ब्रिटेन के चुनाव में धर्म के आधार पर क्यों लाए जाते हैं घोषणा पत्र, पहली बार आए हिंदू… – भारत संपर्क


ब्रिटेन के चुनाव में आया हिंदू मेनिफेस्टो
भारत में आम चुनाव समाप्त हो गया. नई सरकार भी बन गई. अब अगले कुछ एक महीने तक समूची दुनिया की निगाहें ब्रिटेन पर होंगी. यहां संसदीय चुनाव हो रहा है. भारत के लोगों की इसमें खास दिलचस्पी भारतवंशी ऋषि सुनक की वजह से है जो कम से कम पिछले डेढ़ साल से ब्रिटेन की सरकार चला रहे हैं. बॉरिस जॉनसन और लिज ट्रस के असफल प्रयासों के बाद सुनक को कंजरवेटिव पार्टी की कमान मिली और उन्होंने मोटे तौर पर ब्रिटेन को राजनीतिक अस्थिरता के चंगुल से निकाला है.
फिलहाल उन्हें चुनाव कराने और जनादेश लेने की कोई जरुरत नहीं थी. लेकिन सुनक ने समय से पहले जुलाई महीने की 4 तारीख को मध्यावधि चुनाव कराने का ऐलान कर दिया. अब इस चुनाव के लिए घोषणापत्र भी जारी किया जाने लगा है. सुनक ने अपने घोषणापत्र में न सिर्फ टैक्स में कटौती बल्कि माइग्रेशन को कम करने का वादा किया है. सुनक को टक्कर देने के लिए लेबर पार्टी भी कई महत्त्वपूर्ण वादे कर रही है. पर वहां के चुनाव में एक धर्म विशेष के नाम से लाए गए घोषणापत्र की खूब चर्चा है.
हिंदू मेनिफेस्टो क्यों और कैसे?
हिंदुओं से जुड़े ब्रिटेन के एक संस्थान ने कुछ मुद्दों के जरिये हिंदू मतदाताओं को लामबंद करने की कोशिश की है. ब्रिटेन में हिंदुओं की एक बड़ी आबादी रहती है और चुनाव नजदीक देख ‘हिंदू फॉर डेमोक्रेसी’ नाम की संस्था ने अपना घोषणापत्र जारी किया है. इसमें ब्रिटेन में रहने वाले हिंदुओं की अपेक्षा और भावनाओं पर जोर दिया गया है. ‘हिंदू फॉर डेमोक्रेसी’ की मानें तो ब्रिटेन में हिंदुओं की आबादी 10 लाख से भी ज्यादा है और ये ब्रिटेन के सभी क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.
ब्रिटेन के चुनाव में धर्म के आधार पर घोषणा-पत्र आते रहे हैं. इस कड़ी में मुस्लिम और सिख समुदाय पहले से अपना घोषणापत्र लाते रहे हैं. मगर भारतीयों की ओर से ये पहलकदमी पहली दफा हुई है. घोषणापत्र जो संस्था लेकर आई है, उसकी वेबसाइट पर अगर गौर करें तो मालूम होता है यह यूके की बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था, चिन्मया मिशन, विश्व हिंदू परिषद समेत कुल 15 हिंदू संगठनों का साझा मंच है.
इस संस्था के आरोप हैं कि दूसरे धर्म के प्रार्थना स्थलाों के लिए सरकार एक ओर तो खूब पैसा दे रही है पर हिंदुओं के साथ संस्थानों के साथ भेदभावपूर्ण बर्ताव किया जा रहा है. ऐसे में उन्होंने सात बड़ी बातों या यूं कहें कि बिंदुओं के जरिये अपने आंकांक्षाएं उन नेताओं के सामने रखी हैं जो इस समुदाय विशेष के लोगों का वोट चाहते हैं. हिंदू मैनिफेस्टो 2024 के जरिये हिंदू फॉर डेमोक्रेसी संस्थान की मांग है कि इस दफा चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार इन 7 बातों को अपनी प्राथमिकताओं में रखें.
हिंदू घोषणापत्र की 7 बड़ी बातें
हिंदू मैनिफेस्टो मुख्य तौर पर सात महत्त्वपूर्ण बातों की तरफ आगे बढ़ने की वकालत करता है. पहला – हिंदू-विरोधी नफरती बातों और घटनाओं को हेट क्राइम घोषित करना, ऐसा करने वाले व्यक्तियों या संगठनों को देश से बाहर निकालने की मांग की गई है. दूसरा – हिंदुओं की आस्था से जुड़े धार्मिक स्थलों का संरक्षण करने की मांग. तीसरा – अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराना.
चौथा – हिंदुओं के लिए समान प्रतिनिधित्त्व और अवसर उपलब्ध कराने की मांग. पांचवा – इमिग्रेशन को लेकर एक स्पष्टता लाने की बात. छठा – हिंदुओं के लिए स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल की बेहतर व्यवस्था. सांतवा – हिंदुओं से जुड़ी धार्मिक मूल्यों को मानना और उसके संरक्षण का वादा इस घोषणापत्र में है. इन सात बिंदुओं के अलावा भी कुछ अहम बातें हैं.
हिंदू फॉर डेमोक्रेसी नाम के इस संस्थान ने अपने घोषणापत्र के जरिये यह स्पष्ट करने की कोशिश की है कि बड़ी आबादी में हिंदू समुदाय के लोगों की मौजूदगी के बावजूद भी मीडिया, राजनीति से लेकर और दूसरे क्षेत्रों में इनके प्रतिनिधित्त्व की कमी चिंताजनक है. और इस बार राजनीतिक दलों या उम्मीदवारों को उनकी चिंताओं पर बात करनी चाहिए.