चीन में चरम पर बेरोजगारी, लोगों को ढूंढे नहीं मिल रही नौकरी…- भारत संपर्क


चीन की इकोनॉमी
एक समय था जब चीन को दुनिया का ग्लोबल इंजन माना जाता था, लेकिन आज स्थिति काफी अलग है. वहां की जनता बेरोजगारी और मंहगाई से जूझ रही है. लोग नौकरी के लिए दर-दर भटक रहे हैं. विदेशी कंपनियां चीन से अपना बिजनेस समेट कर भाग रही हैं.
कई कंपनियों ने भारत में बिजनेस शिफ्ट करने का भी मन बना लिया है. इसका फायदा भारत होता दिख रहा है. भारत में तेजी से विदेश निवेश बढ़ रहा है. यही कारण है कि जहां एक तरफ पूरी दुनिया मंदी के चपेट में है, वहीं भारत में तेजी से विकास देखने को मिल रहा है. आइए समझने की कोशिश करते हैं कि चीन में ऐसी स्थिति क्यों आई है और सरकार इसपर क्या काम कर रही है?
चीन की आर्थिक स्थिति खराब
चीन में आर्थिक हालात में तेजी से गिरावट देखने को मिल रही है. निवेशक इससे घबराए हुए हैं. विदेशी निवेशक तेजी से चीन से अपना पैसा भी निकाल रहे हैं. कई कंपनियों के पास अपने कर्मचारियों को सैलरी देने तक का पैसा नहीं बचा है. सरकार इस समस्या से निपटने के लिए कई जरूरी कदम उठा रही है.
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रियल एस्टेट सेक्टर इस समय भयंकर संकट से जूझ रहा है. कई कंपनियां दिवालिया हो चुकी हैं. ना ही वहां के बायर्स के पास ईएमआई चुकाने के पैसे हैं, ना ही वहां के रियल एस्टेट कंपनियां इस स्थिति में हैं कि लंबे समय तक सिचुएशन को कंट्रोल कर सके.
इस समस्या से भी जूझ रहा चीन
बूढ़ा होता वर्कफोर्स और लगातार रिटायर हो रहे लोगों का बोझ चीन की इकोनॉमी पर देखने को मिल रहा है. क्योंकि सरकार को उन्हें पेंशन देनी पड़ रही है. मौजूदा समय में चीन में 16 से 59 साल की उम्र के लोगों की आबादी 87.5 करोड़ है. देश की कुल पॉपुलेशन में 60 फीसदी की हिस्सदारी इसी एज ग्रुप की है. साल 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, अगले पांच सालों में इस एज ग्रुप के करीब 3.5 करोड़ लोग कम हो जाएंगे. इसका मतलब है किे आने वाले दिनों में चीन के वर्कफोर्स में कमी आएगी और पेंशन लेने वालों की संख्या में इजाफा होता चला जाएगा.