चीन के साथ छोड़ते ही, बेहाल हुए विजय शेखर…खुलने लगीं Paytm…- भारत संपर्क
Paytm फाउंडर विजय शेखर शर्मा
कैश के लिए जिस तरह एटीएम का नाम सबसे पहले जेहन में आता है. वैसे ही डिजिटल पेमेंट के लिए भारत में लोगों को पेटीएम याद आता है. साल 2016 में नोटबंदी के बाद जब डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिला, तो पेटीएम लोगों के घर-घर पहुंच गया. पेटीएम ने 8 नवंबर की तारीख को जश्न की तरह मनाया और अपना आईपीओ भी 8 नवंबर 2021 को लॉन्च किया. लेकिन इसी के साथ पेटीएम में भरपूर निवेश करने वाली चीनी कंपनियों ने अपने हाथ सिकोड़ने शुरू किए और कंपनी की परतें खुलने लगीं.
पेटीएम के आईपीओ के वक्त उसमें सबसे बड़ी शेयर होल्डर चीन की अलीबाबा और जापान की सॉफ्टबैंक थीं. ऐसे में पेटीएम की स्टॉक मार्केट में लिस्टिंग का फायदा भी सबसे ज्यादा इन्हीं दोनों कंपनियों को हुआ. पेटीएम के आईपीओ से कंपनी के फाउंडर विजय शेखर शर्मा को जहां 402 करोड़ रुपए हासिल हुए, वहीं अलीबाबा ग्रुप को 5,488 करोड़ रुपए और सॉफ्टबैंक को 1,689 करोड़ रुपए मिले. अलीबाबा ग्रुप के शेयर होल्डिंग में एंट ग्रुप के 4700 करोड़ रुपए भी शामिल थे.
पेटीएम का आईपीओ 18,000 करोड़ रुपए का था. इसमें सिर्फ 8,000 करोड़ रुपए के ही नए शेयर जारी हुए. बाकी शेयर उसके तब के इंवेस्टर्स ने ऑफर फॉर सेल में रखे. यानी पेटीएम की सबसे बड़ी शेयर होल्डर अलीबाबा एंड एंट ग्रुप ने उससे बाहर निकलना शुरू कर दिया. आईपीओ के कुल साइज का 30% सिर्फ अलीबाबा और एंट ग्रुप के शेयर को बेचने से ही आया. यहीं से पेटीएम के खराब दिन भी शुरू हो गए.
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पेटीएम का टूटता शेयर
देश का तब का सबसे बड़ा आईपीओ लाने वाली पेटीएम का दौर उसके शेयर बाजार में लिस्ट होने के साथ ही शुरू हो गया. 18 नवंबर 2021 को इसका शेयर लिस्टिंग वाले दिन 1955 रुपए पर खुला, जबकि बंद होने तक ये 1564 रुपए पर आ गया. इस तरह ये अपने आईपीओ प्राइस 2150 रुपए के मुकाबले 27 प्रतिशत टूटकर लिस्ट हुआ. आज जब कंपनी के शेयर प्राइस को लिस्ट हुए 2 साल से ज्यादा समय हो गया है, तब भी कंपनी का शेयर प्राइस एक बार भी अपने आईपीओ प्राइस की बराबरी नहीं कर पाया है.
आरबीआई के फैसले के बाद पेटीएम के शेयर में गिरावट लगातार जारी है. शुक्रवार को कंपनी का शेयर प्राइस 487.20 रुपए पर बंद हुआ है. इसमें लगातार दो दिन से लोअर सर्किट लग रहा है.
2 साल में कहां बिगड़ी पेटीएम की बात
अब पेटीएम पर जो गाज गिरी है, वो कोई अचानक से हुई घटना नहीं है. बल्कि ये टाइम बम लगभग 2 साल से सुलग रहा था. भारतीय रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक और पेटीएम के बीच होने वाले पैसे और ट्रांजेक्शन डेटा ट्रैफिक को लेकर रेड फ्लैग्स दिखा दिए थे, लेकिन पेटीएम और विजय शेखर शर्मा ने इसके समाधान को लेकर कुछ नहीं किया.
पेटीएम को आरबीआई ने इसके बाद भी कई बार चेतावनी दी, लेकिन पेटीएम के मैनेजमेंट ने सही समय पर कोई कदम नहीं उठाया. पेटीएम ने अपने पेमेंट्स बैंक के टॉप ऑफीसर्स और डिसिजन मेकर्स को लेकर कोई बदलाव नहीं किया. विजय शेखर शर्मा ने पेटीएम को बड़ी फिनटेक कंपनी बनाने के चक्कर में रेग्युलेटरी गाइडलाइंस को ओवरलैप किया.
पेटीएम पेमेंट्स बैंक और विजय शेखर शर्मा का गणित
आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के शेयर होल्डिंग पैटर्न को लेकर भी चिंता व्यक्त की. पेटीएम पेमेंट्स बैंक में 49% हिस्सेदारी पेटीएम कंपनी की थी, जिसे लोग वन97 कम्युनिकेशंस के तौर पर भी जानते हैं. वहीं बची हुई 51% हिस्सेदारी पेटीएम के चीफ एग्जीक्यटिव और फाउंडर विजय शेखर शर्मा के पास थी. इस तरह पेटीएम पेमेंट्स बैंक से जुड़े सभी फैसले एकतरफा और विजय शेखर शर्मा द्वारा ही लिए जाने की बात सामने आई.
चीन के पास अब भी 9% हिस्सेदारी
पेटीएम से भले चीन की कंपनी अलीबाबा का एग्जिट हो गया हो, लेकिन एंट ग्रुप पूरी तरह बाहर नहीं गई है. चीन के एंट ग्रुप की सब्सिडियरी एंटफिन (नीदरलैंड) होल्डिंग्स के पास पेटीएम की 9.89 प्रतिशत हिस्सेदारी है. कंपनी ने अलीबाबा में एफडीआई के तौर पर निवेश किया है. पेटीएम पर आरबीआई की कार्रवाई की एक बड़ी वजह उसमें चीनी निवेश का होना और उसका चीन के साथ डेटा शेयर करना भी बताई जा रही है.
इसके अलावा एफडीआई के तौर पर निवेश करने वाली कंपनियों में मॉरीशस की सैफी ली मॉरीशस कंपनी लिमिटेड के पास 10.83 प्रतिशत, रीजिलिएंट एसेट मैनेजमेंट के पास 10.29 प्रतिशत, एसवीएफ इंडिया होल्डिंग्स (केमैन) के पास 6.46 प्रतिशत, सैफ पार्टनर्स इंडिया के पास 4.60 प्रतिशत हिस्सेदारी है. जबकि एफपीआई के तौर पर कनाडा पेंशन प्लान इंवेस्टमेंट गोर्ड ने 1.77 प्रतिशत, बीएनपी परिबास ने भी पेटीएम की 1.33 प्रतिशत हिस्सेदारी ली हुई.
वहीं पेटीएम के फाउंडर कंपनी में विजय शेयर शर्मा के पास भी 9.11 प्रतिशत की हिस्सेदार हैं. जबकि एक्सिस ट्रस्टी सर्विसेस लिमिटेड के पास 4.88 प्रतिशत और रिटेल इंवेस्टर्स के पास 12.85 प्रतिशत शेयर्स हैं.