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लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर पर आधारित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी 6 मार्च से, ऑनलाइन व ऑफलाइन पद्धति से संगोष्ठी होगी आयोजित
कोरबा। छत्तीसगढ़ शासन उच्च शिक्षा विभाग और अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर के मार्गदर्शन में लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की प्रशासनिक व्यवस्था वर्तमान संदर्भ में उनकी प्रासंगिकता विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 6 और 7 मार्च को श्री अग्रसेन कन्या महाविद्यालय में किया जा रहा है। उक्त संगोष्ठी ऑनलाइन व ऑफलाइन पद्धति से आयोजित की जायेगी, जिसके सशुल्क पंजीकरण की अंतिम तिथि 28 फरवरी निर्धारित की गई है।
कार्यक्रम के संबंध में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. मनोज झा ने बताया कि इस संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर के कुलपति प्रोफेसर डॉ. एडीएन वाजपेयी और विशिष्ट अतिथि व मुख्य वक्ता के रूप में सेवानिवृत प्राध्यापक, प्रांत संघचालक छत्तीसगढ़ डॉ. टोप लाल वर्मा शामिल होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता अग्रवाल सभा के अध्यक्ष राजेंद्र अग्रवाल करेंगे। संगोष्ठी का प्रमुख उद्देश्य लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की प्रशासनिक व्यवस्था के बारे में गहरी जानकारी प्रदान करना और उनके योगदान को वर्तमान संदर्भ में समझना है। संगोष्ठी में प्रशासनिक दृष्टिकोण से उनकी प्रासंगिकता पर चर्चा की जाएगी और इस बात पर विचार करेगी कि उनके द्वारा स्थापित प्रशासनिक ढांचे को आज के समय में किस प्रकार लागू किया जा सकता है। संगोष्ठी में नारी सशक्तिकरण, सांस्कृतिक पुनरूथान, औद्योगिक क्षेत्र, सामाजिक समरस्ता स्थापित करने में अहिल्याबाई का योगदान, अहिल्याबाई की न्याय व्यवस्था व दार्शनिक विचारों की वर्तमान संदर्भ में प्रासंगिकता पर भी विचार रखे जायेंगे। संगोष्ठी में प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के विषय विशेषज्ञ प्राध्यापक, शोधकर्ता, शोधार्थी प्रमुख विद्वानों और विशेषज्ञों द्वारा विचार प्रस्तुत किए जाएंगे। आयोजन शोध, चर्चा और विचार-विमर्श का एक मंच प्रदान करेगा, जहां युवा छात्र-छात्राओं और शैक्षिक समुदाय को अहिल्याबाई होल्कर के योगदान और उनके प्रशासनिक दृष्टिकोण को 300 वी जयंती के अवसर पर समझने का मौका मिलेगा। उक्त संगोष्ठी में चयनित शोध आलेखों को आईएसबीएन पर प्रकाशित की जायेगी।