रईसी का अंतिम संस्कार मशहद में ही क्यों, ईरान के लिए क्यों खास है यह शहर? | Why… – भारत संपर्क

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रईसी का अंतिम संस्कार मशहद में ही क्यों, ईरान के लिए क्यों खास है यह शहर? | Why… – भारत संपर्क
रईसी का अंतिम संस्कार मशहद में ही क्यों, ईरान के लिए क्यों खास है यह शहर?

इब्राहिम रईसी के पार्थिव शरीर को गुरुवार को मशहद में दफनाया जाएगा.Image Credit source: फोटो- Getty Images

राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत के बाद ईरान में पांच दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है. ईरान के उपराष्ट्रपति मोहसिन मंसूरी ने ऐलान किया गया है कि इब्राहिम रईसी के पार्थिव शरीर को मशहद में दफनाया जाएगा. रईसी की मौत के बाद ईरान की सरकार के नए मुखिया का ऐलान किया गया है. अब मोहम्मद मोखबर ईरान के नए राष्ट्रपति हैं.

मंसूरी ने कहा कि शोक समारोह में भाग लेने के लिए कई प्रांतों में लोग लगातार अनुरोध कर रहे हैं, इसलिए ईरानी शिक्षा मंत्रालय ने मंगलवार से शुक्रवार तक सभी छात्रों की परीक्षाओं को रद्द कर दिया है. उनका अंतिम संस्कार मशहद में किया जाएगा.

रईसी के अंतिम संस्कार के लिए मशहद क्यों चुना?

मशहद ईरान का बहुत अहम शहर है. राजधानी तेहरान के बाद दूसरा सबसे बड़ा शहर है. इसे ईरान की अध्यात्मिक राजधानी कहते हैं. 2009 में मशहद को आध्यात्मिक राजधानी बनाने की घोषणा की गई थी. अफशारी राजवंश के दौर में मशहद ही ईरान की राजधानी थी. ईरान में सफाविद काल के दौरान केवल 13 शहर थे और मशहद उनमें से एक था. यहां इमाम रजा की दरगाह में घंटी बजाई जाती है. पूरी दुनिया में यह ऐसी एकमात्र दरगाह है.

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जब रईसी के हेलीकॉप्टर के क्रैश होने की खबरें आईं तो ईरान के सबसे अहम शिया तीर्थस्थल इमाम रजा के मकबरे से प्रार्थनाओं का सिलसिला चला. रईसी की मौत की पुष्टि होने के बाद इसी तीर्थस्थल से उनकी मौत की घोषणा भी की गई. यह शहर रईसी का जन्मस्थल होने के साथ आध्यात्मिक राजधानी है, इसलिए उनके अंतिम संस्कार के लिए इसे चुना गया. हालांकि, ईरान की तरक्की में इस शहर का बहुत बड़ा योगदान है. अब उसे भी समझ लेते हैं.

Imam Reza Shrine

इमाम रजा का मकबरा. फोटो- Getty Images

एक रिपोर्ट के मुताबिक, मशहद शब्द अरबी भाषा में शब्द मजार से आया है. यही वो जगह है जहां इमाम रजा की दरगाह है.यहां का मौसम दूसरे शहरों के मुकाबले अलग होता है. गर्मियों में तापमान 40 डिग्री तक पहुंच जाता है. वहीं, सर्दियों में कड़ाके की ठंड पड़ती है और बर्फबारी तक होती है.

ईरान के लिए इसलिए जरूरी है मशहद

मशहद, ईरान का दूसरा सबसे बड़ा शहर होने के साथ अपनी वास्तुकला, समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक खूबियों के लिए महहूर है. यह पारंपरिक फ़ारसी संगीत, ईरानी फूड और सुंदर बगीचों का केंद्र है, जो पर्यटकों को आकर्षित करता है. यह शहर इमाम रज़ा तीर्थस्थल, दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक और प्रसिद्ध नादिर शाह मकबरा का घर है.

अर्थव्यवस्था के नजरिए से देखें तो भी यह शहर ईरान के लिए खास है. मशहद को केसर की पैदावार के लिए भी जाना जाता है. यहां की जलवायु और मिट्टी ऐसी है जो केसर की पैदावार के लिए बिल्कुल उपयुक्त मानी जाती है. यहां बड़े पैमाने पर हैंडीक्राफ्ट तैयार किया जाता है जो दुनिया के कई देशों में एक्सपोर्ट किया जाता है.

Mashhad

मशहद कार्पेट के लिए भी मशहूर है. फोटो- Getty Images

मशहद कार्पेट के लिए भी मशहूर है.मशहद को मेडिकल टूरिज्म के लिए भी जाना जाता है. एडवांस हेल्थकेयर फैसिलिटीज के कारण ईरान और दुनिया के कई देशों के मरीज यहां पहुंचते हैं. मेडिकल सेक्टर के अलावा यहां बड़ी संख्या में यूनिवर्सिटी और शैक्षणिक संस्थान हैं जहां पढ़ने के लिए स्टूडेंट्स आते हैं. मशहद कार्पेट ट्रेडिंग का हब है. जो अपनी खास डिजाइन वाली कार्पेट के लिए दुनियाभर में मशहूर है. बड़े स्तर पर दुनिया के कई देशों में यहां की कार्पेट एक्सपोर्ट की जाती है. अगर पर्शियन म्यूजिक से लगाव रखते हैं तो मशहद जरूर पसंद आएगा. यहां पर्शियन संगीत को धरोहर की तरह संरक्षित रखा गया है.

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