बिना कोचिंग हिंदी मीडियम से UPSC परीक्षा में किया था टॉप, जानें कौन हैं IAS…
यूपीएससी टॉपर हैं IAS कृतिका मिश्राImage Credit source: Instagram/ ias_kritikamishra
देश में आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के चर्चे अक्सर होते रहते हैं. कुछ अधिकारी अपने ईमानदारी को लेकर चर्चा में रहते हैं तो कुछ अपनी कामयाबी और संघर्ष को लेकर. कृतिका मिश्रा भी उन्हीं में से एक हैं, जो एक आईएएस अधिकारी हैं. कृतिका शुरुआत से ही पढ़ाई में काफी तेज थीं, ऐसे में यूपीएससी की परीक्षा में वह अपने दूसरे ही प्रयास में टॉप कर गई थीं. वह यूपीएससी क्रैक करने की अपनी स्ट्रैट्जी अक्सर तैयारी करने वाले छात्रों के साथ सोशल मीडिया के जरिए शेयर करती रहती हैं.
कौन हैं कृतिका मिश्रा?
कृतिका मिश्रा बिहार कैडर की एक आईएएस अधिकारी हैं. वह उत्तर प्रदेश के कानपुर की रहने वाली हैं. उनके पिता दिवाकर मिश्रा शिक्षक हैं और एक इंटर कॉलेज में पढ़ाते हैं, जबकि उनकी मां भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी में काम करती हैं, जो देश की सबसे बड़ी निवेशक कंपनी है. कृतिका ने 12वीं से लेकर ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई आर्ट्स स्ट्रीम से की है और फिलहाल वह अपने गृहनगर यानी कानपुर यूनिवर्सिटी से पीएचडी भी कर रही हैं.
हिंदी मीडियम से किया था टॉप
साल 2022 में कृतिका ने यूपीएससी की परीक्षा दी थी और हिंदी माध्यम से टॉप किया था. अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी में उन्हें 66वीं रैंक मिली थी. पहले प्रयास में उन्होंने यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा और मेंस यानी मुख्य परीक्षा दोनों ही क्लियर कर लिया था, लेकिन इंटरव्यू क्लियर नहीं हुआ था. अपने दूसरे प्रयास में कृतिका ने लिखित परीक्षा में 824 मार्क्स हासिल किए थे, जबकि इंटरव्यू में उन्हें कुल 182 अंक मिले थे. दोनों को मिलाकर उन्हें कुल 1006 मार्क्स मिले थे.
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इस चुनौती का किया सामना
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कृतिका बताती हैं कि हिंदी मीडियम से यूपीएससी पास करना उनके लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था, क्योंकि हिंदी मीडियम से छात्रों के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है स्टडी मैटेरियल. जो भी स्टडी मैटेरियल उपलब्ध होते हैं, वो अंग्रेजी में ही होते हैं, ऐसे में उनका हिंदी में अनुवाद करना और फिर उस हिसाब से पढ़ाई करना उनके लिए बेहद मुश्किल रहा. हालांकि इस पढ़ाई का उन्हें अच्छा फल भी मिला.
छात्रों को देती रहती हैं टिप्स
सोशल मीडिया के जरिए वह यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों को कुछ न कुछ टिप्स देती रहती हैं. वह कहती हैं कि हिंदी मीडियम के छात्र भी निर्धारित समयसीमा में अच्छा लिख सकते हैं और ये तभी संभव होगा जब छात्र निरंतर लिखने का अभ्यास करते रहें. इसके अलावा उन्होंने छात्रों को ये भी सलाह दिया है कि वो पिछले 10 साल के पेपर को अच्छी तरह से सॉल्व करें और ऐसे ही प्रैक्टिस करते रहें.