जिले के दो कोल ब्लॉक हुए नीलाम- भारत संपर्क
जिले के दो कोल ब्लॉक हुए नीलाम
कोरबा। कोयला मंत्रालय ने 27 मार्च को वाणिज्यिक खनन के लिए कोयला ब्लॉक नीलामी के 12वें दौर का शुभारंभ किया था। 28 से 31 जुलाई तक आयोजित अग्रिम नीलामियों में कुल सात कोयला ब्लॉकों की नीलामी की गई है। इनमें छत्तीसगढ़ के तीन कोल ब्लॉक सम्मिलित हैं। जिसमें कोरबा के दो कोल ब्लॉक है। इन सात ब्लॉकों में लगभग 1,761.49 मिलियन टन का संयुक्त भूवैज्ञानिक भंडार है। इन ब्लॉकों की संचयी अधिकतम निर्धारित क्षमता 5.25 एम टी पी ए है। कोयला मंत्रालय ने कहा कि नीलामियों में कड़ी प्रतिस्पर्धा देखी गई और औसतन 26.70 प्रतिशत राजस्व हिस्सेदारी हासिल हुई। इन ब्लॉकों से लगभग 719.90 करोड़ रुपए का वार्षिक राजस्व उत्पन्न होने की उम्मीद है, लगभग 787.50 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश आकर्षित होने और 7,098 रोजगार के अवसर सृजित होने की आशा है। छत्तीसगढ़ के तीन कोल ब्लॉक में दो कोरबा एवं एक रायगढ़ जिले में स्थित है। कोरबा जिले के रजगामार डिपसाइड देवनारा एवं रजगामार डिपसाइड साउथ ऑफ फुलकडीह भूमिगत कोयला खदान के लिए 8 कंपनियों से 14 बोलियां मिली थीं। रजगामार डिपसाइड देवनारा खदान को टीएमसी मिनरल रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड ने हासिल किया है। रजगामार डिपसाइड साउथ ऑफ फुलकडीह माइंस मिवान स्टील्स लिमिटेड के हाथ लगी है। रजगामार डिपसाइड देवनारा में 78.464 मिलियन टन कोल रिजर्व है। पूर्व में इस खदान को एपीआई इस्पात एंड पॉवरटेक प्राइवेट लिमिटेड तथा सीजी स्पंज मैन्यूफैक्चर्स कंसोर्टियम कोलफील्ड्स लिमिटेड को आबंटित किया गया था। इसी तरह रजगामार डिपसाइड साउथ ऑफ फुलकडीह नाला में 61.697 मिलियन टन कोयला भंडार है। इस कोल ब्लॉक क्षेत्र में 89 फीसदी जंगल है। पूर्व में मोनेट इस्पात एंड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड एवं टॉपवर्थ स्टील प्राइवेट लिमिटेड को आबंटित किया गया था। दोनों खदानों की आबंटित कंपनियों के कोयला घोटाले में नाम आने के बाद आबंटन निरस्त कर दिया गया था।