उज्जैन: होली पर गर्भगृह में लगी आग से झुलसे… महाकाल के सेवक की अब मौत | U… – भारत संपर्क

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उज्जैन: होली पर गर्भगृह में लगी आग से झुलसे… महाकाल के सेवक की अब मौत | U… – भारत संपर्क

महाकाल मंदिर के सेवक सत्यनारायण सोनी (फाइल फोटो)
मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर में इस साल होली के दिन बड़ा हादसा हो गया था. 25 मार्च को गर्भगृह में भस्म आरती के दौरान आग लग गई थी. इस हादसे में 14 लोग झुलस गए थे. इन घायलों में से एक की अब मौत हो गई है. इनका नाम सत्यनारायण सोनी है, जो कि मंदिर के सेवक थे. इनका इलाज मुंबई के एक अस्पताल में चल रहा था. हादसा तब हुआ था, जब गर्भगृह में गुलाल उड़ाया जा रहा था.
महाकाल मंदिर में 25 मार्च की सुबह भस्म आरती हो रही थी. मंदिर में भगवान के जयकारे लग रहे थे. श्रद्धालु भोले की भक्ति में लीन थे, तभी 5:49 बजे गर्भगृह में आग लग गई. इस हादसे में पुजारी सहित 14 लोग झुलस गए थे. घायलों में 9 को इंदौर रेफर किया गया था. 5 का इलाज उज्जैन में ही चला. इस हादसे में गंभीर रूप से झुलसने के कारण सत्यनारायण सोनी को इंदौर के अरविंदो अस्पताल में भर्ती कराया था. लेकिन स्थिति में सुधार न होता देख अच्छे उपचार के लिए मुंबई के अस्पताल में रेफर किया गया. यहां आज सुबह उपचार के दौरान इनकी मौत हो गई. सत्यनारायण सोनी की उम्र80 वर्ष बताई जा रही है.
‘बाबा महाकाल के सच्चे सेवक थे सोनी’
मंदिर से जुड़े लोग बताते हैं कि सत्यनारायण सोनी बाबा महाकाल के सच्चे सेवक थे, जो कि भस्म आरती के लिए गर्भगृह में सफाई करना, पूजन सामग्री एकत्रित करनाया अन्य कोई भी काम… हमेशा तैयार रहते थे. बाबा महाकाल की पूजा करने के लिए भले ही कोई भी पुजारी का समय चल रहा हो, लेकिन उनके सहयोगी के रूप में सत्यनारायण सोनी सेवा देने के लिए जरूर मौजूद रहते थे.
इस अग्निकांड में झुलसे पुजारी पुत्र मनोज शर्मा (43), पुजारी संजय शर्मा (50) और सेवक चिंतामण (65) का इलाज अब भी इंदौर के अरविंदो अस्पताल में चल रहा है.
भस्म आरती के दौरान महिलाओं को घूंघट करने की आवाज लगाते थे..
सत्यनारायण सोनी महाकाल मंदिर में कई वर्षों से नियमित रूप से सुबह भस्म आरती में शामिल होते थे. आरती, पूजा के दौरान पुजारी का भी सहयोग करते थे. सोनी ही वह थे जो महाकाल मंदिर की भस्म आरती में बाहर नंदी हॉल में आकर महिला श्रद्धालुओं से निवेदन करते थे कि भगवान महाकाल की भस्मी चढ़ने वाली है. महिलाएं भस्मी चढ़ते नहीं देखती हैं. इसलिए घूंघट निकाल लें. भोलेनाथ को भस्मी चढ़ने के बाद सोनी वापस आवाज लगाकर महिलाओं से घूंघट भी हटवाते थे. मंदिर के पुजारियों के मुताबिक, सोनी बहुत मिलनसार व्यक्ति थे.

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