञापन का अर्थ है किसी भी डिवाइस पर दर्शकों तक सीधे विज्ञापन पहुंचाना. डायरेक्ट विज्ञापन आमतौर पर किसी विज्ञापन एक्सचेंज या अन्य बिचौलियों के बजाय सीधे विज्ञापनदाताओं या विज्ञापन एजेंसियों को विज्ञापन की डील करता है. विज्ञापनदाता आमतौर पर अपने विज्ञापनों को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर प्रदर्शित करने के लिए शुल्क का भुगतान करते हैं, और विज्ञापन प्लेसमेंट विभिन्न रूप ले सकते हैं, जैसे प्री-रोल विज्ञापन जो वीडियो से पहले चलते हैं, मिड-रोल विज्ञापन जो वीडियो के दौरान चलते हैं, या बैनर विज्ञापन जो वीडियो के दौरान चलते हैं. प्लेटफ़ॉर्म की वेबसाइट या ऐप पर दिखाई दें.

आसान भाषा में बिजनेस मॉडल

कुल मिलाकर ओटीटी पर बिज़नेस का मॉडल बहुत साधारण है. पहले प्लेटफॉर्म अपने कॉंटेंट को बनाने या खरीदने में पैसा खर्च करता है और उसके बाद दर्शकों या यूज़रों से एक चार्ज लेकर वो कॉंटेंट बेचा जाता है. ओटीटी प्लेटफॉर्म बनाना बड़ी हैक्टिक प्रक्रिया है और साथ ही व्यापार की दुनिया में यह निगेटिव कैश फ्लो वाला सिस्टम है. दूसरी तरफ, कई प्लेटफॉर्म यूज़रों की सुविधानुसार प्रति सप्ताह, प्रति महीने, प्रतिदिन और प्रतिवर्ष जैसे पेमेंट सिस्टम भी मुहैया करवाते हैं.

टॉप स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म

पॉपुलर ओटीटी प्लेटफॉर्म की बात करें तो इनमें नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम वीडियो, डिज्नी प्लस हॉटस्टार, जी5, सोनी लिव, एमएक्स प्लेयर, आल्ट बालाजी, वूट, होईचोई और इरोज नाउ के नाम प्रमुखता से आते हैं. वहीं, कमाई के नजरिए से बात करें तो टॉप पर हॉटस्टार है, उसके बाद प्राइम वीडियो, Netflix, zee5, जियो सिनेमा आते हैं.

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