Who is IPS Akhil Kumar: कौन हैं IPS अखिल कुमार? कानपुर में शुरू किया था ‘ऑपरेशन…


आईपीएस अखिल कुमार.
IPS Akhil Kumar Profile: कानपुर नगर के पुलिस कमिश्नर आईपीएस अखिल कुमार का प्रमोशन हो गया है. केंद्र सरकार ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. अब वह मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के तहत आने वाले डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन में मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ के पद पर तैनात होंगे. 4 जनवरी 2024 को वह कानपुर पुलिस कमिश्नर बने थे. उसके बाद उन्होंने जिले में ‘ऑपरेशन महाकाल’ नाम से अभियान शुरू कर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी.
यह पहली बार नहीं है, जब उन्हें दिल्ली में जिम्मेदारी मिली है. साल 2010 में मेरठ के डीआईजी पद पर रहते हुए उन्हें केंद्र में बुला लिया गया था. तब उन्होंने विदेश मंत्रालय और जल संसाधन मंत्रालय में अपनी सेवाएं दी थीं. अब एक बार फिर उनकी वापसी केंद्र स्तर पर हुई है, लेकिन इस बार वे सीधे डिजिटल इंडिया जैसे बड़े प्रोजेक्ट की कमान संभालेंगे.
कौन हैं IPS अखिल कुमार?
अब तक कानपुर के पुलिस कमिश्नर के तौर पर सेवाएं दे रहे अखिल कुमार 1994 बैच यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं. इससे पहले वह गोरखपुर में एडीजे (अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक) की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. अब वह पुलिसिंग से हटकर टेक्नोलॉजी और डिजिटल प्रोजेक्ट्स से जुड़ेंगे. वह एडीजी रैंक के अधिकारी हैं.
कहां तक की है पढ़ाई?
आईपीएस अखिल कुमार ने सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है. इसके बाद मास्टर इन इंटरनल अफेयर्स, मास्टर ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स और एमफिल इन डिफेंस एंड स्ट्रेटेजी जैसी डिग्रियां हासिल की. वह मूल रूप से बिहार के बेगूसराय जिले के रहने वाले हैं. उनका जन्म 1 जनवरी 1972 को हुआ था. उनके पिता का नाम जितेंद्र प्रसाद है.
यूपी के किन जिलों में कर चुके हैं काम?
वह यूपी के कई जिलों में एसपी रहे. गाजियाबाद, अलीगढ़, गाजीपुर, देवरिया, कन्नौज, कानपुर देहात, इटावा और अमरोहा जैसे जिलों में वह पुलिस कप्तान रह चुके हैं. अपनी तैनाती के दौरान उन्होंने अपराध नियंत्रण और कानून-व्यवस्था संभालने में अलग पहचान बनाई.
निर्भय गुर्जर का किया था एनकाउंटर
आईपीएस अखिल कुमार 2005 में उस समय चर्चा में आए, जब उन्होंने कुख्यात डाकू निर्भय गुर्जर को मुठभेड़ में ढेर कर दिया. यह मुठभेड़ चंबल के जंगलों में हुई थी. निर्भय पर 200 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज थे और उसका गैंग फिरौती व अपहरण के मामलों में सक्रिय रहता था. इस एनकाउंटर के बाद अखिल कुमार की छवि एक साहसी और सख्त पुलिस अधिकारी के रूप में और मजबूत हुई.
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