वोट चोरी Vs माफी-हलफनामा… बिहार चुनाव से पहले राहुल गांधी और चुनाव आयोग…


मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और राहुल गांधी.
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने SIR और वोट चोरी का आरोप लगाते हुए रविवार को सासाराम से मतदान अधिकार यात्रा शुरू की. यह यात्रा 16 दिनों तक बिहार के 20 जिलों में 1300 किलोमीटर की होगी. राहुल गांधी की यात्रा की शुरुआत में लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव शामिल हुए और आने वाले दिनों में वामपंथी पार्टियों के साथ-साथ इंडिया गठबंधन के घटक दल के अन्य नेता भी शामिल होंगे और वे सभी चुनाव में धांधली के खिलाफ बिहार में अलख जाएंगे, लेकिन जिस दिन राहुल गांधी ने बिहार में मतदाता अधिकार यात्रा शुरू की, उसी दिन चुनाव आयोग की फुल बेंच ने उनके वोट चोरी और धांधली के आरोप को खारिज कर दिया और सात दिनों का अल्टीमेटम देते हुए हलफनामा देने या माफी मांगने की बात कही.
हालांकि राहुल गांधी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव, हरियाणा विधानसभा चुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा से ही चुनाव आयोग और भाजपा के बीच मैच फिक्सिंग का आरोप लगाते रहे हैं. हाल में बिहार में SIR के ऐलान के साथ ही कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर हमला तेज कर दिया है. SIR के खिलाफ सड़क से लेकर संसद तक विपक्ष के 300 सांसदों ने मार्च किया, तो राहुल गांधी ने कर्नाटक के महादेवपुरा लोकसभा केंद्र में करीब एक लाख वोटों की चोरी का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग पर हमला बोला है.
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि बेंगलुरु सेंट्रल के महादेवपुरा में एक लाख से ज्यादा संदिग्ध प्रविष्टियां थीं, जिनमें डुप्लिकेट मतदाता, अमान्य पते और एक ही स्थान पर एक साथ कई पंजीकरण शामिल थे. उन्होंने एक मतदाता द्वारा कथित तौर पर दो बार मतदान करने जैसे उदाहरण भी दिए – ऐसे दावे जिन्हें चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया. गांधी ने आगे आरोप लगाया कि मतदान केंद्रों से सीसीटीवी फुटेज मिटा दिए गए थे, और ऐसे मामलों का हवाला दिया जहां एक ही पते पर दर्जनों मतदाता पंजीकृत थे.
चुनाव आयोग और राहुल गांधी आए आमने-सामने
इस तरह से पिछड़े एक पखवाड़े से चुनाव में धांधली को लेकर चुनाव आयोग और राहुल गांधी में शीत युद्ध चल रहा था, लेकिन रविवार को यह घमासान खुलकर सामने आ गया. चुनाव आयोग पहले राहुल गांधी के आरोपों को जवाब देने के लिए उन्हें नोटिस दिया था और हलफनामा दायर करने की बात कही थी, लेकिन रविवार को चुनाव आयोग की फुल बेंच ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राहुल गांधी का नाम लिए बिना उनके आरोप को पूरी तरह खारिज कर दिया और सात दिनों का अल्टीमेटम दिया. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने साफ कहा कि या तो हलफनामा दें या फिर पूरे देश से माफी मांगे. अन्यथा सात दिनों में आरोप निराधार हो जाएगा.
चुनाव आयोग की दो टूक के बाद देश की सियासत एक बार फिर से गरमा गई है. कांग्रेस और भाजपा के प्रवक्ता अपने-अपने पक्ष दे रहे हैं. कांग्रेस ने चुनाव आयोग के जवाब को राहुल गांधी के बिहार में मतदाता अधिकार यात्रा शुरू करने से जोड़ कर देखा और कहा कि चुनाव आयोग ने राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप में से किसी का भी जवाब नहीं दिया है. कांग्रेस के नेता जयराम रमेश का कहना है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता ने सिर्फ वही तथ्य कहे जो चुनाव आयोग के अपने आंकड़ों से सामने आए हैं. चुनाव आयोग न केवल अपनी अक्षमता, बल्कि अपनी घोर पक्षपातपूर्ण नीति के लिए भी पूरी तरह से बेनकाब हो गया है. दूसरी ओर, राहुल गांधी ने सासाराम और औरंगाबाद में मतदान अधिकार यात्रा के दौरान चुनाव आयोग पर पटलवार किया और आरोप लगाया कि चुनाव आयोग पहले छुपकर चोरी करता था और अब खुलेआम चोरी कर रहा है, लेकिन बिहार में चुनाव आयोग को वोट चोरी करने नहीं दिया जाएगा.
राहुल की यात्रा के दिन EC का जवाब, उठे सवाल
राहुल गांधी और चुनाव आयोग के बीच तकरार और आरोप-प्रत्यारोप पर वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक ओमप्रकाश अश्क का कहना है कि यहां यह दिलचस्प है कि बिहार में जिस दिन से राहुल गांधी मतदान अधिकार यात्रा निकाल रहे हैं. उनके समर्थन में बिहार के तमाम दल संसद से सड़क तक हंगामा कर रहे हैं. उसी दिन, रविवार और अवकाश होने के बाद चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा है और राहुल गांधी के आरोपों को व्यापक रूप से खारिज कर दिया. साथ में अल्टीमेटम देते हुए हलफनामा देने या माफी मांगने की बात कही है.
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग जिस तरह से अवकाश के दिन और राहुल गांधी के मतदान अधिकार यात्रा के दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जवाब दे रहा है. उससे यह पता चलता है कि चुनाव आयोग में भी इस बात को लेकर घबराहट है और राजनीतिक तौर पर विपक्ष जिस तरह का आरोप लगा रहा है, उसे लेकर बेचैनी है. चुनाव आयोग पहले या बाद में भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकता था. यह आज के ही दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस ने विपक्ष को सवाल उठाने का मौका दे दिया है और इसे लेकर सियासत होगी भी. वहीं, राहुल गांधी अगले 15 दिनों तक बिहार यात्रा के दौरान वोट चोरी का आरोप लगाते रहेंगे.
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह पहला अवसर है, जब चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस तरह के आरोपों का जवाब दे रहा है. इससे पहले इस तरह के आरोपों पर चुनाव आयोग की ओर से प्रेस बयान जारी कर अपनी बात कही जाती थी, लेकिन जिस तरह से चुनाव आयोग सामने आया है, उससे विपक्ष के आरोप और सियासत और तेज होंगे. विपक्ष ने चुनाव आयोग पर भाजपा के पक्ष में काम करने का आरोप लगाना शुरू कर दिया है.
भाजपा के पलटवार से गरमाई सियासत
इस बीच, भाजपा ने चल रहे “वोट चोरी” विवाद में विपक्ष पर पलटवार किया है और राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, अखिलेश यादव और अभिषेक बनर्जी जैसे नेताओं पर अनियमित मतदाता पंजीकरण के जरिए अपनी सीटें जीतने का आरोप लगाया है.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने रायबरेली, वायनाड, कन्नौज, डायमंड हार्बर और अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में फर्जी मतदाताओं के सबूत पेश किए और इन सांसदों से इस्तीफा देने की मांग की. उन्होंने विपक्षी दलों पर “अवैध घुसपैठियों” को बचाने के लिए चुनाव आयोग के मतदाता सूची संशोधन के ख़िलाफ़ झूठा अभियान चलाने का भी आरोप लगाया. ठाकुर ने कहा कि विपक्ष का जोरदार विरोध “चोर मचाए शोर” का संकेत देता है, जिसका अर्थ है कि दोषी लोग सबसे ज्यादा शोर मचा रहे हैं.
उन्होंने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करते हुए “ईमानदार और सच्चे भारतीय नागरिकों” का जनादेश चुराने के लिए चुनाव आयोग के खिलाफ अभियान चलाने का आरोप लगाया.