9 साल का था तब साथ छूटा, 22 साल बाद बेटा मां-बाप से मिला; सुनाई बिछड़ने की … – भारत संपर्क

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9 साल का था तब साथ छूटा, 22 साल बाद बेटा मां-बाप से मिला; सुनाई बिछड़ने की … – भारत संपर्क

22 साल बाद मिला खोया हुआ बेटा
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के नवाबगंज कस्बे का रहने वाला छोटन 22 साल पहले जम्मू-कश्मीर में अपने परिवार से बिछड़ गया था आखिरकार अपनों से फिर मिला है. भावुक करने वाले इस मिलन के दौरान पूरे परिवार की आंखों में आंसू थे. इस खुशी के मौके पर छोटन और उसके परिवार ने अजमेर शरीफ में चादरपोशी कर अल्लाह का शुक्रिया अदा किया.
2003 में बरेली के नवाबगंज कस्बे के समीर अहमद अपने परिवार के साथ मजदूरी के लिए जम्मू-कश्मीर जा रहे थे. उनके साथ उनका 9 साल का बेटा छोटन भी था. सफर के दौरान भीड़भाड़ में छोटन अचानक अपने माता-पिता से बिछड़ गया. रात का वक्त था और बिजली चली गई थी. जिससे परिवार उसे ढूंढ नहीं पाया. घरवालों ने बहुत खोजबीन की. थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई. लेकिन छोटन का कोई पता नहीं चल सका.
उसके बाद बिना किसी सहारे के छोटन की जिंदगी मुश्किल हो गई. पेट भरने के लिए उसे छोटे-मोटे काम करने पड़े. पहले चाय की दुकान पर काम किया. फिर दिहाड़ी मजदूरी की. इसी दौरान उसकी मुलाकात उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के पूरनपुर इलाके के रहने वाले चांद मियां से हुई. चांद मियां राजमिस्त्री का काम करते थे. उन्होंने छोटन को सहारा दिया और अपने साथ काम पर लगा लिया.
छोटन ने उनसे राजमिस्त्री का काम सीख लिया और धीरे-धीरे अपने पैरों पर खड़ा हो गया. कुछ सालों बाद चांद मियां ने छोटन की शादी अपने ही गांव भिखारीपुर की नसीम बेगम से करवा दी. शादी के बाद छोटन की जिंदगी बदलने लगी. वह मेहनत मजदूरी करके अपनी पत्नी और बच्चों का पेट पालने लगा. अब उसकी शादी को नौ साल पूरे हो चुके हैं. उसके चार बेटे आयान (9 साल) अरसलान, अरमान और सुभान हैं.
किस्मत ने फिर मिला दिया अपनों से
हाल ही में छोटन काम के सिलसिले में जयपुर चला गया. वहीं उसके पड़ोस में नवाबगंज के कुछ लोग रहते थे. बातचीत के दौरान छोटन ने उन्हें अपनी पुरानी कहानी सुनाई कि कैसे वह बचपन में अपने परिवार से बिछड़ गया था. उसकी कहानी सुनकर पड़ोसियों को झटका लगा. उन्होंने तुरंत नवाबगंज में उसके माता-पिता को खबर दी. जैसे ही समीर अहमद और उनके परिवार ने यह खुशखबरी सुनी तो वे तुरंत जयपुर पहुंचे. वहां छोटन को देखते ही उसकी मां और पिता फूट-फूटकर रोने लगे. छोटन भी दौड़कर अपने माता-पिता से लिपट गया. 22 सालों का बिछड़ाव एक ही पल में आंसुओं के सैलाब में बह गया.
अजमेर शरीफ में की चादरपोशी
बेटे को वापस पाकर परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं था. उन्होंने इस मौके को खास बनाने के लिए अजमेर शरीफ जाने का फैसला किया. वहां जाकर पूरे परिवार ने चादरपोशी की और अल्लाह का शुक्रिया अदा किया. इतने सालों बाद उनका बिछड़ा हुआ बेटा फिर से उनके पास लौट आया.
वो मनहूस रात आज भी याद है…
छोटन के पिता समीर अहमद ने tv 9 भारतवर्ष से बात करते हुई बताया कि 26 मई 2003 की रात उनके लिए सबसे डरावनी थी. जब उनका 9 साल का बेटा उनसे अलग हो गया. ऐसा लगा जैसे दुनिया ही खत्म हो गई हो. उन्होंने उसे ढूंढने के लिए हर संभव कोशिश की. लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ. अब 22 साल बाद उनका परिवार फिर से पूरा हो गया है. छोटन का कहना है कि अब वह अपने माता-पिता को कभी नहीं छोड़ेगा और उनके साथ रहकर उनकी सेवा करेगा.

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