मुकेश चंद्राकर की मौत पर क्यों शेयर हो रही है प्रदीप सैनी की ये कविता, लोग ऐसे दे रहे…


मुकेश को लोग ऐसे दे रहे हैं श्रद्धांजलिImage Credit source: Social Media
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की बेरहमी से हत्या कर दी गई. उनका शव एक प्राइवेट फार्म हाउस के सेप्टिक टैंक में मिला. यह फार्म हाउस एक ठेकेदार था, जिसका नाम सुरेश चंद्राकर था. इस मर्डर केस का मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर ही है. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. वहीं, इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार लोगों में सुरेश चंद्राकर का भाई भी शामिल है.
यह खबर सोशल मीडिया पर #पत्रकार मुकेश, #MukeshChandrakar और #justiceformukesh जैसे हैशटैग के साथ टॉप ट्रेंड पर है. लोग इन्हीं हैशटैग के साथ अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. साथ ही प्रदीप सैनी की एक कविता को भी पोस्ट कर रहे हैं.
यहां देखिए लोगों के रिएक्शन
झूठ की इतनी हिम्मत हो गई है.. कि उसके खिलाफ बोलने वाले को मार दिया जा रहा है…!!
#bastar #mukeshchandrakar #justiceformukesh #Chhattisgarh pic.twitter.com/TMXUDRDtY2
— Jitendra S Jorawat (@perfecttonn) January 4, 2025
स्थानीयता के सारे संघर्ष ख़तरनाक हैं
स्थानीयता के सारे संघर्ष ख़तरनाक हैं
भले ही वे कविता में हों या जीवन में।-/प्रदीप सैनी#MukeshChandrakar #JusticeForMukesh #Chhattisgarh #journalist #Bijapur pic.twitter.com/ft2xNiySM7
— फैजान | فیضان (@faizaaan_0) January 4, 2025
सख्त कार्यवाही की मांग
स्वतंत्र आवाज जब पत्रकार ही सुरक्षित नहीं तो कौन सुरक्षित है छत्तीसगढ़ की ये घटना बेहद दुःखद है दोषियों पर शख्त कार्यवाही हो #JusticeForMukesh pic.twitter.com/Yy3gsZcuU5
— AJAY KUMAR ADVOCATE 🇮🇳 (@AJAYKUM52590777) January 4, 2025
विनम्र श्रद्धांजलि
विनम्र श्रद्धांजलि Mukesh दादा 😢💐🙏
भ्रष्टाचार उजागर करने वाले पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या #JournalistMurder #MukeshChandrakar #CorruptionExposed #JusticeForMukesh #PressFreedom#Chhattisgarh— Ram Kumar Thakur (@RamKuma55981390) January 3, 2025
‘स्थानीयता’
एक पत्रकार की हत्या हो गई,
इस बारे में कोई बात नहीं होगी!
प्रेस क्लब में कोई शोकसभा नहीं होगी!
क्योंकि मुकेश चंद्राकर छोटा पत्रकार था,
जिसे न दिल्ली पत्रकार मानती है,
न दिल्ली के बड़े पत्रकार!प्रदीप सैनी की एक कविता है
‘स्थानीयता’आसान है करना प्रधानमंत्री की आलोचना
— अनुभव नरवाल (@anubhav_narval) January 3, 2025
बता दें कि मुकेश चंद्रकार 1 जनवरी की शाम से लापता हो गए थे, उनके घरवालों ने उनके फोन पर उन्हें संपर्क करने की काफी ज्यादा कोशिश की इसके बाद उनके बड़े भाई ने उनकी गुमशुदगी को लेकर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसके बाद एसपी ने फौरन एक टीम बनाई जो मुकेश की तलाश में जुट गई और 3 जनवरी को किसी ठेकेदार के प्राइवेट प्लॉट में बने एक टैंक में उसका शव मिला.