नेपाल के काठमांडू में राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन के सदस्यों का उग्र प्रदर्शन, पुलिस के… – भारत संपर्क


काठमांडू में हिंसक प्रदर्शन.Image Credit source: ANI
नेपाल की राजधानी काठमांडू में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन के सदस्यों और पुलिस के बीच झड़प हो गई. वे जातीय पहचान के आधार पर राज्य की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. इस प्रदर्शन में दो पुलिस कर्मियों सहित कम से कम 6 लोग घायल हो गए हैं. शनिवार को नेपाल की राजधानी में राजेंद्र महतो के नेतृत्व में राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन के सदस्यों द्वारा काठमांडू में एक मार्च आयोजित किया गया था. मार्च के दौरान राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन के सदस्यों के साथ पुलिस की झड़प हो गई. पुलिस ने चार आंदोलनकारियों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मार्च ने तब हिंसक रूप ले लिया जब प्रतिभागियों ने प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने से रोकने के लिए पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड को नीचे गिरा दिया. बैरिकेड गिरने के तुरंत बाद प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने पुलिस पर पथराव किया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई.
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झड़प में पुलिसकर्मी सहित छह घायल
#WATCH | Nepal: Clash breaks out between members of the National Liberation Movement and Police in Kathmandu during a protest. They are holding a protest demanding a state on the basis of ethnic identity. pic.twitter.com/53AKnTucnF
— ANI (@ANI) April 6, 2024
पुलिस के अनुसार, झड़प के दौरान दो पुलिस कर्मियों सहित 6 लोग घायल हो गए हैं, जिनमें से एक की हालत गंभीर है. पुलिस अधीक्षक नवाज अधिकारी ने कहा, “चार प्रदर्शनकारियों और दो पुलिस अधिकारियों को चोटें आई हैं. घायल पुलिसकर्मियों में से एक की हालत गंभीर है, जिसका इलाज काठमांडू के एक न्यूरो अस्पताल में किया जा रहा है. हमने हिंसा भड़काने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार भी किया है.”
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार का भी इस्तेमाल किया, जिन्होंने पहले विरोध प्रदर्शन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले खुले मैदान में सामूहिक सभा आयोजित करने की घोषणा की थी.
काठमांडू में हिंसक प्रदर्शन
भीड़ ने अपना रुख प्रशासनिक राजधानी की ओर कर लिया, जिसे पिछले साल से स्थानीय अधिकारियों ने प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया है. राजेंद्र महतो, जो नेपाल के पूर्व उप प्रधान मंत्री भी हैं, ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया, उन्हें कोई चोट नहीं आई. जैसे ही झड़प शुरू हुई, उन्हें प्रदर्शन स्थल से से बाहर कर दिया गया.