Video: युवराज सिंह की Live मैच में लड़ाई, फाइनल में सबके सामने इस खिलाड़ी स… – भारत संपर्क

Yuvraj Singh Tino Best FightImage Credit source: Screenshot/JioHotstar
टीम इंडिया के पूर्व स्टार ऑलराउंडर युवराज सिंह हमेशा से अपनी तूफानी बैटिंग और आक्रामक तेवरों के लिए जाने जाते रहे हैं. अपने इंटरनेशनल क्रिकेट के दिनों में तो युवराज के ये तेवर उनके बल्ले के अलावा जुबान में भी नजर आते थे. कई बार उनके टकराव भी दूसरी टीम के खिलाड़ियों से होते थे. युवराज भले ही अब रिटायर हो गए हों लेकिन उनके अंदर की आक्रामकता अभी भी बरकरार है और इसका एक उदाहरण दिया इंटरनेशनल मास्टर्स लीग के फाइनल में, जब स्टार भारतीय ऑलराउंडर और वेस्टइंडीज मास्टर्स के गेंदबाज टीनो बेस्ट में झगड़ा हो गया.
इन दिनों दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में पूर्व खिलाड़ियों से जुड़ी कई क्रिकेट लीग चल रही हैं. भारत समेत दुनियाभर की टीमों के पूर्व नामी-गिरामी खिलाड़ी इन टी20 लीग में खेलते हुए दिख जाते हैं. ये खिलाड़ी जब अपने इंटरनेशनल करियर के दिनों में आपस में भिड़ते थे तो कई बार गरमा-गर्मी दिख जाती थी. मगर रिटायरमेंट के बाद आम तौर पर दोस्ताना माहौल में ये मुकाबले होते हैं लेकिन इस फाइनल में जो नजारा दिखा, उसकी उम्मीद शायद ही किसी को रही होगी.
युवराज सिंह और टीनो बेस्ट की लड़ाई
इंडिया और वेस्टइंडीज मास्टर्स के बीच खेले गए फाइनल मैच के दौरान युवराज और बेस्ट आपस में भिड़ गए. ये सब हुआ इंडिया मास्टर्स की बैटिंग के दौरान. भारतीय टीम इस फाइनल में वेस्टइंडीज से मिले लक्ष्य का पीछा कर रही थी और आसानी से जीत की ओर बढ़ रही थी. इसी दौरान 13वां ओवर खत्म होने के बाद किसी बात पर युवराज और विंडीज पेसर बेस्ट के बीच ‘तू-तू, मैं-मैं’ शुरू हो गई. दोनों एक-दूसरे के बेहद करीब थे और बहुत ही गुस्से में बोले जा रहे थे. दोनों की ये लड़ाई देखकर बाकी खिलाड़ियों को भी बीच-बचाव के लिए आना पड़ा और किसी तरह मामले को शांत कराया गया.
फाइनल में भारत की शानदार जीत
अब ये लड़ाई क्यों हुई, ये तो साफ नहीं है, मगर युवराज ने इसका हिसाब टीम को जीत तक पहुंचाकर बराबर किया. मुकाबले की बात करें तो ब्रायन लारा की कप्तानी वाली विंडीज टीम ने पहले बैटिंग की और 148 रन बनाए. उसके लिए लेंडल सिमंस ने सबसे ज्यादा 57 रन बनाए, जबकि भारतीय टीम की ओर से पेसर आर विनय कुमार ने सबसे ज्यादा 3 विकेट लिए. इसके जवाब में अंबाती रायुडू के ताबड़तोड़ 74 रनों की मदद से इंडिया मास्टर्स ने 18वें ओवर में ही सिर्फ 4 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया और 6 विकेट से फाइनल के साथ ही ट्रॉफी भी जीत ली.