क्या है CBSE का ग्रेडिंग सिस्टम, कैसे तय होता है नंबर का पैमाना? | What is the…
CBSE का ग्रेडिंग सिस्टमImage Credit source: PTI
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने सोमवार को 10वीं-12वीं का रिजल्ट घोषित कर दिया. इस साल 10वीं में 93.60 फीसदी और 12वीं में कुल 87.98 फीसदी स्टूडेंट्स पास हुए. हालांकि इस साल सीबीएसई ने टॉपर्स की लिस्ट नहीं जारी की है. बोर्ड पहले ही यह साफ कर चुका है कि वो न तो पर्सेंटेज जारी करेगा, न डिवीजन और न ही टॉपर्स की लिस्ट. ऐसे में सीबीएसई का ग्रेडिंग सिस्टम समझना अहम हो जाता है.
सीबीएसई 10वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स को नंबरों के बजाय ग्रेड देता है. स्टूडेंट्स को ग्रेड के आधार पर ही अपने नंबरों का अंदाजा लगाना होता है. अब समझते हैं कि कैसा है सीबीएसई का ग्रेडिंग सिस्टम और किस ग्रेड के क्या हैं मायने?
क्या होता है ग्रेडिंग सिस्टम का पैमाना?
- 91%-100% नंबर पाने वाले को A1 ग्रेड मिलती है और 10.0 ग्रेड पॉइंट दिए जाते हैं.
- 81%-90% नंबर पाने वाले को A2 ग्रेड मिलती है और 9.0 ग्रेड पॉइंट दिए जाते हैं.
- 71%-80% नंबर पाने वाले को B1 ग्रेड मिलती है और 8.0 ग्रेड पॉइंट दिए जाते हैं.
- 61%-70% नंबर पाने वाले को B2 ग्रेड मिलती है और 7.0 ग्रेड पॉइंट दिए जाते हैं.
- 51%-60% नंबर पाने वाले को C1 ग्रेड मिलती है और 6.0 ग्रेड पॉइंट दिए जाते हैं.
- 41%-50% नंबर पाने वाले को C2 ग्रेड मिलती है और 5.0 ग्रेड पॉइंट दिए जाते हैं.
- 33%-40% नंबर पाने वाले को D ग्रेड मिलती है और 4.0 ग्रेड पॉइंट दिए जाते हैं.
- 21%-32% नंबर पाने वाले को E1 ग्रेड मिलती है और Fail ग्रेड दी जाती है.
- 00%-20% नंबर पाने वाले को E2 ग्रेड मिलती है और Fail ग्रेड दी जाती है.
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ऐसे समझे ग्रेडिंग का गणित
परसेंटेज को लेकर लोगों के मन में एक सवाल रहता है कि कई बार कुल अंक और परसेंटेज ज्यादा होती है लेकिन सीजीपीए कम होता है. इसे लेकर नोएडा में स्थित पंचशील बालक इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ.नीरज टंडन से बात की तो उन्होंने बताया कि कुल परसेंटेज जोड़ने में हम सभी 6 विषयों को जोड़ते हैं पर जब हम सीजीपीए निकालते हैं तो टॉप के 5 विषय (बेस्ट 5 सब्जेक्ट) ही लेते हैं.
आसान भाषा में परसेंटेज निकालने के लिए हम इसे उदाहरण से समझते है कि कैसे सीजीपीए से प्रतिशत की गणना की जाएगी. मान लीजिए एक छात्र के टॉप 5 विषय (बेस्ट 5 सब्जेक्ट) है जिसमें विज्ञान, सामाजिक अध्ययन, गणित, अंग्रेजी और हिंदी के लिए उसे निम्न ग्रेड दिए गए हैं:
गणित के लिए ग्रेड: A1
फिजिक्स के लिए ग्रेड: A1
केमिस्ट्री के लिए ग्रेड: A1
सामाजिक अध्ययन के लिए ग्रेड: A2
अंग्रेजी के लिए ग्रेड: A1
अब इन ग्रेड प्वाइंट्स की कैलकुलेशन के लिए इंडिविजुअल सब्जेक्ट के ग्रेड को परसेंटेज में इस तरह करते हैं.
अंग्रेजी (10*9.5) = 95% (जीपीए)
हिंदी (10*9.5) = 95% (जीपीए)
विज्ञान (10*9.5) = 95% (जीपीए)
गणित (10*9.5) = 95% (जीपीए)
सामाजिक अध्ययन (9*9.5) = 85.5% (जीपीए)
अब सभी विषयों के कुल सीजीपीए से प्रतिशत की गणना ऐसे की जाएगी
सीजीपीए = [(9+10+10+10+10)/5] = 9.8
कुल प्रतिशत = 9.8*9.5 = 93.1
कब लागू हुआ ग्रेडिंग सिस्टम?
शैक्षणिक वर्ष 2009-2010 से CBSE ने 10th-12th के स्टूडेंट्स के लिए ग्रेडिंग सिस्टम लागू किया. इसके बाद बोर्ड ने नंबर और पर्सेंटेज के बजाय ग्रेड्स देने शुरू किए थे. हालांकि इसमें बोर्ड बदलाव करने की योजना बना रहा है. दरअसल, रिजल्ट जारी होने के बाद कई बच्चे कम नंबर देखकर तनाव का शिकार हो जाते हैं इसलिए कहा जा रहा है कि इसका हल निकालने के लिए सीबीएसई बोर्ड रिजल्ट और मार्कशीट की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है.