टैरिफ पर उड़ रहे ट्रंप को ब्राजील के राष्ट्रपति ने लगा दिया किनारे, कहा- पीएम मोदी से… – भारत संपर्क


भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा (Photo- Getty)
अमेरिकी टैरिफ को लेकर दुनियाभर के देश अब भारत के साथ लामबंद हो रहा है. लिस्ट में पहला नाम ब्राजील का है. टैरिफ को लेकर मचे घमासान के बीच ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने डोनाल्ड ट्रंप को झटका दिया है. दरअसल, ट्रंप ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अगर ब्राजील के राष्ट्रपति मुझसे फोन पर बात करना चाहेंगे, तो मैं उनसे बात करने के लिए तैयार हूं. लूला ने ट्रंप के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है.
स्थानीय मीडिया से बात करते हुए लूला दा सिल्वा ने कहा कि मैं टैरिफ पर ट्रंप को फोन नहीं करने जा रहा हूं. आप लोग निश्चिंच रहिए. उन्होंने आगे कहा कि ट्रंप उनकी बात सुनना नहीं चाहते हैं, इसलिए वे फोन नहीं करेंगे.
ट्रंप से बेहतर हैं पीएम मोदी और पुतिन
ब्राजील के राष्ट्रपति ने आगे कहा कि मैं बिजनेस और भागीदारी को लेकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन करना चाहूंगा. वे हमारी बात को सुनेंगे. उन्होंने आगे कहा कि मैं पुतिन और जिनपिंग से भी फोन पर बात करना चाहूंगा.
लूला दा सिल्वा ने आगे कहा कि व्यापार की बातचीत आपसी शर्तों से तय की जानी चाहिए. व्यापार पर बात करने के लिए हम संप्रुभता से समझौता नहीं करने वाले हैं. हम अमेरिका से टैरिफ पर बात करेंगे, लेकिन आमने-सामने. झुककर नहीं.
इससे पहले व्हाइट हाउस ने ट्रंप ने पत्रकारों से कहा था कि मैं ब्राजील से प्यार करता हूं, लेकिन वहां के शासक गलत हैं. वहां के लोगों के साथ गलत हो रहा है.
ट्रंप से क्यों चिढ़े हैं ब्राजील के राष्ट्रपति?
ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा को समाजवादी विचारधारा वाला नेता माना जाता है. लूला का आरोप है कि अमेरिकी सरकार के इशारे पर उनके विरोधी बोल्सनारो ने उनका तख्तापलट की कोशिश की थी.
ट्रंप कई मौकों पर खुलकर बोल्सनारो की तारीफ कर चुके हैं. बोल्सनारो के लिए ट्रंप पैरवी भी कर चुके हैं. बोल्सनारो को हाल ही में ब्राजील की अदालत ने हाउस अरेस्ट करने का आदेश दिया था.
ट्रंप और लूला के बीच अदावत की एक वजह ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, चीन, भारत और साउथ कोरिया) संगठन भी है. ट्रंप का कहना है कि ब्रिक्स की स्थापना अमेरिकी अर्थव्यवस्था को कमजोर करने के लिए की गई थी.
ब्राजील के राष्ट्रपति वर्तमान समय में ब्रिक्स को कॉर्डनेट करने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं.