वादाखिलाफी से नाराज ग्रामीणों ने दी आंदोलन की चेतावनी- भारत संपर्क
वादाखिलाफी से नाराज ग्रामीणों ने दी आंदोलन की चेतावनी
कोरबा। कोयला खदान विस्थापन प्रभावित नरईबोध, भस्माखार एवं अन्य ग्रामों की समस्याओं व समस्त मांगों का निराकरण नहीं होने पर 25 फरवरी से 30 मार्च तक गेवरा खदान बंद आंदोलन की सूचना मुख्य महाप्रबंधक, एसईसीएल गेवरा क्षेत्र को दी गई है। ग्रामीणों का कहना है कि विस्थापन प्रभावित ग्राम नरईबोध, भस्माखार एवं अन्य ग्रामों की समस्याओं के संबंध में गेवरा परियोजना के द्वारा वर्तमान दिनांक तक किसी भी प्रकार की सुविधा अथवा मांग पर कोई भी सकारात्मक पहल नहीं की गई है, जबकि पूर्व में की गई हडताल के उपरांत 15 दिन के अंदर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया था। गेवरा परियोजना के द्वारा आश्वासन के अतिरिक्त और कोई भी कार्य नहीं किए गए जो कि निंदनीय है। वैकल्पिक रोजगार, ब्लास्टिंग, पानी, ड्रम और स्ट्रीट लाइट इन छोटी-छोटी मांगों के लिए कई साल से हड़ताल किए जा रहे हैं, गेवरा परियोजना के एरिया जीएम, प्रोजेक्ट जीएम, एल एंड आर ऑफिसर इनके साथ कई बार ऑफिस में मीटिंग किया गया है, किंतु मीटिंग के पश्चात अभी तक झूठा आश्वासन देने के सिवाय कोई भी कार्य नहीं किया गया है। इसी प्रकार की छोटी-छोटी मांग अभी तक पूरी नहीं हुई है तो कैसे सोच लें की प्रबंधन बसाहट, मुआवजा, रोजगार जैसे बड़ी मांगें दे पाएगी। अर्जन के पश्चात विकास का नामोनिशान देखने को नहीं मिला। इसी कारण हड़ताल की सूचना देकर पुन: प्रबन्धन का ध्यानाकर्षण कराया जा रहा है, लेकिन विस्थापन प्रभावित ग्रामों की समस्याओं के निराकरण के प्रति एसईसीएल प्रबंधन गंभीरता से काम नहीं कर रहा है।नरईबोध, भस्माखार के दिनेश साहू, रमेश दास, जय कौशिक,गुलाब दास, गजेंद्र पांडे, विवेक दास, प्रीतम निर्मलकर आदि ने कहा है कि इस कारण हड़ताल के लिए वे विवश हैं और इस बार क्रमबद्ध हड़ताल किया जाएगा। 25 फरवरी को हड़ताल के पश्चात सकारात्मक पहल नहीं किए जाने पर 28 फरवरी के अलावा मार्च माह की 02, 05, 08, 12, 15, 20, 24, 26, 28 व 30 मार्च को ऐसे ही क्रमबद्ध हड़ताल कर संपूर्ण गेवरा खदान बंद की जाएगी, अथवा 02 मार्च व 05 मार्च को भस्मखार में बने साइलो को बंद कराकर हड़ताल किया जाएगा।