बैठक में व्लादिमीर पुतिन का दिमाग पढ़ने के लिए ट्रंप किसके संपर्क में थे? – भारत संपर्क


अलास्का में बैठक से पहले ट्रंप-पुतिन (Photo- US Govt)
अलास्का की बैठक में व्लादिमीर पुतिन का दिमाग पढ़ने के लिए डोनाल्ड ट्रंप लगातार एक शख्स के साथ संपर्क में रहे. इस शख्स का नाम है- अलेक्जेंडर लुकाशेंको. बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको को व्लादिमीर पुतिन का सबसे करीबी दोस्त माना जाता है. बातचीत के दौरान ट्रंप लुकाशेंको के संपर्क में ही रहे.
ट्रंप लुकाशेंको के जरिए पुतिन की असली मंशा जानना चाहते थे. इसलिए अमेरिकी राष्ट्रपति ने बैठक से ठीक पहले भी लुकाशेंको को फोन मिलाया. ट्रंप के साथ बैठक में अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ भी मौजूद थे.
पुतिन की असली मंशा क्यों जानना चाहते थे ट्रंप?
बैठक से पहले यूक्रेन और यूरोपीय देशों का कहना था कि पुतिन की कोशिश सिर्फ टाइमलाइन को आगे बढ़ाना है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमीर जेलेंस्की के मुताबिक पुतिन ट्रंप के गुस्से को शांत करना चाहते हैं. वे कार्रवाई से बचने के लिए बातचीत का ढोंग कर रहे हैं.
जेंलेस्की का कहना है कि पुतिन शांति नहीं चाहते हैं. उनकी कोशिश जंग के जरिए जमीन कब्जाने की है. यही वजह है कि डोनाल्ड ट्रंप लगातार यह जानने की कोशिश में जुटे थे कि क्या सच में पुतिन सिर्फ टाइमलाइन बढ़ाना चाहते हैं.
कौन हैं बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको?
सोवियत यूनियन से टूटकर जबसे बेलारूस अलग देश बना है, तब से अलेक्जेंडर लुकाशेंको ही वहां के राष्ट्रपति हैं. लुकाशेंको को व्लादिमीर पुतिन का खास माना जाता है. 1954 में जन्मे लुकाशेंको ने कृषि की पढ़ाई की है. 1975 में लुकाशेंको सोवियत की सेना में शामिल हो गए. जहां उन्होंने 2 साल तक अपनी सेवा दी.
लुकाशेंको को यूरोप का आखिरी तानाशाह कहा जाता है. 1979 में लुकाशेंको सोवियत कम्युनिष्ट पार्टी में शामिल हो गए. 1992 में लुकाशेंको को सोवियत-बेलारूस सर्वोच्च परिषद का उपाध्यक्ष चुना गया.
1994 में जब बेलारूस का संविधान बना, तो लुकाशेंको वहां के पहले राष्ट्रपति चुने गए. तब से लुकाशेंको इसी पद पर काबिज हैं. लुकाशेंको पहले दुनिया के नेता हैं, जिन्होंने यूक्रेन जंग में खुलकर रूस का साथ देने की बात कही थी.