रूस के पड़ोसी देश से रिटायर्ड वॉर प्लेन अमेरिका ने क्यों खरीदे? | us buys old… – भारत संपर्क

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रूस के पड़ोसी देश से रिटायर्ड वॉर प्लेन अमेरिका ने क्यों खरीदे? | us buys old… – भारत संपर्क
रूस के पड़ोसी देश से रिटायर्ड वॉर प्लेन अमेरिका ने क्यों खरीदे?

US ने कजाकिस्तान से 81 विमान खरीदे हैं.

अमेरिकी सरकार ने रूस के पड़ोसी देश कजाकिस्तान से फाइटर जेट खरीदे हैं. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि ये फाइटर प्लेन कजाकिस्तान आर्मी से एक्सपायर हो चुके हैं और जंग में इस्तेमाल होने लायक नहीं हैं. लेकिन अब सवाल उठ रहा है, US जिसके पास एक से एक नए दौर के फाइटर जेट और हथियार मौजूद हैं वे कजाकिस्तान से पुराने प्लेन क्यों खरीद रहा है. रूसी मीडिया के मुताबिक इन प्लेन का इस्तेमाल यूक्रेन में रूस के खिलाफ हो सकता है.

कीव पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक वाशिंगटन ने 117 विमानों में से 81 की बोली लगाई और उनको करीब 1.5 मिलियन डॉलर में खरीद लिया है. रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि कौन से विमान कितने खरीदे गए हैं, लेकिन इसमें बताया गया है कि खरीद में मिग-29 लड़ाकू जेट, मिग-27 लड़ाकू बोमबर और एसयू-24 बोमबर शामिल है.

खराब विमान खरीद रहा अमेरिका

काजाकिस्तान ने इस नीलामी में अपने कई पुराने फाइटर विमान रखे थे. सभी एयरक्राफ्ट को खराब ‘unusable condition’ के तौर पर पेश किया गया था. ये सभी वे विमान हैं जो काजाकिस्तान सेना के आधुनिकीकरण प्रोग्राम के बाद रिटायर्ड कर दिए गए हैं. इन विमानों को 1970 और 1980 के दशक में बनाया गया था. कयास लगाए जा रहे हैं कि अमेरिकी सेना इनकी मरम्मत कर यूक्रेन को गिफ्ट कर सकती है. लेकिन US आर्मी ने अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है कि इनका इस्तेमाल कैसे किया जाएगा.

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सस्ते में किया सौदा

अमेरिका द्वारा प्रत्येक विमान को खरीदने में लगी लागत 19 हजार डॉलर से कम है. 81 जेट विमानों के पूरे बेड़े की कीमत केवल दस एजीएम-114 हेलफायर मिसाइलों जितनी है, जिनका आमतौर पर अमेरिकी ड्रोन और फाइटर जेट में इस्तेमाल किया जाता है.

कजाकिस्तान पश्चिमी देशों से बढ़ रही करीबी

कजाकिस्तान ऐतिहासिक रूप से रूस का सहयोगी रहा है. लेकिन फरवरी 2022 में यूक्रेन संकट के बाद से इसकी पश्चिमी देशों के साथ करीबी बड़ी है. कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट टोकायेव ने इस महीने की शुरुआत में ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड कैमरन की अस्ताना यात्रा की मेजबानी की थी. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी पिछले साल मध्य एशियाई नेताओं के साथ बातचीत के लिए अस्ताना का दौरा किया था.

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