मोदी 3.0 में ऐसे होगा रेलवे का कायाकल्प, नई वंदे भारत, अमृत…- भारत संपर्क
रेलवे का होगा कायाकल्प
लोकसभा चुनाव के बाद नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बन चुके हैं. इसी के साथ नई सरकार में मंत्रियों के पोर्टफोलियो बंटवारे और कैबिनेट की पहली मीटिंग से साफ है कि सरकार का फोकस देश के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के साथ-साथ कल्याणकारी योजनाओं पर रहने वाला है. इसमें रेलवे की अहम भूमिका है. मोदी 3.0 में देश का रेलवे सेक्टर काफी बदलाव करने वाला है, जिसमें नई वंदे भारत ट्रेन से लेकर अमृत भारत ट्रेन और रेलवे में कंफर्म सीट के लिए वेटिंग टाइम को कम करने पर जोर रहने वाला है.
मोदी 3.0 में रेलवे कितना अहम रहने वाला है. इसका पता इसी बात से चलता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेलवे मंत्रालय की जिम्मेदारी एक बार फिर अश्विनी वैष्णव को दी है. ऐसे में पिछली सरकार ने रेलवे को लेकर जो योजनाएं बनाई हैं, उनके जारी रहने की पूरी उम्मीद है.
रेलवे का 100 दिन का एजेंडा
सरकार के गठन और मंत्रियों के पदभार संभालने के बाद अब सभी लोग अपने 100 दिन का एजेंडा तैयार करेंगे. सरकार के पिछले दो कार्यकाल में रेलवे का फोकस यात्रियों और माल दोनों में अपनी क्षमता बढ़ाने का रहा है. ईटी की खबर के मुताबिक ऐसे में सरकार का फोकस इन कामों पर हो सकता है.
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- सरकार का फोकस पैसेंजर्स और कारगो की कैपेसिटी बढ़ाने के लिए नई लाइंस डेवलप करने पर, फ्रेट कॉरिडोर पर तेजी से काम करने पर रह सकता है.
- इसके अलावा ज्यादा से ज्यादा लोग रेलवे से सफर करें. इसके लिए सरकार का फोकस रेलवे टिकट में वेटिंग टाइम को कम करने और उन्हें कंफर्म करने पर सह सकता है. इसके लिए सरकार को पहले से ज्यादा ट्रेनों का परिचालन करना होगा.
- इसके अलावा सरकार का फोकस वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनों की संख्या बढ़ाने और वंदे मेट्रो को जल्द से जल्द पूरी तरह चालू करने पर रह सकता है.
- इसी के साथ सरकार का फोकस रेलवे की सेफ्टी पर भी रहने वाला है. ये सभी वो फोकस पॉइंट हैं जिस पर सरकार लंबे समय से काम कर रही है और मोदी 3.0 में भी इसके जारी रहने की पूरी संभावना है.
भारतीय रेल का आधुनिकीकरण
भारत सरकार लंबे समय से रेलवे के आधुनिकीकरण पर ध्यान दे रही है. इसलिए देश में रेलवे स्टेशनों को मॉडर्न बनाया जा रहा है. वहीं अधिकतर रूट्स का इलेक्ट्रिफिकेशन और दोहरीकरण कर दिया गया है. एसी ट्रेनों को आधुनिक बनाकर वंदे भारत एक्सप्रेस को डिजाइन कर लिया गया है और अब बारी स्लीपर ट्रेनों की है, जिसके लिए बीईएमएल ने इनका स्लीपर वर्जन भी तैयार किया है.
भारत में ही बनेगी बुलेट ट्रेन
इसी के साथ सरकार रेलवे सेक्टर में अब बुलेट ट्रेन के काम को तेजी से पूरा करने पर फोकस करने जा रही है. एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में जिन ट्रेन्स का इस्तेमाल किया जाएगा, संभावना है कि उन्हें भारत में ही तैयार किया जाए. इसके लिए चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्टरी को इसे डेवलप करने का टास्क दिया गया है. इसके लिए जापानीज सप्लायर्स के साथ सहमति भी लगभग बन चुकी है.