क्या है घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी और यह कब की जानी चाहिए- Knee replacement…

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क्या है घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी और यह कब की जानी चाहिए- Knee replacement…

घुटना प्रत्यारोपण किन स्थितियों में की जाती है और इस दौरान आपको किन-किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए, यह जान लेना बहुत जरूरी है। इस सर्जरी में थोड़ी सी भी लापरवाही किसी भी व्यक्ति के लिए खतरनाक हो सकती है।

घुटनों में दर्द रोज़मर्रा की जिंदगी को काफी प्रभावित करता है। इसके चलते दैनिक कामकाज भी काफी चुनौतीपूर्ण लगने लगता है। जब आपको महसूस हो कि पारंपरिक इलाज के तौर-तरीकों से कोई फायदा नहीं मिल रहा, तो नी रिप्लेसमेंट सर्जरी (Knee replacement surgery) अगला कदम साबित हो सकती है। मगर ये कब करवानी चाहिए, इससे पहले किन बातों पर ध्यान देना चाहिए, और रिकवरी कितने दिन में हो सकती है, आइए नी रिप्लेसमेंट सर्जरी के बारे में पूछे जाने वाले इन सवालों के जवाब जानते हैं।

क्या है घुटना प्रत्यारोपण के लिए की जाने वाली सर्जरी (Knee replacement surgery)

नी रिप्लेसमेंट सर्जरी में घुटनों के जोड़ों के क्षतिग्रस्त हिस्सों की जगह धातु और प्लास्टिक से निर्मित कंपानेंट्स लगाए जाते हैं। कई बार पूरा घुटना बदला जाता है, जिसे टोटल रिप्लेसमेंट कहते हैं या कुछ हिस्से बदलने पर पार्शियल रिप्लेसमेंट किया जाता है, जो कि आपके घुटनों की हालत पर निर्भर करता है। सर्जरी का मकसद मरीज की तकलीफ को कम करना, फंक्शन में सुधार लाना और जीवन की गुणवत्ता बेहतर बनाना होता है।

कब होती है नी रिप्लेसमेंट सर्जरी की जरूरत 

वास्तव में घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी आपके जीवन की गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से की जाती है।इस प्रक्रिया से आपके घुटनों की कामकाज करने की क्षमता लौटायी जा सकती है, तकलीफ भी कम होती है और कुल-मिलाकर वैल-बींग में भी सुधार होता है।

ye iss bat par bhi nirbhar karta hai ki apke ghutno ki condition kaisi hai
एक्सपर्ट पहले यह देखते हैं कि आपके घुटनों की कंडीशन कैसी है। चित्र : अडोबीस्टॉक

इसकी जरूरत आमतौर पर –

  1. अगर आपको भी लगातार घुटनों का दर्द बना हुआ है, जिसकी वजह से आपकी दैनिक गतिविधियों पर असर पड़ रहा है
  2. मोबिलिटी सीमित हो गई है
  3. घुटनों में विकृति स्पष्ट रूप से दिखायी दे रही है
  4. पारंपरिक इलाज नाकाम साबित हो चुके हैं
  5. या गंभीर ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित हैं, तो आपको घुटना प्रत्यारोपण की सलाह दी जाती है।

आंशिक घुटना प्रत्यारोपण (Partial knee replacement)

घुटनों में गठिया (नी आर्थराइटिस) से ग्रस्त 25 से 30 फीसरदी मरीजों के मामले में, पार्शियल नी रिप्लेसमेंट (आंशिक घुटना प्रत्यारोपण) का विकल्प होता है। पार्शियल नी रिप्लेसमेंट से बेहतर फंक्शन का लाभ मिलता है, इसमें छोटे आकार का चीरा लगाने से कम टिश्यू क्षतिग्रस्त होते हैं, तकलीफ भी कम होती है और मरीज की रिकवरी भी जल्द होती है।

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नी रिप्लेसमेंट सर्जरी के लाभ (Benefits of knee replacement surgery)

  1. मोबिलिटी और फंक्शन में सुधार
  2. दर्द तथा तकलीफ से राहत
  3. बेहतर लाइफ क्वालिटी
  4. अधिक आत्मनिर्भरता
  5. दैनिक गतिविधियों और अपने शौक दोबारा शुरू करने की क्षमता

नी रिप्लेसमेंट सर्जरी (घुटना प्रत्यारोपण शल्यचिकित्सा) करवाने वाले लोगों को अक्सर अपनी बेहतरी में काफी सुधार महसूस होता है और सर्जरी के बाद वे उन गतिविधियों से भी जुड़ पाते हैं, जो उन्हें पहले काफी चुनौतीपूर्ण लगा करती थीं।

लेकिन, जैसा कि किसी भी सर्जरी में होता है, इससे जोखिम और जटिलताओं का जुड़े होना स्वाभाविक है। कभी ये खतरे संक्रमण और खून के थक्के जमने के रूप में सामने आते हैं, तो कई बार इंप्लांट फेलियर भी होता है।

इसके अलावा, स्नायुओं (नर्व) को नुकसान पहुंचने और एनेस्थीसिया के प्रति रिएक्शन की आशंका भी होती है, हालांकि यह काफी दुर्लभ होता है। आपके ऑर्थोपिडिशियन आपके साथ इन जोखिमों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। ताकि आप इनकी आशंका कम से कम करने के लिए जरूरी सावधानियों का पालन कर सकें।

सर्जरी से पहले ध्यान रखें 

घुटने की सर्जरी से पहले, एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें और पूरी जांच करवाएं। एक्सपर्ट आपके घुटने की कंडीशन, मेडिकल हिस्ट्री और हेल्थ के मद्देनज़र यह तय करेंगे कि क्या नी रिप्लेसमेंट सर्जरी आपके लिए उचित है। इसके अलावा, आप अपनी संपूर्ण मेडिकल जांच भी करवाएं।

ताकि अन्य किसी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी या जटिलताओं का भी समय रहते पता चल सके। अपने ऑर्थोपिडिक सर्जन से मिलकर इलाज के विकल्पों तथा इंप्लांट टाइप के बारे में चर्चा करें। ताकि आपके मामले में क्या करना सही होगा, इसका पता लगाया जा सके।

पहले ही करनी है, बाद के लिए तैयारी

सर्जरी के बाद रिकवरी के लिए भी पहले से तैयारी करना न भूलें। आपको लाइफस्टाइल में बदलाव करने होंगे, जैसे कि हेल्दी वेट को मेंटेन करना जरूरी है, धूम्रपान छोड़ें, मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाले व्यायाम करें जिससे पोस्टऑपरेटिव प्रक्रिया आसान बने। संभावित जोखिमों और साथ ही, सर्जरी के लाभ भी समझें।

इंफेक्शन, ब्लड क्लॉट्स, इंप्लांट फेलियर, नर्व को नुकसान, एनेस्थीसिया के प्रति रिएक्शन आदि के बारे में जानें। इस तरह, पहले से ही पूरी जानकारी लेकर आप खुद को सर्जरी के लिए बेहतर ढंग से तैयार कर सकते हैं।

घुटना प्रत्यारोपण की पूरी प्रक्रिया 

सर्जरी में आमतौर से एक से दो घंटे का समय लगता है और इसमें मरीज को आराम देने तथा कम से कम तकलीफ के लिए एनेस्थीसिया दिया जाता है। सर्जरी के लिए, घुटने के जोड़ में चीरा लगाकर खराब हो चुके कार्टिलेज को निकालकर उसकी जगह आर्टिफिशियल कंपोनेंट्स को लगाया जाता है। आपके डॉक्टर आपको इस पूरी प्रक्रिया की जानकारी देंगे और इस संबंध में आपके सवालों के जवाब भी देंगे।

हाल के समय में, रोबोटिक एसिस्टेड सर्जरी और कंप्यूटर नेविगेशन सर्जरी जैसी आधुनिक टैक्नोलॉजी से पहले से ज्यादा सटीक तरीके से सर्जरी की जा रही है, जिसका बड़ा फायदा यह होता है कि मरीज सर्जरी के बाद कम समय में और बिना किसी पीड़ा के अपने नॉर्मल फंक्शन करने में सक्षम बनता है।

कितने दिन में होती है रिकवरी (Recovery after Knee replacement surgery)

हालांकि रिकवरी के लिए अलग-अलग मरीजों को अलग समय लग सकता है, लेकिन आमतौर पर, इस सर्जरी के लिए अस्पताल में दो से तीन दिनों तक रुकना पड़ सकता है। इसके बाद नी फंक्शन लौटाने के लिए फिज़िकल थेरेपी दी जाती है, दवाओं और आइस पैक की मदद से पेन मैनेजमेंट किया जाता है, साथ ही, डिवाइसों और अन्य साधनों से घरों को मरीज के अनुरूप बनाने की काशिश की जाती है।

सर्जरी के बाद ऑर्थोपिडिशियन के पास रेगुलर फॉलो-अप के लिए जाना होता है। मरीज के रीहेबिलिटेशन में थेरेपी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, जो आपको घुटनों में वापस ताकत, मोबिलिटी तथा तरह-तरह की मोशन रेंज लौटाने में मददगार साबित होती है।

Surgery ke bad bhi apko kuchh chizo ka dhyan rakhna zaruri hai
अपने घुटनों की सर्जरी करवाने के बाद सही रिकवरी के लिए आपको कुछ चीजों का ध्यान रखना जरूरी है। चित्र : अडोबीस्टॉक

पोस्टऑपरेटिव केयर और रीहेबिलिटेशन है जरूरी 

नी रिप्लेसमेंट सर्जरी की सफलता के लिए उचित पोस्टऑपरेटिव केयर और रीहेबिलिटेशन काफी महत्वपूर्ण है। इसमें निम्न शामिल हैंः

  1. दवाओं और थेरेपी संबंधी निर्देशों का पालन करना
  2. समय पर फॉलो-अप के लिए जाना
  3. धीरे-धीरे गतिविधियां बढ़ाना और हेल्दी वेट को मेंटेन रखना
  4. धूम्रपान तथा अधिक शराब के सेवन से बचना

घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी (Knee replacement surgery) के फायदे और जोखिमों को समझने के बाद, इस सर्जरी के दीर्घकालिक नतीजों के बारे में भी पूरी जानकारी लेना जरूरी है। अगर आप सही देखभाल और रीहेबिलिटेशन करते हैं, तो आर्टिफिशियल नी अगले कई वर्षों तक साथ निभा सकते हैं, अक्सर ये 15-20 वर्षों तक या और भी अधिक समय तक चलते हैं।

लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आप हेल्दी लाइफस्टाइल का पालन करें, रेगुलर एक्सरसाइज़ और संतुलित खानपान सुनिश्चित करें। ताकि आपके इंप्लांट लंबे समय तक ठीक ढंग से काम करते रहें।
इसके अलावा, एडवांस टेक्नोलॉजी के चलते भी अब अधिक टिकाऊ तथा नैचुरल-फीलिंग वाले इंप्लांट्स उपलब्ध होने लगे हैं।

उदाहरण के लिए, कुछ ऐसे इंप्लांट्स भी हैं जो आपके घुटनों के जोड़ों की नेचुरल मूवमेंट की हुबहू नकल करते हैं, जिससे आपको अधिक आरामदायक और नेचुरल अहसास मिलता है।

चलते-चलते

कुल-मिलाकर, नी रिप्लेसमेंट सर्जरी उन लोगों की जिंदगी बदलकर रख देने वाला ऐसा सॉल्यूशन है, जो घुटनों के गंभीर दर्द और मोबिलिटी में परेशानी के शिकार हैं। जब आप यह महसूस करें कि घुटनों को बदलवाने की सर्जरी करवाने का समय आ चुका है, और इस प्रक्रिया की तैयारी कर लें।

रीहेबिलिटेशन के लिए खुद को तैयार करें, तो आप वाकई अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं और दोबारा मोबिलिटी तथा फंक्शन को प्राप्त कर सकते हैं। इस बारे में कोई भी फैसला करने से पहले अपने ऑर्थोपिडिशियन से परामर्श अवश्य करें ताकि आपके लिए कौन-सा विकल्प सबसे श्रेष्ठ है, इस बारे में सही फैसला किया जा सके।

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