JEE Advanced क्यों है दुनिया की दूसरी सबसे कठिन परीक्षा? कितने नंबर पर होते हैं…

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JEE Advanced क्यों है दुनिया की दूसरी सबसे कठिन परीक्षा? कितने नंबर पर होते हैं…
JEE Advanced क्यों है दुनिया की दूसरी सबसे कठिन परीक्षा? कितने नंबर पर होते हैं पास

JEE Advanced को दुनिया की दूसरी सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है.

JEE Advanced दुनिया की दूसरी सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है, देश के 23 आईआईटी में प्रवेश के लिए आयोजित इस इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के जरिए ही आईआईटी की 17 हजार से ज्यादा इंजीनियरिंग सीटों पर प्रवेश मिलता है. वर्ल्ड और स्टैस्टिक्स के डाटा के हिसाब से JEE Advnaced यूपीएससी से भी कठिन माना जाता है. इस सूची में पहले नंबर पर चीन की गाओकाओ एग्जाम है, वहीं तीसरे नंबर पर संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विस परीक्षा है.

एग्जाम पेपर की बात करें तो JEE Advanced को हल करने में नीट यूजी और जेईई मेन से भी ज्यादा समय लगता है और कटऑफ बेहद कम रहती है.एक्सपर्ट की मानें तो जेईई एडवांस्ड इतनी कठिन परीक्षा है जिसका एक प्रश्न हल करने के लिए औसतन 3 मिनट 30 सेकेंड का वक्त दिया जाता है, जबकि नीट यूजी में ये औसत 1 मिनट और जेईई मेन में 2 मिनट है.

पिछले वर्षों में कैसा रहा हाल

अगर 2024 की बात करें तो जेईई एडवांस्ड परीक्षा हल करने के लिए छात्रों को 6 घंटे का समय दिया गया था, जिसमें तकरीबन 102 प्रश्न पूछे गए थे. इसमें तीन घंटे के एक पेपर में कुल 51 प्रश्न पूछे जाते हैं. पिछले वर्ष इन्हें हल करने के लिए फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ के 17-17 प्रश्न पूछे गए थे, जबकि जेईई मेस में 3 घंटे में 90 प्रश्न हल करने होते हैं, जबकि नीट यूजी में 180 सवाल हल करने के लिए 3 घंटे का समय दिया जाता है.खास बात ये है कि ये अकेली ऐसी परीक्षा है जिसमें अभी भी किसी भी कैंडिडेट का परफेक्ट स्कोर नहीं हुआ.

हर बार पूछे जाते हैं नए प्रश्न

JEE Advanced की एक खासियत यह भी है कि इस एग्जाम में कभी भी प्रश्न रिपीट नहीं होते.इसका पेपर तैयार करने का जिम्मा हर साल किसी आईआईटी को दिया जाता है. पैटर्न भी बदलता रहता है. यानी की इस परीक्षा को पास करने की संभावना उस अभ्यर्थी की ज्यादा होती है, जिसका कांस्पेप्ट पहले से क्लीयर है.

70% से ज्यादा असफल

यह एग्जाम कितना कठिन है इसका अंदाजा इसको पास करने वाले छात्रों के आंकड़े से भी लगाया जा सकता है. परीक्षा में तकरीबन 70 प्रतिशत अभ्यर्थी असफल हो जाते हैं. कटऑफ का आलम ये रहता है कि अगर 55 नंबर भी आ गए तो सफलता को चांस बढ़ जाते है. आंकड़ों के लिहाज से देखें तो 2024 में 109 अंक लाने वालों को सफलता मिली है, जबकि 2023 में 86, 2022 में 55, 2021 में 63 अंक लाने वाले भी सफल हुए हैं.

ओवरऑल नहीं, हर सब्जेक्ट क्लीयर करना जरूरी

खास बात ये है कि JEE Advnaced का ओवरऑल पेपर क्लीयर करने से ही छात्र पास नहीं होता, उसे हर विषय का पेपर क्लीयर करना होता है, मसलन उसे फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ तीनों पेपर में पास होने वाले नंबर लाने जरूरी होते हैं. अगर किसी छात्र ने ओवरऑल कटऑफ प्राप्त कर ली है, लेकिन कोई विषय वह पास नहीं कर पाया है तो उसका चयन नहीं माना जाता.

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