अमेरिकी एजेंसी का फरमान, भारत से ढाई गुना पीछे होगा जापान! |…- भारत संपर्क

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अमेरिकी एजेंसी का फरमान, भारत से ढाई गुना पीछे होगा जापान! |…- भारत संपर्क

पूरी दुनिया भारत और इसकी इकोनॉमी का लोहा मान रही है. बीते करीब एक दशक में जिस तरह के देश मेंं इकोनॉमिक रिफॉर्म हुए हैं. उसकी तारीफ दुनियाभर की इकोनॉमिक एजेंसियों के साथ इकोनॉमिस्ट भी कर रहे हैं. देश के तमाम सेक्टर्स में तेजी देखने को मिल रही है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से लेकर सर्विस सेक्टर तक तेजी के साथ काम चल रहा है. देश के इंफ्रा पर सरकार का बजट दुनिया की तमाम इकोनॉमीज को हैरान कर रहा है. यही कारण है कि देश की इकोनॉमी की रफ्तार दुनिया के तमाम देशों के मुकाबले सबसे तेज है.

अब जो भारत की इकोनॉमी को लेकर अनुमान लगाए जा रहे हैं. वो जर्मनी और जापान दोनों को परेशान करने वाले हैं. अगले 4 से 5 साल में भारत दुनिया की आर्थिक महाशक्तियों को पीछे छोड़ने जा रहा है. ये अनुमान किसी और ने नहीं बल्कि इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी आईएमएफ ने लगाया है.

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एजेंसी का मानना है कि साल 2028 तक भारत जिस मुकाम पर होगा. उससे चीन के भी होश उड़ जाएंगे. साथ ही जो आर्थिक महाशक्तियां अपनी इकोनॉमी को लेकर मदहोश हैं, उनके भी होश उड़ जाएंगे. तो आइए जरा आईएमएफ के उस अनुमान को समझने की कोशिश करते हैं जिसमें भारत की इकोनॉमी काे लेकर आंकड़ा दिखाया गया है. साथ ही दुनिया के बाकी देशों की स्थिति के बारे में जानकारी दी गई है.

भारत होगा दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी

जी हां, ये बात कोई मजाक नहीं है. इस बात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर चुके हैं कि साल 2028 तक देश दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा. अब इस बात पर आईएमएफ ने भी मुहर लगा दी है. वर्ल्ड ऑफ स्टैटिस्टिक्स ने आईएमएफ के आंकडों के हवाले से एक्स पर पोस्ट किया है कि भारत की इकोनॉमी का साइज पीपीपी के आधार पर 2028 तक 19.65 ट्रिलियन हो जाएगा.

जी हां, ये कोई मजाक नहीं है. मौजूदा समय में देश में की पीपीपी बेस्ड भारत की इकोनॉमी का साइज 14 ट्रिलियन डॉलर है. इसका मतलब है कि आने वाले 5 साल में देश की पीपीएस बेस पर इकोनॉमी का साइज 5.5 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा बढ जाएगा. इस का मतलब है कि अगले पांच साल में भारत की पीपीपी बेस्ड जीडीपी के साइज में औसतन एक ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा का इजाफा होगा.

पीछे छूट जाएंगे जर्मनी और जापान

वहीं दूसरी ओर इस रेस में अगले पांच साल में जर्मनी और जापान काफी पीछे छूट जाएंगे. मौजूदा समय में जापान पीपीपी बेस्ड दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी है. जिसका साइज 2024 में अनुमानित 6.5 ट्रिलियन होने का है. अगले पांच साल यानी 2028 तक इसके साइज में करीब 900 बिलियन डॉलर का इजाफा होने के अनुमान है.

इसका मतलब है कि उस साल इसकी पीपीपी बेस्ड इकोनॉमी का साइज 7.40 होने के अनुमान है. यानी जितना औसतन भारत की इकोनॉमी का साइज हर साल बढेगा, जापान की इकोनॉमी का साइज पांच साल में उससे भी कम बढ़ेगा. जिसकी वजह से जापान खिसकर चौथे नंबर पर आ जाएगा.

अगर बात जर्मनी की करें तो मौजूदा समय में ये पीपीपी बेस्ड दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी है और इसकी इकोनॉमी का साइज 5.5 ट्रिलियन डॉलर है. साल 2028 तक इस कंट्री का कुल साइज 6.5 ट्रिलियन डॉलर होगा. इसका मतलब है कि जर्मनी के साइज में भी सिर्फ एक ट्रिलियन डॉलर की बढोतरी देखने को मिलेगी. यह देश एक पायदान खिसकर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी कंट्री बन जाएगा.

चीन होगा नंबर 1 और अमेरिका नंबर 2

वहीं दूसरी ओर भारत का पड़ोसी देश चीन साल 2028 तक पीपीपी बेस्ड इकोनॉमी के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी होगा. मौजूदा समय में चीन की पीपीपी बेस्ड इकोनॉमी 35 ट्रिलियन डॉलर की है. जिसमें 8.9 ट्रिलियन डॉलर के इजाफे का अनुमान है. इसका मतलब है कि चीन की इकोनॉमी साल 2028 तक 43.9 ट्रिलियन डॉलर हो सकती है. इसका मतलब है कि चीन की इकोनॉमी में हर साल औसनत डेढ़ ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा का इजाफा होने का अनुमान है.

वहीं दूसरी ओर अमेरिका मौजूदा समय में दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी की पीपीपी बेस्ड जीडीपी का साइज करीब करीब 28 ट्रिलियन डॉलर है. जिसमें साल 2028 तक 4.6 ट्रिलियन डॉलर के इजाफे का अनुमान है. साल 2028 तक कुल जीडीपी का साइज 32.6 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान है. जिसके बाद अमेरिका दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉनी बन जाएगा.

नॉमिनल जीडीपी में भी बजेगा भारत का डंका

अगर बात नॉमिनल जीडीपी की भी करें तो साल 2028 भारत का डंका बजेगा और देश की जीडीपी 5.5 ट्रिलियन डॉलर पहुंचने का अनुमान है. जिसके बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बडा देश बन जाएगा. मौजूदा समय में भारत की जीडीपी 3.76 ट्रिलियन डॉलर है और दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी है.

दूसरी ओर जर्मनी और जापान इस मोर्चे पर भी पिछड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं. आईएमएफ के प्रोजेक्शन के अनुसार साल 2028 तक दोनों देश चौथे और पांचवें पर दिखाई देंगे. मौजूदा समय में जापान 4.4 ट्रिलियन डॉलर के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी है. जोकि साल 2028 तक 5.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है. जबकि जर्मनी की इकोनॉमी मौजूदा समय में 4.3 ट्रिलियन डॉलर है जिसके साल 2028 तक 8 टिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है.

दूसरी ओर अमेरिका और चीन पहले और दूसरीे पायदान पर काबिज रहेंगे. मौजूदा समय में अमेरिका की कुल नॉमिनल जीडीपी का साइज 26.85 ट्रिलियन डॉलर है. जिसके साल 2028 तक 32.3 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान है. वहीं चीन की जीडीपी मौजूदा समय में 19.37 ट्रिलियन डॉलर है और साल 2028 तक 27.4 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी. इसका मतलब है कि नॉमिनल जीडीपी में अमेरिका की बादशाहत 2028 तक जारी रहेगी और चीन दूसरे पायदान पर ही रहेगा.

पीएम मोदी का विकसित भारत का सपना

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश और दुनिया के कई प्लेटफॉर्म के अलावा संसद में भी इस बात को दोहरा चुके हैं कि भारत साल 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी होगा. साथ साल 2047 तक यानी आजादी के 100 साल पूरे होने तक देश विकसित भारत बन जाएगा. नीति आयोग देश के लिए 2047 तक के लिए विजन डॉक्युमेंट तैयार कर रहा है. नीति आयोग का अनुमान है कि साल 2047 भारत की नॉमिनल इकोनॉमी साइज 30 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगा और विकसित देश की कैटेगिरी में आ जाएगा. नीति आयोग का यह भी मानना है कि भारत को अगर 2047 तक विकसित भारत बनना है तो देश की इकोनॉमी रफ्तार 9 फीसदी रहना जरूरी है.

मौजूदा समय में कितनी है इकोनॉमी की रफ्तार

अगर बात देश की इकोनॉमी की रफ्तार की करें तो जनवरी के पहले सप्ताह में एनएसओ का देश की ग्रोथ को लेकर पहला एडवांस प्रोजेक्शन सामने आया था. सरकार का मानना है वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की ग्रोथ 7.3 फीसदी रह सकती है. जबकि इससे पहले वर्ष में यह ग्रोथ 7.2 फीसदी थी. वहीं दूसरी ओर आरबीआई ने दिसंबर एमपीसी ने देश की ग्रोथ का अनुमान 7 फीसदी लगाया था. एनएसओ की डाटा के बाद आरबीआई ने फरवरी एमपीसी में इसी डाटा को फिर से दाेहराया है. वहीं साल 2024-25 के लिए जो अनुमान लगाया है वह 7 फीसदी है. इसका मतलब है कि आने वाले साल में भारत की ग्रोथ 7 फीसदी या उससे ज्यादा ही रहने वाली है.

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