विजय सेंट्रल कोल माइंस हुई नीलाम, रूंगटा संस प्राइवेट…- भारत संपर्क

विजय सेंट्रल कोल माइंस हुई नीलाम, रूंगटा संस प्राइवेट लिमिटेड ने लगाई बोली, कमर्शियल माइनिंग के तहत 11वें दौर की हुई नीलामी
कोरबा। कमर्शियल माइनिंग के तहत 11वें दौर में 12 कोयला खदानों की नीलामी हुई। जिसमें कोरबा का विजय सेंट्रल कोल माइंस भी शामिल है। विजय सेंट्रल को रूंगटा संस प्राइवेट लिमिटेड ने हासिल किया है।कमर्शियल माइनिंग के तहत 11वें दौर में छत्तीसगढ़ की खदानों को भी शामिल किया गया था। पसान क्षेत्र में स्थित विजय सेंट्रल कोयला खदान भी सूची में शामिल था। इसे हासिल करने की रेस में कई कंपनियां थीं। खदान में 56.750 मिलियन टन अनुमानित कोल रिजर्व है। जिसे हासिल करने के लिए रूंगटा संस प्राइवेट लिमिटेड ने सर्वाधिक बोली लगाई। पूर्व में विजय सेंट्रल कोयला खदान को कोल इंडिया और एसकेएस इस्पात एंड पावर लिमिटेड को आबंटित किया गया था। कमर्शियल माइनिंग के तहत नीलाम हुई विजय सेंट्रल संभवत: कोरबा की पहली खदान है। हालांकि नीलामी सूची में जिले के कई कोल ब्लाक शामिल रहे हैं।
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8 कंपनियों में थी रेस
विजय सेंट्रल कोल ब्लॉक लेने 8 कंपनियों ने अपनी बोली की पेशकश की थी। इसमें एसएमएस लिमिटेड, एनआरएसकेएस माइंस एंड मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड, रूंगटा संस प्राइवेट लिमिटेड, एशिया स्ट्रेटेजिक रिसोर्स प्राइवेट लिमिटेड, जय अंबे रोडलाइंस प्राइवेट लिमिटेड, आरएसपीयू माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड, लड्डूगोपाल कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड वृंदावन, जेएमएस कमर्शियल्स कोल ब्लॉक्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल थे।
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डब्ल्यूसीएल ने भी हासिल किया माइंस
कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी डब्ल्यूसीएल भी नीलामी में कोल ब्लाक हासिल करने वाली पहली कंपनी बन गई है। डब्ल्यूसीएल ई नीलामी प्रक्रिया में मकार धोकड़ा-चार को हासिल करने में सफल रहा है। इससे डब्ल्यूसीएल की कोयला उत्पादन क्षमता भी बढ़ेगी। डब्ल्यूसीएल कोल इंडिया की पहली सहायक कंपनी है जिसने प्रतिस्पर्धात्मक बोली प्रक्रिया के माध्यम से कमर्शियल कोल ब्लाक हासिल किया है। मकार धोकड़ा-चार नागपुर जिले के उमरेड कोल फिल्ड्स में स्थित है। यहां डब्ल्यूसीएल की दो खदानें संचालित हैं।