कौन बना विदेशी दौलत का दुश्मन, 3 हफ्तों में 89 हजार करोड़…- भारत संपर्क

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कौन बना विदेशी दौलत का दुश्मन, 3 हफ्तों में 89 हजार करोड़…- भारत संपर्क
कौन बना विदेशी दौलत का दुश्मन, 3 हफ्तों में 89 हजार करोड़ घटी दौलत

लगातार तीसरे हफ्ते विदेशी ​मुद्रा भंडार में गिरावट देखने को मिली है.

लगातार तीसरे हफ्ते भारत के फॉरेक्स रिजर्व यानी विदेशी दौलत में गिरावट देखने को मिली है. आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार लगातार तीन हफ्तों में 10 अरब डॉलर याली करीब 89 हजार करोड़ रुपए की फॉरेक्स रिजर्व में सेंध लग चुकी है. अब सबसे बड़ा सवाल ये खड़ा हो गया है कि आखिर देश के फॉरेक्स रिजर्व का दुश्मन कौन बन बैठा है?

जानकारों की मानें कच्चे तेल की कीमत में तेजी और रुपए में गिरावट की वजह से फॉरेक्स रिजर्व में गिरावट देखने को मिल रही है. खास बात तो ये है कि फॉरेन असेट्स के साथ-साथ गोल्ड रिजर्व में भी गिरावट देखी गई है.

तीन हफ्ते पहले विदेशी मुद्रा भंडार में 32 अरब डॉलर से ज्यादा का इजाफा देखने को मिला था. उम्मीद की जा रही थी कि विदेशी मुद्रा भंडार 650 अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर रिकॉर्ड कायम करेगा. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. उसके बाद से विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर मौजूदा समय में देश विदेशी मुद्रा भंडार कितना हो गया है.

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देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट

भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार देश का विदेशी मुद्रा भंडार 26 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में 2.41 अरब डॉलर घटकर 637.92 अरब डॉलर रहा. पिछले कारोबारी सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.28 अरब डॉलर घटकर 640.33 अरब डॉलर रहा था. यह कई सप्ताह की तेजी के बाद पांच अप्रैल को समाप्त सप्ताह में 648.56 अरब डॉलर के नए लाइफ टाइम हाई पर पहुंच गया था. उस समय लगातार 7 हफ्तों तक विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी देखने को मिली थी. उस वक्त देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 32 अरब डॉलर का इजाफा देखने को मिला था.

तीन हफ्तों में कितनी आई गिरावट

सबसे खास बात तो ये है कि लगातार तीसरे हफ्ते विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट देखने को मिली है. इस दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में 10.64 अरब डॉलर यानी 89 हजार करोड़ रुपए की गिरावट आ चुकी है. यही वजह से देश विदेशी मुद्रा भंडार 638 अरब डॉलर से नीचे चला गया है. खास बात तो ये है कि विदेशी ​मुद्रा भंडार मौजूदा समय में 8 हफ्तों के लोअर लेवल पर पहुंच गया है.

8 मार्च को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 636.10 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. वास्तव में देश में कच्चे तेल की कीमत में तेजी आने और डॉलर के मुकाबले रुपए के रिकॉर्ड लेवल पर नीचे गिरने की वजह से विदेशी मुद्रा भंडार पर असर पड़ रहा है. जानकारों की मानें जब तक कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट नहीं देखी जाती और रुपए में सुधार देखने को नहीं मिलता. तब तक विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट जारी रह सकती है.

करेंसी असेट्स में भी गिरावट

रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, 26 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में करेंसी रिजर्व का अहम हिस्सा मानी जाने वाली फॉरेन करेंसी असेट्स 1.16 अरब डॉलर घटकर 559.70 अरब डॉलर पर आ गया. डॉलर के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी नॉन-अमेरिकी करेंसीज की घटने-बढ़ने का प्रभाव शामिल होता है.

वहीं दूसरी ओर रिजर्व बैंक ने कहा कि इस दौरान गोल्ड रिजर्व में 1.27 अरब डॉलर की गिरावट देखने को मिली. अब देश का गोल्ड रिजर्व 55.53 अरब डॉलर पर आ गया है. रिजर्व बैंक ने कहा कि एसडीआर 1.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.04 अरब डॉलर हो गया है. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास भारत का रिजर्व डिपॉजिट भी 80 लाख डॉलर बढ़कर 4.64 अरब डॉलर हो गया.

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