अमेरिकन विदेश मंत्री के चीन दौरे का असली एजेंडा क्या है? | What is the real agenda of… – भारत संपर्क

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अमेरिकन विदेश मंत्री के चीन दौरे का असली एजेंडा क्या है? | What is the real agenda of… – भारत संपर्क
अमेरिकन विदेश मंत्री के चीन दौरे का असली एजेंडा क्या है?

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन. (फाइल फोटो)

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन चीन पहुंच गए हैं. एक साल से कम समय में यह उनका दूसरा चीन दौरा है. जहां वह व्यापारिक नेताओं और युवाओं से मुलाकात तो करेंगे ही. अपने चीनी समकक्ष से भी बातचीत करेंगे. माना जा रहा है कि इस समय यूएस विदेश मंत्री का चीन दौरे के पीछे एक खास एजेंडा है. खासतौर से मिडिल ईस्ट को लेकर अमेरिका के मन में कुछ बड़ा चल रहा है.

यूएस विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन 24 से 26 अप्रैल तक चीन में रहेंगे. माना जा रहा है कि इस तीन दिवसीय दौरे के दौरान अमेरिका और चीन के बीच ऐसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी. जो आने वाले वक्त में दोनों ही देशों के बीच संबंधों का भविष्य तय करेगी. हालांकि विशेषज्ञ ब्लिंकन के इस दौरे के पीछे कोई और ही वजह मान रहे हैं.

आखिर क्या है अमेरिका का असली एजेंडा?

अमेरिकी विदेश मंत्री के चीन दौरे की प्रमुख वजह मिडिल ईस्ट को माना जा रहा है. दरअसल चीन और रूस मिलकर जिस तरह से ईरान को शह दे रहे हैं. ऐसे में अमेरिका फिलहाल मध्य पूर्व के मामले में चीन से कुछ मदद चाहता है. इजराइल पर हमले के बाद चीन ने ईरान का समर्थन किया था. इसके साथ ही रूस और चीन के बीच बढ़ रही दोस्ती भी अमेरिका के लिए अलग तरह की चुनौती बनी हुई है. माना जा रहा है कि अमेरिकी विदेश मंत्री अपने चीन दौरे को लो प्रोफाइल रखकर अंदरखाने कुछ समझौता करना चाहते हैं.

चीन-अमेरिका में तनावपूर्ण हैं हालात

अमेरिकी विदेश मंत्री चीन दौरे पर पहुंचते उससे पहले ही अमेरिकी सीनेट ने उस सहायता राशि पर मुहर लगा दी, जो यूक्रेन, इजराइल और ताइवान को भेजी जानी है. इस पर चीन ने कड़ी नाराजगी जताई है. माना जा रहा है कि इस सहायता राशि को चीन ब्लिंकन के साथ बातचीत में प्रमुख मुद्दा बना सकता है. यह प्रस्ताव लंबे समय से अटका था, ब्लिंकन दौरे से ठीक पहले इसे मंजूरी दिया जाना अमेरिका की किसी ओर मंशा की ओर भी इशारा कर रही है.

टिकटॉक और ताइवान पर ही फंसा पेंच

मिडिल ईस्ट के अलावा ब्लिंकन के दौरे का प्रमुख उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों में नरमी लाना भी है, हालांकि माना जा रहा है कि टिकटॉक और ताइवान को लेकर चीन अमेरिका पर भड़का हुआ है. हाल ही में ताइवान को दी जाने वाली सहायता राशि पर हस्ताक्षर के बाद भी चीन ने साफ तौर पर ये ऐलान किया है कि अमेरिका का ये कदम युद्ध को भड़काने वाला है. ब्लिंकन के शंघाई पहुंचने से पहले ही चीन के ताइवान मामलों के कार्यालय में एक बैठक हुई, इसमें ये भी कहा गया कि अमेरिका का यह कदम ताइवान के स्वतंत्रता अलगाववादियों को गलत संकेत भेजता है.

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