2 महीने में पटरियों पर दौड़ेगी ‘वंदे भारत स्लीपर’, रेल…- भारत संपर्क
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव
त्योहारों से लेकर गर्मियों की छु्ट्टी तक और शादी-ब्याह के पीक सीजन में भारतीयों को सबसे ज्यादा जिस समस्या का सामना करना पड़ता है, वो है ट्रेनों में यात्रा के लिए कंफर्म टिकट की वेटिंग. भारतीय रेल इसके लिए कई प्रयास लगातार कर रहा है, जिसमें स्पेशल ट्रेन चलाना शामिल है. इसी बीच शनिवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक बड़ा ऐलान किया कि मात्र 2 महीने के भीतर देश में ‘वंदे भारत स्लीपर’ ट्रेन सेट पटरियों पर दौड़ने लगेंगे.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पत्रकारों से एक बातचीत के दौरान कहा कि सरकार ट्रेनों में वेटिंग की समस्या से निपटने के लिए लगातार कोशिश कर रही है. वहीं 60 दिनों के भीतर ‘वंदे भारत स्लीपर’ पटरियों पर दौड़ना शुरू कर देगी.
वंदे भारत स्लीपर दौड़ने को तैयार
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ‘वंदे भारत स्लीपर’ पटरियों पर दौड़ने के लिए तैयार है. फिलहाल 2 ट्रेन सेट तैयार किए गए हैं. इन दो ट्रेन पर अगले 6 महीने तक टेस्टिंग होगी. उसके बाद इन ट्रेन्स को आम सेवा के लिए लॉन्च करना शुरू किया जा सकता है. अभी वंदे भारत स्लीपर के लिए 4 कोच का एक बेसिक ट्रेन सेट तैयार किया गया है.
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इतना ही नहीं सरकार की योजना अगले पांच साल में लगभग 400 वन्दे भारत ट्रेन ट्रैक पर लाने की योजना है. वंदे भारत ट्रेन में इंजन अलग से नहीं होता है, बल्कि ये ट्रेन सेट का ही हिस्सा होता है. इससे ट्रेन को तेज गति से चलाने में मदद मिलती है. वहीं इसका डिजाइन एयरोडायनामिक बनाया जाता है.
वेटिंग खत्म करने की कोशिश में रेलवे
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्रेनों में भीड़ कम करने की रेलवे की कोशिशों के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि इस बार भीड़ को कम करने के लिए समर सीजन में ट्रेनों के 19,837 ट्रिप बढ़ाए गए हैं. इस बार समर सीजन में लगभग चार करोड़ एक्स्ट्रा लोगों ने सफर किया है. सरकार का फोकस रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाना है. पिछले दस सालों में हजारों किलोमीटर नई लाइन बिछी हैं. देश में हर दिन करीब 14.5 किलोमीटर रेल की पटरी बन रही है.
उन्होंने कहा कि रेलवे के पटरी के प्वाइंट से 1,29,000 किलोमीटर का ट्रैक है. रेलवे का सबसे अधिक विकास तमिलनाडु में हो रहा है. तमिलनाडु को 6,321 करोड़ रुपए की रेलवे परियोजनाएं मिली हैं. बुलेट ट्रेन को लेकर उन्होंने कहा कि इसका 310 किलोमीटर का ट्रैक बन चुका है. अंडर सी का टनल का प्रोग्रेस काफी अच्छा है.