कांग्रेस ने राजेश कुमार को क्यों सौंपी बिहार की कमान? जानें इसके सियासी…


राजेश राम और अखिलेश प्रसाद सिंह.
बिहार कांग्रेस में बड़ा बदलाव हुआ है. पार्टी ने अखिलेश सिंह से राज्य की कमान छीनकर राजेश कुमार को बिहार कांग्रेस का नया अध्यक्ष बना दिया है. दलित समाज से ताल्लुक रखने वाले राजेश कुमार कुटुंबा विधानसभा सीट से विधायक हैं. इस बदलाव के साथ ही राज्य में कांग्रेस की इस नई रणनीति के चर्चे तेज हैं. आइए जानते हैंराजेश राम को बिहार कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने के मायने क्या हैं.
अखिलेश प्रसाद सिंह आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी रहे हैं. कांग्रेस ने अखिलेश को हटाकर लालू यादव को भी बड़ा मैसेज दिया है. इसके अलावा कृष्णा अल्लावारु के प्रभारी बनने के बाद ये पहला बड़ा एक्शन है. अल्लावारू ने पहले दिन ही इसके संकेत भी दिए थे. इसी कड़ी में अखिलेश सिंह को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया गया है.
दलित समुदाय पर फोकस और चुनावी रणनीति
नए प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए राजेश राम दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. इस तरह उनको प्रदेश की जिम्मेदारी देकर कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए अपना सियासी एजेंडा सेट करने की कोशिश की है. कांग्रेस दलित चेहरे के सहारे विधानसभा चुनाव में उतरने की तैयारी में है. इसके साथ ही कांग्रेस ये भी मैसेज देना चाहती है कि वो राजद के साथ गठबंधन में पिछलग्गू बनकर नहीं रहेगी.
कांग्रेस अध्यक्ष श्री @kharge द्वारा श्री राजेश कुमार को बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
आपको बधाई और भविष्य के लिए शुभकामनाएं। pic.twitter.com/Py4O2Ybs8c
— Congress (@INCIndia) March 18, 2025
अखिलेश और राज्य प्रभारी के बीच मतभेद
कांग्रेस ने पहले ही राजद के सामने 70 सीटों और दो उपमुख्यमंत्री की शर्त रखी है. इसके साथ ही बिहार कांग्रेस अध्यक्ष पद पर हुए इस बदलाव के पीछे एक और वजह भी है. अखिलेश प्रसाद सिंह और राज्य में पार्टी के प्रभारी के बीच मतभेद की खबरें भी आ रही थीं. अखिलेश सिंह ने पार्टी मामलों, खासतौर पर आउटरीच कार्यक्रमों के संचालन को लेकर नाराजगी भी जाहिर की थी.
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