DSLR vs Normal Camera: डीएसएलआर और कैमरा में क्या फर्क होता है? कंफ्यूजन करें… – भारत संपर्क

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DSLR vs Normal Camera: डीएसएलआर और कैमरा में क्या फर्क होता है? कंफ्यूजन करें… – भारत संपर्क

आजकल कैमरे का इस्तेमाल फोटो और वीडियो बनाने के लिए काफी नॉर्मल हो गया है. लेकिन जब हम DSLR और कैमरा शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, तो इन दोनों के बीच क्या फर्क है ये समझना जरूरी है. कैमरा कहते हैं तो उसका मतलब सभी तरह के कैमरे से होता है. इसमें स्मार्टफोन कैमरा और पॉइंट-एंड-शूट कैमरा आदि शामिल हैं. वहीं, DSLR एक खास तरह का कैमरा है. आइए, यहां इन दोनों के बीच क्या अंतर है इसे अच्छे से समझें.

DSLR कैमरा क्या है?

DSLR एक डिजिटल कैमरा है. इसके फुल फॉर्म Digital Single-Lens Reflex है. ये प्रोफेशनल फोटोग्राफर्स और फोटोग्राफी शौकीनों के बीच काफी पॉपुलर है. DSLR में एक सबसे जरूरी मिरर का सिस्टम होता है, जिससे आपको फोटो खींचते वक्त जो आप देख रहे हैं, वही व्यू कैमरे के लेंस से दिखाई देता है. ये फ्लैप और रिफ्लेक्स मिरर के जरिए काम करता है जिसकी वजह से इसका नाम DSLR पड़ा है.

नॉर्मल कैमरा क्या होता है?

नॉर्मल कैमरे की बात आती है तो इसका मतलब है सभी तरह के छोटे और आसान कैमरे. इसमें पॉइंट-एंड-शूट कैमरा, स्मार्टफोन कैमरा और मिररलेस कैमरा शामिल हैं. ये कैमरे छोटे और हल्के होते हैं. इन्हें इस्तेमाल करना बहुत आसान होता है. इनमें आपको बडे़ लेंस या मिरर सिस्टम नहीं मिलता है. जिससे ये ज्यादा कॉम्पैक्ट और पोर्टेबल होते हैं.

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लेंस और फोकसिंग सिस्टम

DSLR कैमरा में लेंस बदलने का ऑप्शन होता है. आप अपनी जरूरत के हिसाब से अलग-अलग लेंस लगा सकते हैं. इसमें वाइड एंगल लेंस, टेलीफोटो लेंस, आदि का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा, ज्यादा कंट्रोल के लिए इसमें एक ऑटोफोकस सिस्टम और मैनुअल फोकस की सुविधा होती है.

DSLR vs Camera: मिरर सिस्टम

DSLR में एक बड़ा मिरर दिया गया होता है. ये लाइट को सेंसर तक पहुंचने से पहले रिफ्लेक्ट करता है. इस वजह से आपको रीयल-टाइम व्यू दिखता है.

नॉर्मल कैमरा में आपको ये सिस्टम देखने को नहीं मिलता है. इसे आप ऐसे समझ सकते हैं. जैसे कि आपके स्मार्टफोन कैमरा में केवल डिजिटल स्क्रीन होती है, जिससे आप केवल स्क्रीन पर दिखने वाले व्यू को देख सकते हैं.

साइज और वजन में अंतर

DSLR कैमरे का साइज काफी बड़ा और हैवी होता है. इनका इस्तेमाल करने के लिए आपको दोनों हाथों से कैमरा पकड़ना पड़ता है. इसे लंबे समय तक पकड़ने में थोड़ी थकावट हो सकती है.

नॉर्मल कैमरा छोटे और हल्के होते हैं. इन्हें आप आसानी से अपनी पॉकेट या बैग में फिट कर सकते हैं. ये पोर्टेबल होते हैं और सफर के दौरान आसानी से इस्तेमाल किए जा सकते हैं.

कस्टमाइजेशन और कंट्रोल

DSLR कैमरे में आपको कई सारे कस्टमाइजेशन और कंट्रोल मिलते हैं. इसमें आप अपने हिसाब से ISO, शटर स्पीड और एपर्चर, आदि सेट कर सकते हैं. आप हर एक सेटिंग को मैनुअली बदल सकते हैं.

नॉर्मल कैमरा में कम सेटिंग्स होती हैं. ज्यादातर कैमरा केवल ऑटो मोड में काम करते हैं. जिससे आपको कम कंट्रोल मिलता है.

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