रूसी ऑनलाइन गेम से क्यों डरा अमेरिका… NSA ने एक्शन के लिए लिखा लेटर | Russian… – भारत संपर्क


रूसी ई-स्पोर्ट्स से है अमेरिका को खतरा!
युद्धक्षेत्र में रूस को कमजोर करने में विफल होने के बाद अब अमेरिका ऑनलाइन गेम्स में रूस को टक्कर देना चाहता है. अहम बात ये है कि इसको लेकर सीधे ह्वाइट हाउस के स्तर पर चर्चा हो रही है. इस बात का खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि वरिष्ठ अमेरिकी सीनेटर मिट रोमनी ने किया है. अपने रूस विरोधी रुख के लिए पहचाने जाने वाले मिट रोमनी ने खासतौर पर रूसी ऑनलाइन गेम्स की बढ़ती मांग पर चिंता जताई है. मिट रोमनी ने बताया है कि ऑनलाइन गेम्स यानी ई-स्पोर्ट्स के क्षेत्र में रूस की बढ़ती गेमिंग इंडस्ट्री अमेरिका के लिए बड़ा खतरा है.
अमेरिकन सीनेटर ने रूसी ऑनलाइन गेम्स को अमेरिका के लिए बड़ा खतरा बताते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलीवन को 29 जनवरी को ही एक चिट्ठी लिखी है. अमेरिकन सीनेटर ने अपनी चिट्टी में राष्ट्रपति बाइडेन के ओवल ऑफिस में हुई चर्चाओं के बारे में जिक्र करते हुए ओलंपिक समेत अनेक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले खेलों में रूस और उनके खिलाड़ियों को रोकने की अमेरिकन नीतियों को भी कबूला है.
रूस को रोकने की कोशिश नाकाम क्यों?
अमेरिकी सीनेटर ने लिखा है कि व्हाइट हाउस को इस बात का अंदाजा नहीं है कि ओलंपिक खेलों में रूस की सफलता का अमेरिका और बाकी दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ा है. सीनेटर रोमनी ने इस बात को भी कबूला है कि अनेक अंतरराष्ट्रीय खेल संस्थाओं पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए अमेरिका ने रूस को रोकने की जितनी कोशिशें की उसका उम्मीद के मुताबिक कोई खास फायदा देखने को नहीं मिला.
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ऑनलाइन गेम्स को लेकर अमेरिकन सीनेटर की चिंता
अमेरिकन सीनेटर मिट रोमनी ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि जब अमेरिका रूसी एथलीटों को रोकने में जुटा था उस दौरान रूस ने ऑनलाइन गेम्स के क्षेत्र में अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज करानी शुरू कर दी थी. अमेरिकी एनएसए से अपील करते हुए उन्होंने लिखा है अमेरिका को तुरंत ही इसे रोकने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए वरना फिजिकल गेम्स की तरह ई-स्पोर्ट्स में भी रूस अपना प्रभाव कायम कर लेगा.

अमेरिकी सीनेटर के लिखे लेटर की प्रति
फरवरी के अंत में रूस में आयोजित फिजिकल गेम्स ऑफ फ्यूचर को लेकर अमेरिका की तरफ से किसी तरह के जवाबी एक्शन की तैयारी नहीं होने पर चिंता जताते हुए कहा है कि रूस इस कार्यक्रम में पारंपरिक खेलों और ऑनलाइन गेम्स को मिलाने का एक नया प्रयोग कर रहा है जिससे साइबर स्पेस मे रूसी खिलाड़ी छा जायेंगे.
जानें आखिर क्या होता है ई-स्पोर्ट्स
कुछ साल पहले तक यह केवल मनोरंजन या शौक के लिए खेला जाता था लेकिन हाल के समय में इसे ऑनलाइन गेम्स के तौर पर एक नयी पहचान मिल चुकी है. अनुमान के मुताबिक ई-स्पोर्ट्स इंडस्ट्री का दुनिया भर में कई बिलियन डाँलर का कारोबार फैल चुका है और करोड़ लोग इसके प्रशंसक हैं. इससे जुड़ने वाले लोगों की औसतन उम्र 18 से 35 वर्ष की है.
इसकी शुरुआत भले ही चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देशों से हुई लेकिन अब यह पूरी दुनिया में तेजी से लोकप्रिय है.रूस, भारत और दूसरे देश भी इस क्षेत्र में अपनी जोरदार मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं. अमेरिका में खेल नीतियों में अहम भूमिका निभाने वाले सीनेटर मिट रोमनी ने इस क्षेत्र में अमेरिका के पिछड़ने पर चिंतित हैं और बाइडन प्रशासन से कदम उठाने की मांग की है.
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