कौन हैं Air Marshal तेजिंदर सिंह, जो बने डिप्टी चीफ ऑफ एयर स्टाफ – Hindi News |…
एयर मार्शल तेजिंदर सिंह को मिली नई जिम्मेदारीImage Credit source: Twitter/@Ra_THORe
एयर मार्शल तेजिंदर सिंह को डिप्टी चीफ ऑफ एयर स्टाफ बनाया गया है. रविवार को उन्होंने भारतीय वायु सेना के उप वायुसेनाध्यक्ष के रूप में अपना पदभार संभाल लिया. रक्षा मंत्रालय ने खुद इसकी जानकारी दी. वायु सेना मुख्यालय में अपना कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीरों को श्रद्धांजलि दी. नेशनल डिफेंस एकेडमी के छात्र रहे तेजिंदर सिंह को 13 जून 1987 को एयरफोर्स के फाइटर स्ट्रीम (लड़ाकू शाखा) में शामिल किया गया था.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, एयर मार्शल तेजिंदर सिंह के पास 4,500 घंटे से भी अधिक का फ्लाइंग एक्सपीरियंस है. वह ‘ए’ कैटेगरी के फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर हैं. वह लड़ाकू स्क्वाड्रन, रडार स्टेशन और एक प्रमुख लड़ाकू बेस की कमान संभाल चुके हैं और जम्मू -कश्मीर में एयर ऑफिसर कमांडिंग भी रह चुके हैं. इसके अलावा वह कमांड मुख्यालय में ऑपरेशनल स्टाफ, एयरफोर्स हेडक्वार्टर में में एयर कमोडोर (कार्मिक अधिकारी-1) और एयर कमोडोर (एयरोस्पेस सुरक्षा) जैसे बड़े पदों पर भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं.
पहले कहां थे तैनात?
डिप्टी चीफ ऑफ एयर स्टाफ बनाए जाने से पहले वह शिलांग में एयरफोर्स के पूर्वी एयर कमांड हेडक्वार्टर में सीनियर एयर स्टाफ ऑफिसर थे. साल 1992 में उन्हें फ्लाइंग लेफ्टिनेंट बनाया गया था, जबकि 2004 में वह विंग कमांडर बने थे. इसके बाद 2009 में उन्हें ग्रुप कैप्टन बनाया गया और फिर 2013 में एयर कमोडोर बन गए थे. एयर मार्शल तेजिंदर सिंह को साल 2007 में एयरफोर्स मेडल और साल 2022 में राष्ट्रपति द्वारा अति विशिष्ट सेवा मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है.
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37 साल से अधिक का अनुभव
एयरफोर्स में वह 37 साल से भी अधिक समय बिता चुके हैं. उन्होंने ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ और ‘ऑपरेशन रक्षक’ जैसे कई अभियानों और अभ्यासों में हिस्सा लिया है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज (बांग्लादेश) और राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज के छात्र रह चुके हैं.
एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित को भी मिली नई जिम्मेदारी
रक्षा मंत्रालय ने ये भी बताया कि एयर मार्शल तेजिंदर सिंह के अलावा एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने भी सेंट्रल एयर कमांड के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ का पद संभाला. 6 दिसंबर 1986 को उन्हें एयर फोर्स के फाइटर स्ट्रीम में शामिल किया गया था. उनके पास भी 3,300 घंटे से अधिक का फ्लाइंग एक्सपीरियंस है.