संडे मार्केट के व्यापारियों को फिर से किया बेदखल तो गुस्साये…- भारत संपर्क
यूनुस मेमन
बिलासपुर में संडे बाजार लगाने वाले व्यापारियों की अंतहीन समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही। बिलासपुर में हर रविवार को सदर बाजार क्षेत्र में लगने वाले इस बाजार में कम कीमत के कपड़े और एक्सेसरीज बेचे जाते हैं, जिसे लेकर ग्रामीण इलाकों और शहर के स्लम क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में खरीदारी करने आते हैं जिस वजह से हर रविवार को सदर बाजार क्षेत्र में जाम की स्थिति लगती थी। जिसे देखते हुए प्रशासन ने संडे बाजार को रिवर व्यू साइड में शिफ्ट कर दिया था। व्यापारियों ने प्रशासन के इस फैसले का स्वागत किया लेकिन वहां भी मुसीबत खत्म नहीं हुई। कुदुदंड और आसपास के रंगदार यहां व्यापारियों से 500 से लेकर हजार रुपए रंगदारी टैक्स वसूलने लगे। वालों दिन भर में इतनी ही कमाई होती है और यह सब कुछ रंगदारी टैक्स में चले जाने से व्यापारी परेशान थे। इससे मुक्ति मिलती, उससे पहले ही अचानक इस रविवार को उन्हें फिर विस्थापित कर दिया गया।
नगर निगम के कर्मचारियों ने उन्हें रामसेतु से इंदिरा सेतु के बीच बने नई सड़क से हटकर नीचे नदी के किनारे जाने का निर्देश दिया। इससे व्यापारी व्यापारियों के सब्र का बांध टूट गया। पहले ही विस्थापित होने और स्थानीय गुंडो से परेशान व्यापारियों ने कहा कि इस तरह से तो व्यापार नहीं हो सकता। कच्ची मिट्टी में दुकान लगाने से ना तो सामान सुरक्षित रहेंगे और ना ही ग्राहक वहां तक आएंगे। उस स्थान पर ना तो साफ सफाई है और ना ही बिजली पानी की व्यवस्था। इससे नाराज संडे बाजार के व्यापारियों ने कलेक्ट्रेट का घेराव कर दिया और नारेबाजी करने लगे।
हालांकि रविवार को कलेक्ट्रेट बंद था लेकिन इस आंदोलन की खबर पाकर नायब तहसीलदार नेहा विश्वकर्मा पहुंची और उन्होंने आक्रोशित व्यापारियों की समस्या को समझ कर उन्हें निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपने की सलाह दी, क्योंकि यह उन्ही का आदेश है और वे ही समाधान निकाल सकते हैं।
बिलासपुर का संडे बाजार कम आय वर्ग के लोगों के लिए उम्मीदों का बाजार है, जहां से वे सस्ते कीमत पर कपड़े और फैशन एसेसरीज खरीद सकते हैं । इसी बाजार से सैकड़ो लोगों का भरण पोषण हो रहा है। इन्ही व्यापारियों को एक निश्चित स्थान देने के इरादे से उन्हें रिवर व्यू साइट पर शिफ्ट किया गया था लेकिन वहां से भी उन्हें बेदखल किया जा रहा है, जिसे लेकर व्यापारियों में नाराजगी है और इसी नाराजगी की वजह से उन्होंने इस संडे को कारोबार ही नहीं किया। उम्मीद है कि सोमवार को इस विषय पर कलेक्टर और आयुक्त से मिलकर समाधान की राह तलाशी जाएगी।