विकसित भारत बनने के लिए देश को अपनानी होगी ये रणनीति, एशियाई…- भारत संपर्क
पीएम नरेंद्र मोदी
ग्लोबल लीडर बनने के लिए इंडिया तेजी से आगे की ओर कदम बढ़ा रहा है. इसके लिए अपना देश जरूरी वो सभी कदम उठा रहा है, जिससे इंडिया की ग्रोथ रैपिड स्पीड से हो सके. एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के मुख्य अर्थशास्त्री अल्बर्ट पार्क ने कहा है कि भारत को दो अंकीय वृद्धि दर हासिल करने के लिए भूमि और रोजगार जैसे कारक पर ध्यान देना होगा, जो बाजार सुधारों पर फोकस करेंगे. इस बात को लेकर चिंताएं हैं कि भारत में बेरोजगारी के औपचारिक क्षेत्र में भूमि और रोजगार जैसे बुनियादी जरूरतों के बाजार का आकार अभी भी छोटा है. इसलिए, आप वास्तव में उन्हें औपचारिक बनाना चाहते हैं.
अभी यहां काम करने की है जरूरत
भारत अभी भी कई मामलों में काफी पिछड़ा है. अगर वह उन मोर्चों पर सफलता हासिल कर लेता है तो उसके लिए विकसित राष्ट्र की मंजिल आसान हो जाएगी. उन मोर्चों में कुछ कारक बाजार सुधारों में भूमि, रोजगार, एनर्जी सेक्टर और बढ़ती कर्ज पर लगाम लगाना शामिल है. रोजगार बढ़ाने के लिए एक योजना की 2020 में संसद से मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन इसे अभी तक लागू नहीं किया जा सका है. पार्क ने कहा कि नियामकीय और कारोबारी सुगमता तथा शुल्क को आसान और कम करके भारत वैश्विक मूल्य कैटेगरी में हिस्सेदारी बढ़ा सकता है.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा मानव पूंजी में अधिक निवेश होना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़ा जैसे सघन विनिर्माण वाले क्षेत्रों में निर्यात बढ़ाने की जरूरत है, जो अब भी बहुत सीमित हैं और एशिया के अन्य अधिक गतिशील हिस्सों की तरह तेजी से नहीं बढ़ रहे हैं. पार्क ने कहा कि दोहरे अंक की वृद्धि हासिल करने के लिए भारत विभिन्न मापदंडों पर अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हासिल करने के लिए बुनियादी ढांचा क्षेत्र और वैश्विक अग्रणी प्रौद्योगिकियों में भारी निवेश की जरूरत होगी.
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अभी क्या है भारत की विकास दर?
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि भारत पर अंतरराष्ट्रीय भरोसा अब तक के उच्चतम स्तर पर है. उन्होंने आगे कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए RBI का विकास अनुमान 7% था. NSO (राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय) ने 7.3% कहा है. इसलिए, जब हमने चालू वर्ष के लिए 7% कहा तो बाहर बहुत सारी राय थी कि RBI जरूरत से ज्यादा अनुमान लगा रहा है, लेकिन वास्तव में NSO ने चालू वर्ष के लिए 7.3% और वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 7% के अनुमान की बात कही है.