ये जंग अभी और तेज होगी! परमाणु हथियारों को नए ठिकानों पर तैनात क्यों कर रहे अमेरिका… – भारत संपर्क

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ये जंग अभी और तेज होगी! परमाणु हथियारों को नए ठिकानों पर तैनात क्यों कर रहे अमेरिका… – भारत संपर्क
ये जंग अभी और तेज होगी! परमाणु हथियारों को नए ठिकानों पर तैनात क्यों कर रहे अमेरिका और रूस?

फाइल फोटो, पुतिन और बाइडेन

समूची दुनिया न्यूक्लियर हथियारों की होड़ में पागल नजर आती है. इसकी वजह है कि कोई देश थोड़ा सा भी खतरा अगर महसूस करे तो झट से न्यूक्लियर हमले की ताकत उसके पास हो. वहीं कुछ, दुश्मन देश के पास इसकी ताकत न आ जाए इसके लिए हर संभव जतन करते हैं.

जैसे ईरान को लेकर चीन की पूरी कशमकश यही है कि किसी भी तरह वह परमाणु हथियारों से लैश न हो जाए. रूस ने भी एक चिंता व्यक्त की है. रूस का कहना है कि अमेरिकी परमाणु हथियारों की ब्रिटेन में वापसी खतरनाक साबित हो सकती है. अमेरिका वहीं इस बात से चिंतित है कि रूस ने बेलारूस में अपने परमाणु हथियारों की तैनाती कर दी है जिससे यूरोप इसकी जद में आ गया है.

15 साल बाद होगी तैनाती

रूस में फिलहाल उप विदेश मंत्री हैं सर्गेई रयाबकोव, उन्होंने ये बात कही कि ब्रिटेन में अमेरिकी परमाणु हथियारों की वापसी एक खतरनाक कदम होगी. सर्गेई का मानना है कि अगर ऐसा होता है तो यह यूरोप की सुरक्षा को कमजोर करने वाला वाकया होगा.

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यह बयान ऐसे समय में आया है जब तमाम मीडिया रपटों में ये कहा जा रहा है कि रूसी खतरे को देखते हुए अमेरिका अपने परमाणु हथियारों को ब्रिटेन में भी तैनात करने पर विचार कर रहा है. अगर ऐसा होता है तो यह पिछले 15 साल में पहली बार होगा.

हिरोशिमा से 3 गुना ताकतवर

एक रपट के मुताबिक, अमेरिका जिस परमाणु हथियार को तैनात करने की चाह रख रहा है, वह हिरोशिमा में गिराए गए बम से तीन गुना अधिक शक्तिशाली बताया जा रहा. इसको सफोल्क के आरएएफ लैकेनहीथ में तैनात किया जाएगा.

आज से 15 बरस पहले साल 2008 तक अमेरिका ने इसी आरएएफ लैकेनहीथ में परमाणु हथियारें तैनात की थी मगर जब उसको लगने लगा कि रूस से कोल्ड वॉर का खतरा अब कम हो गया है तो वाशिंगटन ने उन हथियारों को वहां से हटाने का फैसला किया था.

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रूस ने अमेरिका, नाटो को चेताया

अमेरिका का यह फैसला यूरोप, रूस समेत समूची दुनिया के लिए एक अहम कदम होगा. रूस के उप विदेश मंंत्री ने तो चेतावनी देते हुए इसको पूरे इलाके को अस्थिर करने वाला फैसला कहा है. सर्गेई का तो यह भी मानना है कि इस तरह का कोई भी कदम ना तो अमेरिका के और ना ही ब्रिटेन की सुरक्षा हित में होगा.

सर्गेई का तो यहां तक मानना है कि इससे पूरे खित्ते में तनाव और चरम हो फैल जाएगा. अमेरिका के कदम को रूस ने यूरोप की सुरक्षा के लिए चिंता बताया है. सर्गेई ने नाटो को भी सतर्क किया है और कहा है कि मामला खतरनाक होता जा रहा है, वह संभल कर आगे कदम बढ़ाएं.

ब्रिटेन को किस बाात की चिंता

कुछ थिंकटैंक समेत दुनिया के जानकार लोगों ने ब्रिटेन को यह सलाह दी है कि नाटो और रूस के बीच अगर जंग की स्थिति बनती है तो ब्रिटेन को परमाणु शक्तियों के साथ तैयार रहना चाहिए. मुमकिन है कि इसको देखते हुए ब्रिटेन कुछ नागरिकों और रिजर्व फोर्स को भी बहुत जल्द अपनी सेना में भर्ती करने पर विचार करे. 74 हजार सैनिक देश में फिलहाल तैनात हैं जबकि 45 हजार के करीब रिजर्व हैं.

रूस, परमाणु हथियार और बेलारूस

ये पूरी कहानी इतनी रंगीन तब हुई जब पिछले बरस रूस ने यह माना कि उसने अपनी न्यूक्लियर हथियारों की एक खेप को पड़ोसी देश बेलारूस में तैनात कर दिया है. रूस ने तब कहा था कि हालांकि वह इसका इस्तेमाल तभी करेगा जब उसकी सुरक्षा को खतरा हो. अमेरिका ने तब ये कहा था कि रूस फिलहाल तो इन हथियारों का इस्तेमाल खासकर यूक्रेन पर हमले के लिए नहीं करने जा रहा.

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