यमन में हूती विद्रोहियों को बनाया निशाना, अमेरिकी ब्रिटिश फौज ने मिलकर किया अटैक |… – भारत संपर्क


हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हमला. (सांकेतिक)
अमेरिकी और ब्रिटिश सेना ने यमन में एक दर्जन से अधिक हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हमले किए. यह ईरान से जुड़े समूह के खिलाफ सैन्य कार्रवाई का नया दौर है. बता दें कि हूती विद्रोही क्षेत्र में जहाजों को लगातार निशाना बना रहे हैं. अमेरिका ने हूती के खिलाफ लगभग रोज हमले किए हैं. हूती यमन के सबसे अधिक आबादी वाले हिस्सों को नियंत्रित करते हैं. उन्होंने कहा है कि जहाजों पर उनके हमले फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए है क्योंकि इजराइल गाजा पर हमला कर रहा है.
हालांकि अमेरिका और ब्रिटिश सेना के हमले के बावजूद अब तक हूती विद्रोहियों के हमलों को रोकने में कामयाबी नहीं मिल पाई है, जिससे वैश्विक व्यापार बाधित हुआ है और शिपिंग दरें बढ़ गई हैं. हमलों में भाग लेने वाले या समर्थन देने वाले देशों के एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि यमन में आठ स्थानों पर हूती के 18 ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई की गई थी. इनमें भूमिगत हथियार और मिसाइल भंडारण सुविधाएं, वायु रक्षा प्रणाली, रडार और एक हेलीकॉप्टर शामिल थे.
अर्थव्यवस्था को नुकसान
अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि हमले का उद्देश्य ईरानी समर्थित हूती मिलिशिया की क्षमताओं को और बाधित करना और कम करना था. ऑस्टिन ने कहा कि अगर हूती विद्रोहियों ने अपने अवैध हमलों को नहीं रोका, जो मध्य पूर्वी अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान पहुंचाते हैं, पर्यावरणीय क्षति पहुंचाते हैं और यमन और अन्य देशों को मानवीय सहायता के वितरण को बाधित करते हैं, तो उन्हें परिणाम भुगतने होंगे.
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राजधानी सना में सिलसिलेवार हमला
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी और ब्रिटेन की सेना ने राजधानी सना में सिलसिलेवार हमले किए. एक हूती सैन्य सूत्र के हवाले से कहा कि यमन को गाजा में फिलिस्तीनी लोगों को समर्थन अभियान प्रदान करने से रोकने का एक प्रयास था. इस हफ्ते की शुरुआत में हूतियों ने ब्रिटेन के स्वामित्व वाले मालवाहक जहाज पर हमले और अमेरिकी विध्वंसक पर ड्रोन हमले की जिम्मेदारी ली थी. साथ ही उन्होंने बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन से इज़राइल के बंदरगाह और रिसॉर्ट शहर इलियट को निशाना बनाया था.
समुद्री यातायात प्रभावित
समूह के हमले महत्वपूर्ण स्वेज नहर शॉर्टकट को बाधित कर रहे हैं, जो वैश्विक समुद्री यातायात का लगभग 12 प्रतिशत हिस्सा है, जिससे अफ्रीका के चारों ओर एक लंबा, अधिक महंगा मार्ग मजबूर हो रहा है. हूकी अभियान के दौरान कोई जहाज नहीं डूबा और न ही चालक दल मारा गया. हालांकि, यूके-का रूबीमार मालवाहक जहाज पर 18 फरवरी को हमला हुआ था और इसके चालक दल को निकाला गया था. अमेरिकी सेना ने कहा है कि जब रूबीमार पर हमला किया गया तो उस पर 41,000 टन से अधिक उर्वरक लदा हुआ था, जो लाल सागर में फैल सकता था और पर्यावरणीय आपदा का कारण बन सकता था.
यूरोपीय संघ ने नौवहन की स्वतंत्रता को बहाल करने और सुरक्षित रखने के लिए लाल सागर में एक नौसैनिक मिशन शुरू किया है. अमेरिका के पास एक समानांतर गठबंधन, ऑपरेशन प्रॉस्पेरिटी गार्जियन है, जिसका उद्देश्य हूती विद्रोहियों के हमलों से वाणिज्यिक यातायात की रक्षा करना है.