स्वालंबन की दिशा में स्वदेशी जागरण मंच का अनूठा पहलस्कूली…- भारत संपर्क


भारतीय अर्थव्यवस्था को विश्व की बड़ी आर्थिक शक्ति बनाने के लिहाज से स्वदेशी जागरण मंच द्वारा इन दिनों स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को स्वालंबन और स्वरोजगार की दिशा में प्रेरित किया जा रहा है स्वाबलंबी भारत अभियान के बैनर तले 2030 तक भारत को 10 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने को लक्ष्य कर युवाओं और स्कूली बच्चों को उद्यमिता के महत्व बताए जा रहे हैं स्वदेशी जागरण मंच के स्वयंसेवक सूचीबद्ध कर संभाग के स्कूलों में पहुंच विद्यार्थियों से संवाद स्थापित कर रहे हैं इसी क्रम में कृष्णा पब्लिक स्कूल,स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी व हिन्दी माध्यम स्कूल कोनी और सेन्दरी सहित विभिन्न स्कूलों सेमिनार के माध्यम से विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी गई ।

स्वदेशी जागरण मंच के संभागीय संयोजक डॉ सुशील श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में बच्चों को बताया कि सरकारी और निजी क्षेत्रों में नौकरी के अवसर बहुत ही सीमित हैं इसके लिए आवश्यक होगा कि हम स्वयं की प्रतिभा से रोजगार के अवसर सृजित करें उन्होंने बताया कि इंग्लैंड के अर्थशास्त्री अंगस मैडिसन के शोध ग्रन्थ हिस्ट्री ऑफ वर्ड इकोनॉमी 2000 में उल्लेख है कि 0 ई से 1500 तक भारत की उत्पादन क्षमता विश्व में 33 प्रतिशत थी जो घट कर 4 प्रतिशत में आ गई है तब भारत में बेरोगारी दर शून्य प्रतिशत हुआ करता था लेकिन विदेशी आक्रांताओं के प्रभाव से स्थानीय स्तर पर संचालित लघु ओर मध्यम वर्ग के उद्योगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा परिणाम स्वरूप देश में रोजगार के अवसर कम हो गए डॉ श्रीवास्तव ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को स्वालंबन और स्वरोजगार के माध्यम से पूरा किया जा सकता है दूसरा कोई विकल्प नहीं है अतः इसके लिए आवश्यक होगा कि हम अपने शिक्षा काल में ही आत्मनिर्भरता व स्वदेशी उत्पादों की महत्ता को समझ लें।

प्रांत की महिला प्रमुख श्रीमती अरुणा दीक्षित ने स्वालंबन से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यपरक आंकड़े प्रस्तुत किए मंच के जिला महिला प्रमुख लता गुप्ता ,प्रचार प्रमुख दीप्ति बाजपई, सुशांत द्विवेदी ने छात्र छात्राओं को स्वदेशी उत्पाद उपयोग करने का संकल्प दिलाया इस अवसर पर मीडिया विभाग के प्रभारी प्रणव शर्मा समदरिया प्राचार्या अर्चना शर्मा प्राचार्य चंद्रकांत खुबलकर, विपिन साव ,साधना शर्मा ,प्राचार्य रिंकी अम्बन्ध उपस्थित थे