‘वेज थाली’ ने बढ़ाई RBI की परेशानी, क्या नहीं बदलेगी एक साल…- भारत संपर्क


नॉन वेज थाली हुई सस्ती, तो वेज के बढ़ गए दामImage Credit source: TV9 Graphics
शुक्रवार को 5 मार्च को आरबीआई एमपीसी की बैठक का आखिरी दिन है और इसी दिन ब्याज दरों का ऐलान होना है. लेकिन उससे एक दिन पहले ही ‘वेज थाली’ की कीमतों ने आरबीआई परेशानी को बढ़ा दिया है. रिपोर्ट के अनुसार मार्च के महीने में वेज थाली के दाम में 7 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. इसका मतलब है कि सब्जियों की कीमतों में इजाफा होने के कारण वेज थाली के दाम बढ़ गए हैं.
5 अप्रैल को आरबीआई एमपीसी की दिमाग में रेपो रेट पर किसी तरह का फैसला लेने से पहले ये कीमतें ध्यान में रह सकती हैं. वहीं दूसरी ओर नॉन वेज थाली की कीमतों में 7 फीसदी गिरावट देखने को मिली है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर मार्च के महीने में वेज और नॉज वेज थाली की कीमतें कितनी हो गई हैं.
कितनी महंगी हुई वेज थाली
मार्च महीने में प्याज, टमाटर और आलू की कीमतें बढ़ने से वेज थाली सालाना आधार पर 7 फीसदी तक महंगी हो गई. घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की एक इकाई ने गुरुवार को यह सर्वे जारी किया. क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिसिस ने अपनी मासिक रोटी चावल दर रिपोर्ट में कहा कि पॉल्ट्री की कीमतें घटने से पिछले महीने नॉन थाली की कॉस्ट में 7 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
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किस कीमत में कितना इजाफा
शाकाहारी थाली में रोटी, सब्जियां (प्याज, टमाटर और आलू), चावल, दाल, दही और सलाद आता है. इस थाली की कीमत मार्च में बढ़कर 27.3 रुपए प्रति प्लेट हो गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 25.5 रुपए थी. हालांकि, फरवरी के 27.4 रुपए की तुलना में मार्च में शाकाहारी थाली की कीमत घटी है.
रिपोर्ट कहती है कि आवक कम होने और कम आधार दर के कारण प्याज का दाम सालाना आधार पर 40 फीसदी , टमाटर का दाम 36 फीसदी और आलू का दाम 22 फीसदी बढ़ने से शाकाहारी थाली महंगी हो गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, कम आवक के कारण एक साल पहले की तुलना में चावल का दाम भी 14 फीसदी और दालों की कीमतें 22 फीसदी बढ़ गई हैं.
नॉन वेज थाली के दाम हुए कम
वहीं मांसाहारी थाली की कीमत एक साल पहले की समान अवधि में 59.2 रुपये थी जो पिछले महीने घटकर 54.9 रुपए रह गई. लेकिन फरवरी के 54 रुपये प्रति थाली की तुलना में इसकी कीमत अब भी अधिक है. दरअसल ब्रॉयलर मुर्गे की कीमतों में 16 प्रतिशत की गिरावट आने से सालाना आधार पर मांसाहारी थाली की लागत घटी. मांसाहारी थाली में ब्रॉयलर का भारांक 50 प्रतिशत होता है. हालांकि, फरवरी की तुलना में मार्च में रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत होने और अधिक मांग आने से ब्रॉयलर की कीमतें पांच प्रतिशत बढ़ गईं.
आरबीआई की परेशानी बढ़ी
इस रिपोर्ट के आने के बाद आरबीआई की परेशानी में इजाफा होता दिखाई दे रहा है. रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि बीते एक साल में प्याज आलू और टमाटर की कीमतों में इजाफा देखने को मिला है. जबकि बीते एक साल में आरबीआई ने रेपो दरों में कोई बदलाव नहीं किया. जिसकी वजह से आम लोगों की ईएमआई कम नहीं होंगी. मुमकिन है कि आरबीआई ब्याज दरों में कोई बदलाव ना करे. लेकिन आम लोगों के लिए सबसे बड़ी परेशानी ये है कि ईएमआई पहले से ही अपने पीक पर है.