क्या है 9 कैरेट गोल्ड जूलरी, जिसकी जल्द होगी हॉलमार्किंग!…- भारत संपर्क
सोने और चांदी की कीमतें लगातार आसमान छू रही हैं, जिसके चलते अब 9 कैरेट की गोल्ड ज्वेलरी की चर्चा होने लगी है. ट्रेडर्स ने भी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) से इसको महत्वपूर्ण अपील की है. ट्रेडर्स ने हॉलमार्किंग को आगे बढ़ाने के साथ 9 कैरेट गोल्ड जूलरी के लिए हॉलमार्किंग यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर शुरू करने का सुझाव दिया गया है. लेकिन ये 9 गोल्ड क्या है, असली सोने से कितना अलग है, इससे आपको क्या फायदा होगा आइए जानते हैं…
दरअसल, हाल ही में सोने और चांदी की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी देखी गई है. जिसके चलते ये सोना खरीदने वालों की पहुंच से दूर होता जा रहा है और खरीदारों के बीच इसने चिंता पैदा कर दी है. सोने की कीमतें 75,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास हैं. वहीं, चांदी 95,000 रुपये प्रति किलोग्राम के आंकड़े को पार कर चुकी हैं.
क्या होता है 9 कैरेट गोल्ड?
दरअसल, सोने के मामले में कैरेट का इस्तेमाल उसकी शुद्धता को मापने के लिए किया जाता है. अगर सोना 24 कैरेट है, मतलब इसमें 99.9 फीसदी शुद्ध सोना है. 22 कैरेट सोने की शुद्धता का स्तर 91.7 फीसदी होता है, जबकि 18 कैरेट सोने में 75 फीसदी सोने की शुद्धता होती है. इसी तरह, 14 कैरेट सोना 58.3 फीसदी तो 12 कैरेट 50 फीसदी शुद्ध होता है. 10 कैरेट में सोने की शुद्धता 41.7 फीसदी और 9 कैरेट में सिर्फ 37.5 फीसदी सोने की शुद्धता है. इसमें भी चांदी, तांबा, जिंक और निकल जैसी धातुओं का मिश्रण किया जाता है.
क्या 9 कैरेट गोल्ड जूलरी की हॉलमार्किंग होगी?
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को BIS अधिकारियों से मुलाकात की थी. इस दौरान 9 कैरेट सोने के लिए हॉलमार्किंग और HUID नंबर के महत्वपूर्ण मामले पर चर्चा हुई थी. ET की रिपोर्ट के मुताबिक, IBJA के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र मेहता ने उपभोक्ताओं पर बढ़ती कीमतों के प्रतिकूल प्रभाव पर जोर देते हुए कहा, ‘कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. उपभोक्ता इसका बोझ महसूस कर रहे हैं. इसे ध्यान में रखते हुए हमने 9 कैरेट के आभूषणों के लिए हॉलमार्किंग की अनुमति देने की संभावना पर चर्चा करने के लिए अधिकारियों से मुलाकात की.’ यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भारतीय रिजर्व बैंक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की कीमत निर्धारित करने में IBJA के योगदान को स्वीकार करता है.
आपको क्या होगा फायदा?
नौ कैरेट सोने की कीमत अभी करीब 28,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास है. इस पर 3% अतिरिक्त जीएसटी भी लगता है. अगर 9 कैरेट सोने के लिए हॉलमार्किंग को मंजूरी मिल जाती है तो उपभोक्ता अपने बजट की सीमाओं के भीतर रहते हुए बड़े आभूषण खरीद सकेंगे. इस कदम का उद्देश्य उपभोक्ताओं पर वित्तीय बोझ कम करना है.
हॉलमार्किंग के प्रस्तावित विस्तार में 9 कैरेट सोना शामिल करने से कीमती धातुओं की बढ़ती कीमतों के कारण उत्पन्न आर्थिक चुनौतियों से निपटने में उद्योग के सक्रिय दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला गया है. इस पहल का उद्देश्य अनिश्चित वित्तीय परिस्थितियों के दौरान उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करना है.