Google-Apple क्या करेंगे अब? सरकार ने दे दिया ये बड़ा आदेश – भारत संपर्क
सरकार ने गूगल और एपल को बड़ा आदेश दिया है. इन दोनों कंपनी को सरकार के इन जरूरी ऐप को अपने डिवाइसेस में प्री-लोडेड करना होगा. ताकी यूजर को सरकारी ऐप्स को अलग से या किसी थर्ड पार्टी प्लेटफॉर्म से इंस्टॉल ना करना पड़े. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने गूगल और एपल को ऑफिशियल ऐप स्टोर पर GOV.in को ऐड करने के लिए कहा है. ये आदेश iOS और एंड्रॉयड ऐप स्टोर दोनों के लिए है.
सरकार ये चाहती है कि ये ऐप्स डिवाइस पर पहले से इंस्टॉल हों. यही नही लोगों को फ्रॉड और स्कैम से बचाने के लिए ये ऐप्स अनऑफिशियल प्लेटफॉर्म और वार्निंग ट्रिगर के बिना डाउनलोड के लिए अवेलेबल हों.
सरकार का ये है प्लान
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, ये कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि पब्लिक वेलफेयर स्कीम्स का बेनिफिट लोगों तक बेहतर तरीके से पहुंच सकें. ये भारत सरकार की प्लानिंग का ही हिस्सा है.
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इसके लिए मंत्रालय के अधिकारियों ने एपल के ऐप स्टोर और गूगल प्ले स्टोर में GOV.in ऐप स्टोर को ऐड करने की रिक्वेस्ट की है. पिछले महीने एपल और गूगल के अधिकारियों के साथ हुई मीटिंग में ये बात रखी गई थी.
एपल ने 2021 में रूस को दी थी ये सुविधा
भारत में Apple और Google डिजिटल स्टोर के जरिए सरकार के ऐप्स अवेलेबल हैं जिन्हे यूजर खुद सर्च कर के इंस्टॉल कर सकता है. हालांकि अधिकारियों का मानना है कि इन ऐप्स को स्टोर के अंदर GOV.in ऐप सूट में बंडल करने से इनका यूज काफी बढ़ सकता है.
Apple ने 2021 में रूस के लिए भी ऐसा ही किया है. इसने यूजर्स को लोकल रेगुलेशन का पालन करते हुए सरकारी एप्लिकेशन इंस्टॉल करने का ऑप्शन दिया गया है.
भारत जो कहता है करता है
भारत भी अपने नागरिकों के लिए एक अलग ऐप-सूट बनाना चाहता है. भारत ग्लोबल टेक कंपनियों पर कड़े नियम लागू करने में कभी पीछे नहीं हटता है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण वीडियो ऐप TikTok पर साल 2020 में प्रतिबंध लगाना है.