UP School Merger: 50 से कम छात्र संख्या और एक किमी की दूरी वाले प्राथमिक स्कूलों…


यूपी में स्कूलों के मर्जर को लेकर शासन ने जारी किया नया आदेशImage Credit source: NNehring/E+/Getty Images
UP School Merger: उत्तर प्रदेश में स्कूलों के मर्जर की तैयारियां फिर से शुरू हो गई हैं. इस संबंध में 27 अगस्त बुधवार को उत्तर प्रदेश शासन में अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सभी जिलाधिकारी और जिला शिक्षा परियाेजना समिति के अध्यक्षाें को निर्देशित किया गया है, जिसमें प्रदेश में संचालित हो रहे 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों के मर्जर की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है.
आइए जानते हैं कि शासन की तरफ से जारी नए आदेश में और क्या कहा गया है? कौन-कौन से स्कूलों का मर्जर किया जाएगा. क्यों स्कूलों का मर्जर किया जा रहा है.
एक KM की सीमा में परिषदीय प्राथमिक स्कूलों का मर्जर
उत्तर प्रदेश शासन में अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार की तरफ से जारी निर्देश में प्रदेश में एक किलोमीटर की सीमा पर संचालित परिषदीय प्राथमिक स्कूलों का मर्जर करने को कहा गया है. यानी 50 से कम छात्र संख्या वाले और 1 KM तक की दूरी वाले परिषदीय प्राथमिक स्कूलों का मर्जर किया जाएगा.
3 KM की सीमा उच्च प्राथमिक स्कूलों का भी होगा मर्जर
उत्तर प्रदेश शासन में अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार की तरफ से जारी निर्देश में कहा गया है कि एक किमी की सीमा वाले परिषदीय प्राथमिक स्कूलों के साथ ही 3 किमी की सीमा के अंतगर्त परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूलों का भी मर्जर किया जाएगा.
नई शिक्षा नीति 2020 के तहत फैसला
असल में अपर मुख्य सचिव (बेसिक शिक्षा) दीपक कुमार ने 16 जून, 2025 के निर्देशों के अनुपालन में ये पत्र जारी किया है. इसमें कहा गया है कि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत छोटे और कम संसाधनों वाले स्कूलों को बड़े और बेहतर सुविधाओं वाले स्कूलों के साथ जोड़ा जाना है. इससे संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी.
वहीं शासन की तरफ से निर्देश प्राप्त हाेते ही बेसिक शिक्षा महानिदेशालय ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस संबंध में महानिदेशक (स्कूल शिक्षा) कंचन वर्मा ने सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को पत्र जारी कर शासन के निर्देशों का कड़ाई से पालन करने को कहा है. उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि मर्जर की प्रक्रिया पारदर्शी हो और स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखकर लागू की जाए.
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