टाटा की इस कंपनी ने किया कंगाल, निवेशकों का ऐसे हुआ बुरा हाल…- भारत संपर्क

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टाटा की इस कंपनी ने किया कंगाल, निवेशकों का ऐसे हुआ बुरा हाल…- भारत संपर्क
टाटा की इस कंपनी ने किया कंगाल, निवेशकों का ऐसे हुआ बुरा हाल…- भारत संपर्क
टाटा की इस कंपनी ने किया कंगाल, निवेशकों का ऐसे हुआ बुरा हाल

टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन के शेयर में लगातार 11वें कारोबारी सेशन में गिरावट देखने को मिली.

टाटा ग्रुप कंपनियां निवेशकों को फायदा पहुंचाने के लिए जानी जाती है. ऐसे मौके कम ही देखने को मिलते हैं कि जिसमें टाटा ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में निवेशकों को नुकसान उठाना पड़े. लेकिन बीते 11 दिनों में रतन टाटा की कंपनी से निवेशकों को एक शेयर पर करीब 4100 रुपए का नुकसान हो गया है. खास बात तो ये है कि ये नुकसान टाटा ग्रुप की सबसे बड़ी कंपनी टीसीएस के एक शेयर की कीमत से भी ज्यादा है. जी हां, आज हम बात टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन की कर कर रहे हैं, जोकि 11 कारोबारी दिनों में अपने लाइफ टाइम हाई से करीब 42 फीसदी नीचे आ चुका है.

रिकॉर्ड हाई से 42 फीसदी नीचे

टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन के शेयर की कीमत में मंगलवार को फिर से 5 फीसदी का लोअर सर्किट लगा, जिससे लगातार 11वें कारोबारी सेशन में तेज गिरावट आई. टाटा इन्वेस्टमेंट के शेयर बीएसई पर 5 फीसदी की लोअर सर्किट लिमिट पर 5,662.20 पर बंद थे, जो 7 मार्च को अपने 52-सप्ताह के हाईएस्ट लेवल 9,744.40 रुपए से लगभग 42 फीसदी गिर चुका है. इसका मतलब है कि कंपनी का शेयर तब से करीब 4100 रुपए नीचे आ चुका है. अगर बात बीते एक महीने की करें तो कंपनी के शेयर में 20 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. आज की गिरावट के साथ, टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन का बाजार पूंजीकरण घटकर 28,648 करोड़ रुपए हो गया है, जो 7 मार्च के 49,365 करोड़ था. इसका मतलब है कि कंपनी के मार्केट कैप में तब से अब तक 20,717 करोड़ रुपए की भारी गिरावट आ चुकी है.

पहले आई थी तेजी

सितंबर 2025 तक टाटा संस की लिस्टिंग की संभावना के बीच टाटा इन्वेस्टमेंट के शेयरों में इस महीने की शुरुआत में तेजी देखने को मिली थी. टाटा इन्वेस्टमेंट के शेयरों में लगातार अपर सर्किट देखने को मिला. क्योंकि इस कंपनी को संभावित टाटा संस की लिस्टिंग से एक प्रमुख बेनिफिशरी के रूप में देखा गया था. टाटा इन्वेस्टमेंट टाटा संस की सहायक कंपनी है जो लांगटर्म इंवेस्टमेंट में माहिर है. टाटा संस और टाटा ग्रुप की अन्य कंपनियों के पास सामूहिक रूप से टाटा इन्वेस्टमेंट की कैपिटल का लगभग 73.38 फीसदी हिस्सा है.

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आरबीआई ने जारी किया था नोटिफिकेशन

टाटा संस को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ‘अपर लेयर’ एनबीएफसी के रूप में कैटेगराइज किया गया है. टाटा संस सितंबर 2023 में आरबीआई द्वारा जारी अधिसूचना के तीन साल के भीतर लिस्ट होने के लिए बाध्य है. हालांकि, टाटा संस के पब्लिक होने की संभावना कम है क्योंकि समूह कथित तौर पर भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के नियमों का पालन करने के लिए रणनीतियां तलाश रहा है. हाल ही में, टाटा संस ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज में अपनी 0.64 फीसदी हिस्सेदारी बेची है, जिससे लगभग 9,000 करोड़ रुपए जुटाए गए हैं.

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