जिस संगठन की ताकत का दुनिया में डंका, सऊदी उसे क्यों दे रहा गच्चा? | brics new… – भारत संपर्क

0
जिस संगठन की ताकत का दुनिया में डंका, सऊदी उसे क्यों दे रहा गच्चा? | brics new… – भारत संपर्क

ब्रिक्स दुनियाभर की उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का एक वैश्विक मंच है. ब्राजील, रूस, भारत, चीन और साउथ अफ्रीका, ये पांच इसके सदस्य देश हैं मगर अब इसमें कुछ नए सदस्य भी जुड़ गए हैं. यूएई, इजिप्ट, ईरान और इथियोपिया को लेकर तो कोई असमंजस की स्थिति नहीं लेकिन, सऊदी अरब को लेकर थोड़ी दुविधा है. सवाल है कि सऊदी ने ब्रिक्स जॉइन किया है या अभी वो महज विचार कर रहा है?

एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, अभी भी सऊदी ने औपचारिक तौर पर ब्रिक्स में जुड़ने की बात नहीं कही है. यह बात न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को एक सऊदी अधिकारी ने बताई है. ये बात अपने आप में थोड़ी अजीब इसलिए भी है क्योंकि सऊदी अरब ही के विदेश मंत्री नलेदी पंडोर ने ये दावा किया था कि सऊदी किंगडम ने ब्रिक्स समूह को जॉइन कर लिया है.

पहले अर्जेंटीना ने कहा ‘नो’

ब्रिक्स ने पिछले साल अगस्त में सऊदी अरब, यूएई, इजिप्ट, ईरान, अर्जेंटीना और इथियोपिया को 1 जनवरी से इस वैश्विक मंच के साथ जुड़ने के लिए इनविटेशन भेजा था. बाद में पिछले साल अर्जेंटीना में जब सत्ता परिवर्तन हुआ यानी जेवियर मिली नए राष्ट्रपति बन गए तो उन्होंने ये कह दिया की अर्जेंटीना इस समूह का अभी हिस्सा नहीं बनेगा. तब अर्जेंटीना के फैसले को चीन के विरोध में अमेरिका के लिए समर्थन करार दिया गया था. जेवियर को चीन विरोधी समझा जाता है. वह अपने आप को अराजक पूंजीवदी कहते हैं.

ये भी पढ़ें

ये भी पढ़ें – कहानी फ्रांस के बुलडोज़र राष्ट्रपति की जिसने भारत का तब साथ दिया जब सब उसके खिलाफ हो गए!

बदल जाएगा ग्लोबल ऑर्डर!

ब्रिक्स में और देशों का शामिल होना इसे आर्थिक तौर पर और ताकत देगा. ब्रिक्स की कोशिश है कि वह ग्लोबल साऊथ का चैंपियन बनकर उभरे. इन नए देशों के शामिल होने के बाद ब्रिक्स की इस कोशिश को पंख मिलेंगे. हालांकि जो अभी सूरत-ए-हाल है जहां अर्जेंटीना का मना करना, सऊदी अरब का फरवरी आ जाने के बाद भी महज विचार करने की बात समूह की मुश्किलें बढ़ा सकता है. कहा जा रहा है कि ब्रिक्स का आकार बढ़ने से जो ग्लोबल ऑर्डर है, उसमें फेरबदल की स्थिति दिख सकती है.

सऊदी के न जुड़ने का असल कारण

फैसल अलीब्राहिम सऊदी अऱब के फिलहाल अर्थव्यवस्था से जुड़े मामलों के मंत्री हैं. उन्होंने पिछले ही महीने ये कहा था कि सऊदी अरब अब भी इस मामले को देख-परख ही रहा है. अभी उसने जुड़ने का तय नहीं किया है. सऊदी अरब की राजधानी रियाद है. रियाद दरअसल इस चिंता में है कि चीन, रूस और अमेरिका के बीच जो जियो-पोलिटीकल टेंशन यानी भू-राजनीतिक तनाव की स्थिति है, उसमें क्या रूख लिया जाए. ब्रिक्स के साथ अगर सऊदी आता है तो यह अमेरिका के लिए एक झटका कम होगा. वहीं सऊदी का पड़ोसी और जल्फ कॉपरेशन काउंसिल यानी जीसीसी के सदस्य देश यूएई ने कहा है कि उसने ब्रिक्स को जॉइन कर लिया है.

ये भी पढ़ें – सब दिन होत न एक समान! कहानी AI सुपरस्टार सैम ऑल्टमैन के घर वापसी की

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ICC को मेरे पांव धोकर पीना चाहिए… सबसे तेज गेंद के रिकॉर्ड पर ये क्या बोल… – भारत संपर्क| सुशासन के एक वर्ष पूर्ण होने पर वरिष्ठजनों का हुआ सम्मान — भारत संपर्क| बालको सस्टेनेबिलिटी से उर्जा संरक्षण को दे रहा है बढ़ावा- भारत संपर्क| विजय दिवस की अद्भुत कथा, डॉ. संजय अनंत की कलम से.. — भारत संपर्क| इंदौर: दो युवकों के बीच संबंध, एक की शादी तय हुई तो दूसरे ने खोया आपा… चा… – भारत संपर्क