क्या होता है गोल्डन आवर? ऑनलाइन फ्रॉड होने के कितनी जल्दी करें कंप्लेंट – भारत संपर्क

आजकल डिजिटल पेमेंट, ऑनलाइन बैंकिंग और ऐप्स का इस्तेमाल बढ़ गया है. लेकिन इसी के साथ साइबर ठगी यानी ऑनलाइन फ्रॉड भी बहुत बढ़ गया है. कोई ओटीपी मांग कर फ्रॉड करता है, तो कोई फर्जी लिंक या फोटो भेजकर आपकी मेहनत की कमाई उड़ा लेता है. बहुत से लोग फ्रॉड होने के बाद डर जाते हैं या शर्म के मारे किसी को नहीं बताते. सोचते हैं कि खुद ही सुलझा लेंगे या बाद में शिकायत करेंगे. लेकिन यही सबसे बड़ी गलती होती है. फ्रॉड होने के तुरंत बाद आपको एक्शन लेना चाहिए. यहां जानें कि फ्रॉड होने के कितनी जल्दी कंप्लेंट कर देनी चाहिए.
क्या है गोल्डन आवर?
गोल्डन आवर यानी वो समय जब अगर आप सही कदम उठाएं, तो आपका पैसा वापस मिल सकता है. ऑनलाइन फ्रॉड होने के तुरंत बाद के 30 से 60 मिनट सबसे जरूरी होते हैं. इस दौरान अगर आप जल्दी से शिकायत करें, तो पुलिस आपके पैसे को साइबर ठगों के हाथों से बचा सकती है.
क्यों जरूरी है जल्दी शिकायत करना?
साइबर ठग बहुत शातिर होते हैं. जैसे ही पैसा आपके अकाउंट से निकलता है, वे तुरंत उसे कई और अकाउंट्स में भेज देते हैं. जैसे अगर दिल्ली में ठगी हुई तो कुछ ही मिनटों में वो पैसा मुंबई, पुणे होते हुए केरल तक पहुंच सकता है.
पुलिस के लिए एक-एक अकाउंट ट्रेस करना बहुत मुश्किल होता है. लेकिन अगर आप 5-10 मिनट में ही शिकायत कर दें, तो पुलिस आपका अकाउंट फ्रीज करवा सकती है और ठगों तक पैसा पहुंचने से रोक सकती है.
कितनी जल्दी करें शिकायत?
पुलिस अफसरों और रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर फ्रॉड 3 बजे हुआ है, तो 3:05 तक आपको शिकायत कर देनी चाहिए.
ताकि 3:20 तक बैंक या पुलिस आपके अकाउंट को ब्लॉक कर सकें और पैसा बच सके. इसका मतलब पहले 5 से 15 मिनट ही असली गोल्डन टाइम साबित हो सकते हैं.
शिकायत कहां करें?
फोन से शिकायत करने के लिए इस नंबर 1930 पर कॉल करें, ये साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर है. ऑनलाइन रिपोर्ट करने के लिए www.cybercrime.gov.in पर जाएं. नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर एफआईआर दर्ज करवाएं.
ध्यान रखें ये बातें
फ्रॉड होने पर डरें नहीं, तुरंत शिकायत करें. किसी से जानकारी छुपाएं नहीं. जल्द से जल्द 1930 पर कॉल करें. सोशल मीडिया पर मदद मांगने से पहले पुलिस को बताएं. अकाउंट में कोई भी संदिग्ध लेन-देन दिखे तो तुरंत बैंक को बताएं.