जिनकी जयंती समारोह में आए राहुल गांधी, उनके ही बेटे से नहीं हुई मुलाकात, अब…
राहुल गांधी
स्वतंत्रता सेनानी जगलाल चौधरी की जयंती समारोह में शामिल होने के लिए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पटना पहुंचे. यहां उन्होंने जगलाल चौधरी की तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए साथ ही करीब आधे घंटे तक अपना संबोधन दिया. लेकिन विडंवना यह रही कि जिनकी जयंती पर राहुल पटना आए, उन्हीं के बेटे से उनकी मुलाकात नहीं हुई. खुद जगलाल चौधरी के छोटे बेटे भूदेव चौधरी ने इस बात की जानकारी दी.
श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम में राहुल गांधी ने करीब आधे घंटे तक अपना संबोधन दिया. इसके बाद वह आयोजन स्थल से चले गए. वहीं पार्टी नेता और कार्यकर्ता भी एक एक कर के निकलने लगे. भूदेव चौधरी ने टीवी 9 डिजिटल से बातचीत में कहा कि, उनकी तमन्ना राहुल गांधी से मिलने की थी, उन्होंने कई बार नेताओं, सुरक्षाकर्मियों से गुहार भी लगायी गयी लेकिन किसी ने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया. हालांकि उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि राहुल उनके पिता की जयंती समारोह में आए. अब भूदेव चौधरी के बयान के बाद बीजेपी और जदयू ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है. ट
‘राहुल सामंतवादी विचारधारा के नेता थे, हैं और रहेंगे’
बीजेपी के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि राहुल गांधी को यह बताना चाहिए कि वह जगलाल चौधरी को सम्मान देने आए थे या अपमानित करने आए थे. प्रवक्ता ने कहा कि उनके बेटे कांग्रेस नेताओं को सुरक्षाकर्मियों से गुहार लगाते रहे कि मुझे एक बार राहुल गांधी से मिलने दिया जाए. मेरे ही पिता के कार्यक्रम में राहुल गांधी आए हैं, लेकिन उनके साथ बदसलूकी की गई. प्रवक्ता ने राहुल पर हमला करते हुए कहा कि आप (राहुल गांधी) किसी का सम्मान नहीं कर सकते. आप सामंतवादी विचारधारा के नेता थे, हैं और रहेंगे. आप तो नाम भी लेना भूल गए थे. उन्होंने कहा कि नेतागिरी, संघर्ष राहुल गांधी के वश की बात नहीं है.
ये भी पढ़ें
‘महापुरुषों के नाम पर सिर्फ राजनीति करती है कांग्रेस’
वहीं JDU की प्रवक्ता अंजुम आरा ने कहा कि राहुल गांधी बिहार दौरे पर स्वतंत्रता सेनानी जगलाल चौधरी की जयंती समारोह में शामिल हुए. लेकिन वह न ही जगलाल चौधरी के परिवार से मिले, न उनके बेटे से मिले. प्रवक्ता ने कहा कि हमने देखा कि उनके बेटे भूदेव चौधरी किस तरीके से मायूस थे कि राहुल उनके या उनके परिवार से नहीं मिले. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की परिपाटी रही है और इसी परिपाटी को राहुल गांधी ने आगे बढ़ाया. अंजुम आरा ने कहा कि कांग्रेस ने स्वतंत्रता सेनानियों और महापुरुषों के नाम पर सिर्फ अपनी राजनीतिक रोटी को सेंकने का प्रयास किया है. राहुल गांधी का उनके परिवार से न मिलना यह दर्शाता है कि कांग्रेस सिर्फ और सिर्फ अपने स्वार्थ की राजनीति महापुरुषों के नाम पर करना चाहती है.