ईरान के राष्ट्रपति रईसी को क्यों कहा जाता था ‘तेहरान का कसाई’ ? | why iran president… – भारत संपर्क

0
ईरान के राष्ट्रपति रईसी को क्यों कहा जाता था ‘तेहरान का कसाई’ ? | why iran president… – भारत संपर्क
ईरान के राष्ट्रपति रईसी को क्यों कहा जाता था 'तेहरान का कसाई' ?

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का हेलीकॉप्टर हादसे में निधन हो गया है

ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की अजरबैजान प्रांत में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई. विभिन्न मानवाधिकार समूहों ने इसे “तेहरान का कसाई” उपनाम दिया है. ऐसे में कई सवाल खड़े होते हैं कि आखिर रईसी ने ऐसा क्या किया जो लोग उन्हें इस उपनाम से जानने लगे? इसका कारण क्या है? रईसी की मौत पर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि कहीं कोई साजिश तो नहीं?

रईसी ने अपना करियर 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद शुरू किया था. रईसी ने ईरान के शाह मोहम्मद रज़ा पहलवी को उखाड़ फेंका था. 1988 में ईरान-इराक युद्ध खत्म होने तक उन्हें ईरान के क्रांतिकारी न्यायालय के उप अभियोजक के रूप में नियुक्त किया गया था. गौरतलब है कि रईसी अनौपचारिक रूप से “मृत्यु आयोग” कहे जाने वाले चार सदस्यीय पैनल में सबसे कम उम्र के थे. इस आयोग में धार्मिक विद्वान, खुफिया अधिकारी और अन्य सदस्य भी शामिल थे.

जब मारे गए थे 30 हजार लोग

रईसी ने क्रूर व्यवहार के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध माने जाते थे. ईरान के तत्कालीन सर्वोच्च नेता अयातुल्ला रूहुल्लाह खुमैनी ने एक फतवा जारी कर सभी राजनीतिक कैदियों को फांसी देने का आदेश दिया था, जिसमें कम्युनिस्ट और वे लोग शामिल थे जो ‘भगवान के दुश्मन’ थे. इसी के परिणामस्वरूप हजारों लोगों को फांसी की सजा दी गई थी. तब पूरे ईरान में कम से कम 30,000 लोग मारे गये थे.

क्यों कहा जाता है ‘तेहरान का कसाई’

यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस के अनुसार 4000-5000 लोगों को फांसी दी गई थी. इनमें से अधिकांश फांसी ट्रायल शुरू होने के कुछ ही मिनटों के भीतर सुना दी गई, जो प्राकृतिक न्याय और कानून के शासन के सिद्धांतों के खिलाफ थीं. जानकारी के मुताबिक इन सताए गए व्यक्तियों में से कई ईरान के पीपुल्स मोजाहिदीन संगठन के सदस्य थे. तत्कालीन प्रधानमंत्री अकबर रफसंजानी के नेतृत्व वाली ईरान सरकार ने इस अधिनियम को कम महत्व दिया था. इसी काम के कारण रईसी को ‘तेहरान का कसाई’ कहा जाने लगा.

करना पड़ा था कई प्रतिबंधों का सामना

राष्ट्रपति कई कारणों से एक विवादों के घेरे में रहे हैं. जिनमें अल्पसंख्यकों, राजनीतिक विरोधियों पर मुकदमा चलाना, विरोध प्रदर्शनों पर क्रूर कार्रवाई और बहुत कुछ शामिल है. इसके अलावा साल 2014 में रईसी को ईरान का अभियोजक जनरल नियुक्त किया गया था. 2017 में, अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा लगाए गए बड़े प्रतिबंधों से जूझ रहे देश को बड़े पैमाने पर बेरोजगारी, मुद्रास्फीति और विदेशी मुद्रा संकट जैसे आर्थिक मुद्दों का सामना करना पड़ा था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

भारत में 24.8 कराेड़ छात्र स्कूलों में रजिस्टर्ड, इसमें से 44% प्री प्राइमरी…| आबकारी मंत्री के जिले में अवैध शराब विक्रेताओं की दबंगई,…- भारत संपर्क| अजगर ने किया खरगोश का शिकार, पूजा पाठ कर खरगोश का किया गया…- भारत संपर्क| स्वच्छता के लिए नुक्कड़ और मोहल्लों में चल रहा अभियान,…- भारत संपर्क| Hartalika Teej 2025 Mehndi Designs: हरतालिका तीज पर लगाएं लोटस डिजाइन मेहंदी,…